Haryana: हिरासत में पिटाई का मामला पहुंचा हाई कोर्ट; सीआईए स्टाफ पर दो लाख रुपये की वसूली का आरोप
सीआईए स्टाफ पर अवैध हिरासत बर्बरता से पिटाई व छोडऩे की एवज में दो लाख रुपये की रिश्वत लेने का आरोप लगाते हुए पीड़ित बस ड्राइवर ने हाई कोर्ट से गुहार लगाई है। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने याचिका पर कड़ा रुख अपनाते हुए हरियाणा पुलिस को फटकार लगाई है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़: सीआईए स्टाफ पर अवैध हिरासत, बर्बरता से पिटाई व छोडऩे की एवज में दो लाख रुपये की रिश्वत लेने का आरोप लगाते हुए पीड़ित बस ड्राइवर ने हाई कोर्ट से गुहार लगाई है। मेडिकल रिपोर्ट के साथ दाखिल इस याचिका पर कड़ा रुख अपनाते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा पुलिस को फटकार लगाई है। साथ ही नूंह के एसपी को इस बारे में हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है।
याचिका दाखिल करते हुए मुबारिक ने हाई कोर्ट को बताया कि वह निजी स्कूल की बस का ड्राइवर है और 24 अप्रैल को एक कार में आए कुछ लोगों ने उसे सुबह हिरासत में ले लिया। इसके बाद उसे लेकर वे सीआईए स्टाफ गए और वहां पर याची की पिटाई की गई।
याची के परिजनों को जब इस बारे में पता चला तो उन्होंने सीआईए स्टाफ के लोगों से याची को छोडऩे का निवेदन किया। उन्होंने इसकी एवज में 3 लाख रुपये मांगे और न देने की सूरत में झूठे केस में फंसाने की बात कही। याची के परिजनों ने दो लाख रुपये दिए तब जाकर रात साढ़े 12 बजे उसे छोड़ा गया।
याची ने अगले दिन जाकर पुन्हाना सरकार अस्पताल में मेडिकल करवाया जिसमें उसे चार गंभीर चोट दर्ज की गई। इस बारे में थाने से लेकर डीजीपी को शिकायत देने के बावजूद कार्रवाई नहीं हुई तो याची को हाईकोर्ट की शरण लेनी पड़ी। हाई कोर्ट ने याची पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद अब इस बारे में मेवात के एसपी को हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है।