पशुओं के प्रति क्रूरता को रोकने के लिए उठाए गए कदमों का AWBI करेगा आकलन, हाई कोर्ट में देंगे जांच रिपोर्ट
हरियाणा व पंजाब में पशुओं के प्रति क्रूरता की रोकथाम के नियम के तहत पशु चिकित्सालय और पशु आश्रय में सभी सुविधा है। एनिमल वेलफेयर बोर्ड आफ इंडिया व मोगली एंड एनिमल वेलफेयर सोसाइटी इस बाबत जांच कर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में रिपोर्ट देंगे। इन रिपोर्ट को देखने के बाद तय होगा कि राज्य ने नियमों के तहत कदम उठाए है या असफल रहा है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़: एनिमल वेलफेयर बोर्ड आफ इंडिया व मोगली एंड एनिमल वेलफेयर सोसाइटी इस बात की जांच करेगी कि हरियाणा व पंजाब में पशुओं के प्रति क्रूरता की रोकथाम (Prevention of Cruelty to Animals) के नियम के तहत पशु चिकित्सालय और पशु आश्रय में सभी सुविधा है। दोनो इस बाबत जांच कर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में रिपोर्ट देंगे।
हाई कोर्ट ने कहा कि वह इन रिपोर्ट को देखने के बाद तय करेगा कि क्या राज्य ने नियमों के तहत कदम उठाए है या असफल रहा है। रिपोर्ट देखने के बाद ही हाई कोर्ट इस मामले में आगे आदेश जारी करेगा। हाई कोर्ट के जस्टिस विनोद एस भारद्वाज ने मोगली एड एनिमल वेलफेयर सोसाइटी, चंडीगढ़ द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किए हैं।
याचिका के अनुसार, पशुओं के प्रति क्रूरता की रोकथाम (क्रूरता की रोकथाम के लिए समितियों की स्थापना और विनियमन) के नियम 4 (1) के अनुसार, अस्पताल और पशु आश्रय के निर्माण के उद्देश्य से जिला एसपीसीए को पर्याप्त भूमि और अन्य सुविधाएं प्रदान करना आवश्यक है। पशुओं के लिए अस्पताल या पशु आश्रय के प्रभावी संचालन और रख रखाव के लिए एक पूर्णकालिक पशु चिकित्सक और अन्य कर्मचारियों को उपलब्ध कराना भी आवश्यक है।
पशुओं के प्रति क्रूरता की नहीं हो रही रोकथाम
हाई कोर्ट को बताया गया कि भारत सरकार द्वारा आधिकारिक राजपत्र में पशुओं के प्रति क्रूरता की रोकथाम (पशुओं के प्रति क्रूरता की रोकथाम के लिए सोसायटी की स्थापना और विनियम) नियम, 2001 अधिसूचित हुए होने के लगभग 20 वर्ष बीत चुके हैं, फिर भी राज्य सरकार द्वारा इसका सही पालन नहीं की जा रही।
नियमों को सही ढंग से लागू करने की मांग
याचिका में कोर्ट से इस बाबत जारी नियमों को सही ढंग से लागू करने की मांग की है। इस पर हाई कोर्ट ने पंजाब एवं हरियाणा के लगभग हर जिले के लिए 22 लोकल कमिश्नर की नियुक्ति भी की थी उन्होंने सोसाइटी फार प्रिवेंशन आफ क्रुएल्टी टू एनिमल्स (एसपीसीए) के लिए पशु चिकित्सालय और पशु आश्रयों के निर्माण के लिए भूमि और अन्य सुविधाओं की उपलब्धता की जांच कर हाई कोर्ट में रिपोर्ट दी थी।
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