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Haryana: सीएम खट्टर ने की बड़ी घोषणा, अब श्रमिकों के बच्चों को हर साल मिलेगी 10 हजार रुपये छात्रवृत्ति

Haryana सीएम मनोहर लाल खट्टर ने बड़ी घोषणा की है। श्रमिकों के बच्चाें को अब नौवीं से स्नातक तक पढ़ाई के लिए हर साल 10 हजार रुपये छात्रवृत्ति मिलेगी। रेवाड़ी के निमोठ और पलवल के औरंगाबाद गांव में पुस्तकालय बनाया जाएगा।

By Jagran NewsEdited By: MOHAMMAD AQIB KHANPublished: Sun, 28 May 2023 08:44 PM (IST)Updated: Sun, 28 May 2023 08:44 PM (IST)
Haryana: सीएम खट्टर ने की बड़ी घोषणा, अब श्रमिकों के बच्चों को हर साल मिलेगी 10 हजार रुपये छात्रवृत्ति
Haryana: श्रमिकों के बच्चों को अब हर साल मिलेगी 10 हजार रुपये छात्रवृत्ति : जागरण

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़: हरियाणा में पंजीकृत श्रमिकों के बच्चाें को अब नौवीं से स्नातक तक पढ़ाई के लिए हर साल 10 हजार रुपये छात्रवृत्ति मिलेगी। श्रम कल्याण बोर्ड द्वारा अभी तक नौवीं-दसवीं में सात हजार रुपये, 11वीं से 12वीं तक 7750 रुपये तथा उच्च शिक्षा के लिए 8500 रुपये वार्षिक छात्रवृत्ति दी जा रही थी। रेवाड़ी के निमोठ और पलवल के औरंगाबाद गांव में पुस्तकालय बनाया जाएगा।

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मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने रविवार को नई दिल्ली से आडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हरियाणा भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मगार कल्याण बोर्ड में पंजीकृत श्रमिकों व उनके बच्चों से सीधे संवाद में छात्रवृत्ति बढ़ाने की घोषणा की। संवाद के दौरान रेवाड़ी जिले के निमोठ गांव की भावना ने गांव में एक पुस्तकालय बनाने की अपील की।

इसी तरह पलवल से जुड़े आकाश के पिता ने औरंगाबाद गांव में पुस्तकालय बनाने का अनुरोध किया। इस पर मुख्यमंत्री ने दोनों स्थानों पर यथाशीघ्र पुस्तकालय खोलने का वादा करते हुए कहा कि आर्थिक विकास में श्रमिकों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। भूमि, पूंजी, उद्यमिता तथा श्रम ऐसे चार आधार स्तंभ हैं, जिन पर हर देश की अर्थव्यवस्था का निर्माण होता है। इनमें से चौथा स्तंभ श्रम सबसे महत्वपूर्ण है।

हरियाणा विकास के मामलों में नई बुलंदियां छू रहा है। इसका श्रेय मेहनतकश श्रमिकों को जाता है। बाक्स असंगठित श्रमिकों का पंजीकरण करने में हरियाणा देश में प्रथम स्थान पर हरियाणा में लगभग 25 प्रतिशत श्रमिक संगठित क्षेत्र में और 75 प्रतिशत श्रमिक असंगठित क्षेत्र में कार्यरत हैं।

प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन योजना के तहत असंगठित श्रमिकों का पंजीकरण करने में हरियाणा प्रथम स्थान पर है। अब तक इस योजना के तहत आठ लाख 19 हजार 564 लाभर्थियों का पंजीकरण किया जा चुका है। श्रमिकों के बच्चों को पहली कक्षा से स्नातकोत्तर तक 20 हजार रुपये वार्षिक तक की आर्थिक सहायता दी जा रही है। तकनीकी व व्यावसायिक संस्थानों में पढ़ रहे बच्चों के छात्रावास का एक लाख 20 हजार रुपये वार्षिक तक का खर्च भी सरकार द्वारा वहन किया जाता है।

मेधावी बच्चों को 51 हजार रुपये तक प्रोत्साहन राशि

मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रमिकों को मेधावी बच्चों के लिए 10वीं और 12वीं कक्षा में शैक्षणिक उत्कृष्टता के आधार पर 21 हजार से 51 हजार रुपये तक की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। व्यावसायिक कोर्सों में प्रवेश परीक्षाओं की कोचिंग के लिए 20 हजार रुपये तक तथा संघ लोक सेवा आयोग एवं हरियाणा लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा पास करने पर मुख्य परीक्षा की तैयारी हेतु श्रमिकों के बच्चों को एक लाख रुपये की सहायता प्रदान की जाती है।


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