आयुष्मान लाभार्थियों को नागरिक अस्पताल में सीटी स्कैन और डॉपलर के लिए करनी पड़ रही जेब ढीली
आयुष्मान योजना के लाभार्थियों को जिला नागरिक अस्पताल में सीटी स्कैन और डॉपलर टेस्ट कराने के लिए अपनी जेब से पैसे खर्च करने पड़ते हैं। क्योंकि जिला नागरिक अस्पताल और छावनी नागरिक अस्पताल दोनों में चल रही सीटी स्कैन आयुष्मान भारत योजना की पैनल में ही नहीं है। जिसकी वजह से मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर: आयुष्मान योजना के लाभार्थियों को जिला नागरिक अस्पताल में सीटी स्कैन और डॉपलर टेस्ट कराने के लिए अपनी जेब से पैसे खर्च करने पड़ते हैं। क्योंकि जिला नागरिक अस्पताल और छावनी नागरिक अस्पताल दोनों में चल रही सीटी स्कैन आयुष्मान भारत योजना की पैनल में ही नहीं है। जिसकी वजह से मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यही हाल मुख्यमंत्री मुफ्त इलाज योजना के तहत यहां सीटी स्कैन और डॉपलर टेस्ट करवाने वाले मरीजों के भी हैं।
मुख्यमंत्री मुफ्त इलाज योजना के तहत जो मरीज बीपीएल परिवार, एससी परिवार, एसटी परिवार या फिर सरकारी कर्मचारी हैं उन्हें यदि शनिवार, रविवार या किसी भी सरकारी अवकाश के दिन सीटी स्कैन की आवश्यकता पड़ जाए तो उन्हें जिला नागरिक अस्पताल में यह निश्शुल्क सुविधा नहीं मिलेगी। इन्हें भी आम नागरिक की तरह पैसे खर्च करने पड़ेंगे। इसी तरह दोपहर दो बजे के बाद भी यदि इन लाभार्थियों को यह टेस्ट करवाने पड़ जाएं जेब ढ़ीली करनी पड़ती है। क्योंकि दो बजे तक ही मुफ्त पर्ची मिल पाती है।
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इसलिए नहीं मिल रही सुविधा
दरअसल जिला नागरिक और नागरिक अस्पताल के रेडियोलॉजी विभाग के ज्यादातर टेस्ट सभी नागरिकों के लिए मुफ्त होते हैं। इसीलिए आयुष्मान योजना में जिला नागरिक अस्पताल के रेडियोलॉजी विभाग को शामिल ही नहीं किया गया। बड़ी बात यह है कि सीटी स्कैन और डॉपलर टेस्ट को जिला नागरिक अस्पताल में फ्री नहीं होते। इसीलिए जब आयुष्मान योजना का लाभार्थी यहां आता है तो उसे जेब ढीली करनी पड़ती है।
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सरकार को दोहरी चपत
ज्यादातर केस में यह देखने में आता है कि आयुष्मान योजना के लाभार्थियों के पास बीपीएल कार्ड या एसई, एसटी प्रमाण पत्र होता है। आयुष्मान योजना के तहत जब मरीज को लाभ नहीं मिलता तो वह बीपीएल कार्ड दिखाकर निश्शुल्क पर्ची कटवाकर सीटी स्कैन या डॉपलर करवा लेता है। इससे सीटी स्कैन वाले को मुख्यमंत्री मुफ्त इलाज योजना के तहत तय रेट मिल जाते हैं लेकिन सरकार को दोहरी चपत लगती है। यदि सीटी स्कैन वाले मरीज का इलाज प्राइवेट अस्पताल में चल रहा है। क्योंकि प्राइवेट अस्पताल वाला डाक्टर मरीज के सीटी स्कैन के चार्ज अपने बिल में जोड़ देता है। इस तरह सरकार को वह राशि भी प्राइवेट अस्पताल को चुकानी पड़ रही है। जबकि मरीज ने आयुष्मान योजना के तहत टेस्ट ही नहीं करवाया।
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ऐसा नहीं होना चाहिए। जब पूरा नागरिक अस्पताल पैनल में है तो रेडियोलॉजी विभाग भी इसमें शामिल होना चाहिए। आयुष्मान योजना वाले मरीजों के सीटी स्कैन निशुल्क होने चाहिए। इस मामले की जांच करवाई जाएगी।
डॉ. अरविद्रजीत, आयुष्मान नोडल अधिकारी।
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हमें इस बारे में कोई निर्देश नहीं मिले कि आयुष्मान योजना वाले मरीजों का निशुल्क सीटी स्कैन कर सकें। यदि सरकार निर्देश देती है तो हम आयुष्मान वाले मरीजों के भी निशुल्क सीटी स्कैन कर देंगे।
-डॉ. विनीत गुप्ता, नागरिक अस्पताल, सीटी स्कैन सुविधा संचालक।
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फोटो:- 05
मुझे अधरंग का अटैक हुआ था। अभी भी चलने फिरने में असमर्थ हूं। डॉक्टर ने सीटी स्कैन के लिए लिखा है। मैं अपने परिजनों के साथ जिला नागरिक अस्पताल में आया हूं। पहले तो मुझे किसी ने कुछ नहीं बताया। लंबे इंतजार के बाद मुझे कहा गया कि जब तक पीएमओ कार्यालय से लिखवाकर नहीं लाएंगे मुफ्त में टेस्ट नहीं होगा। स्टाफ ने बताया कि सीटी स्कैन आयुष्मान योजना के तहत फ्री नहीं होगा। यह योजना केवल प्राइवेट अस्पताल के लिए ही मान्य है। मेरी आर्थिक स्थिति खराब है इसीलिए तो मैं यहां आया था।
-खेम सिंह, सिघावाला।