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    Farmer Protest: मरीजों को हो रही परेशानी... जाम में फंस रहीं एंबुलेंस, चंडीगढ़ हाईवे बंद; दूसरे रूट से जा रहे एंबुलेंस चालक

    By KULDEEP SINGH CHAHAL Edited By: Shoyeb Ahmed
    Updated: Tue, 13 Feb 2024 07:23 AM (IST)

    किसान आंदोलन के चलते शंभू बार्डर सील है और इस कारण ट्रैफिक को रूट डायवर्ट कर भेजा जा रहा है। इसके अलावा चंडीगढ़ जाने वाले हाईवे भी बंद है और इसके कारण अंबाला से रेफर किए जा रहे मरीजों को ले जाने वाले एंबुलेंस चालकों को भी लंबा रूट से जाना पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर जाम में फंसने के कारण समय भी लग रहा है।

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    किसान आंदोलन के कारण जाम में फंस रहीं एंबुलेंस (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, अंबाला। Farmer Protest: किसान आंदोलन के चलते जहां शंभू बॉर्डर को सील कर रूट डायवर्ट किए जा रहे हैं। वहीं चंडीगढ़ जाने वाले हाईवे को बंद कर दिया गया है, जिसके कारण अंबाला से रेफर किए जा रहे मरीजों को ले जाने वाले एंबुलेंस चालकों को भी लंबा रूट अपनाना पड़ रहा है।

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    दूसरी ओर जाम में फंसने के कारण समय और लग रहा है, जबकि अंबाला-दिल्ली हाईवे का अंबाला से सारा ट्रैफिक डायवर्ट रूटों पर किया जा रहा है।

    एंबुलेंस चालक नहीं ले जा सकेंगे चंडीगढ़

    यही कारण है कि एंबुलेंस को चंडीगढ़ तक पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे मरीज की हालत पर भी संकट खड़ा है। इससे मरीजों के तीमारदारों को परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं, वहीं अस्पताल पहुंचने में भी देरी हो रही है।

    अंबाला से यदि किसी मरीज को चंडीगढ़ सेक्टर 32 या फिर पीजीआइ रेफर किया जाता है, तो इन दिनों उसके लिए दिक्कत है। ऐसे मरीजों को एंबुलेंस चालक सीधे चंडीगढ़ नहीं ले जा सकेंगे।

    शंभू बॉर्डर सील होने से हो रही परेशानी

    इस हाईवे को बंद कर दिया गया है, जिसके कारण यह दिक्कत सामने आई है। शंभू बॉर्डर सील होने के कारण सारा ट्रैफिक डायवर्ट किया है, जिससे अंबाला से गुजरने वाले रास्तों पर वाहनों की संख्या भी बढ़ गई है। इसी कारण से इस में एंबुलेंस भी फंस रही है। अब यदि किसी को चंडीगढ़ जाना है, तो उसके लिए मुलाना, शहजादपुर, बरवाला, पंचकुला होते हुए जाना होगा।

    ऐसी स्थिति में मरीज को रेफर किए गए अस्पताल तक पहुंचाने में एंबुलेंस चालक को सामान्य से अधिक समय लग रहा है। पहले जहां 45 मिनट के आसपास समय लगता था, वहीं अब पंद्रह से बीस मिनट अधिक समय लग रहा है। यह मरीज की गंभीर स्थिति पर भी असर डाल सकता है।