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    'चार किताबें पढ़कर बन जाते हैं...', अनिरुद्धाचार्य की युवतियों पर टिप्पणी पर भड़के अनिल विज; बोले- संत और कथावाचक में अंतर

    Updated: Tue, 05 Aug 2025 12:05 AM (IST)

    हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने कथावाचक अनिरुद्धाचार्य की युवतियों पर की गई टिप्पणी की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि संत और कथावाचक में अंतर होता है। विज ने लोगों को कथावाचकों के बजाय संतों के ज्ञान पर ध्यान देने की सलाह दी क्योंकि संत त्याग तपस्या और आध्यात्मिक ज्ञान से ईश्वर से जुड़े होते हैं। उन्होंने कथावाचकों के विवादास्पद बयानों पर भी अपनी राय रखी।

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    अनिरुद्धाचार्य की युवतियों पर टिप्पणी पर भड़के अनिल विज। फाइल फोटो

    जागरण संवादददाता, अंबाला। कथावाचक अनिरुद्धाचार्यअ द्वारा युवतियों पर की गई टिप्पणी पर प्रदेश के परिवहन, ऊर्जा और श्रम मंत्री अनिल विज ने सीधे शब्दों में कहा कि संत और कथावाचक में अंतर है। चार किताबें पढ़कर कथावाचक बन जाते हैं। लोगों को कथावाचकों की बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए बल्कि लोगों को संतों का ज्ञान सुनना चाहिए क्योंकि संत ही परम सत्य लोगों को बता सकते हैं।

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    इन दिनों अनिरुद्धाचार्य का यह वीडियो काफी वायरल हो रहा है। इसी पर विज ने ऐसे कथावाचकों को आड़े हाथों लिया है। विज ने कहा कि कथावाचक और संत में बहुत अंतर होता है। हाल ही में कथावाचक अनिरुद्धाचार्य के कई बयानों पर विवाद खड़ा हुआ है।

    कथावाचक कोई भी चार किताबें पढ़ कर बन जाता है परंतु संत वह होते हैं जिन्होंने धार्मिक, आध्यात्मिक या नैतिक रूप से उच्च दर्जा प्राप्त हो। जिन्होंने आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त कर लिया हो और ईश्वर के साथ एकाकार हो गए हों। लोगों को कथावाचकों के बोलीं पर ध्यान न देकर संतों की वाणी पर अमल करना चाहिए।

    उन्होंने कहा कि संत वहीं है जिसने त्याग, तपस्या व अध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त कर लिया हो और ईश्वर से तार मिला ली हो। कथावाचक कोई भी चार किताबें पढ़कर बन सकता है।

    हाल ही में अभी अनिरूद्धाचार्य जी महाराज ने कई विवादास्पद ब्यान दिए हैं लेकिन संत वहीं होता है जिसने त्याग, तपस्या व अध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त कर लिया हों और जिसने ईश्वर के साथ अपनी तार मिला ली हों। उन्होंने कहा कि ऐसे कथावाचकों की बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए।