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    झोलाछाप डॉक्टरों की लंबी लिस्ट, सजा के बावजूद नहीं कार्रवाई का डर

    उमेश भार्गव, अंबाला शहर सीएम फ्लाइंग की दो दिन पहले हुई कार्रवाई पर बेशक आयुष चिकित्

    By JagranEdited By: Updated: Sun, 12 Nov 2017 12:26 AM (IST)
    झोलाछाप डॉक्टरों की लंबी लिस्ट, सजा के बावजूद नहीं कार्रवाई का डर

    उमेश भार्गव, अंबाला शहर

    सीएम फ्लाइंग की दो दिन पहले हुई कार्रवाई पर बेशक आयुष चिकित्सक महासंघ ने सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं लेकिन स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के जिले में झोलाछाप डॉक्टरों की लंबी लिस्ट है। इसी साल दो झोलाछाप को अदालत तीन और साढ़े तीन साल की सजा सुना चुकी है। इन पर 2.4 लाख रुपये जुर्माना भी लगा था।

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    सीएम फ्लाइंग की कार्रवाई के दौरान झोलाछाप 10वीं की डिग्री के अलावा बिहार का सर्टिफिकेट ही दिखा पाए थे। स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि स्वास्थ्य मंत्री के विधानसभा क्षेत्र में दो किलोमीटर के दायरे में ही 11 झोलाछाप डॉक्टर हैं। यह वह आंकड़ा है जो जिला आयुष विभाग ने सूचना अधिकार 2005 के तहत उपलब्ध कराया है। दयालबाग चौक से बब्याल तक कुल 11 झोलाछाप डाक्टर स्वास्थ्य विभाग ने बताए हैं। करीब एक साल पहले यह लिस्ट उपलब्ध कराई गई थी। आयुष चिकित्सक ने इन पर कार्रवाई की बात कही थी, लेकिन आज तक इन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

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    इन्हें हुई थी सजा

    अंबाला छावनी में झोलाछाप डॉक्टर राजेश राजन को डॉ. संजीव आर्य की अदालत ने एक लाख का जुर्माना व तीन साल की सजा सुनाई थी। करीब एक माह पहले बीसी बाजार के झोलाछाप डॉक्टर को साढ़े तीन साल की सजा सुनाने के साथ ही 1.40 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। इसके अलावा बेटा पैदा होने की दवा देने वाले झोलाछाप डॉक्टर पर अभी कोर्ट में केस चल रहा है।

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    दयालबाग से बब्याल तक इनको बताया स्वास्थ्य विभाग ने झोलाछाप

    17 मार्च 2016 को दी गई सूचना के तहत जिला आयुर्वेद अधिकारी अंबाला ने माना है कि दयालबाग चौक से बब्याल तक करीब दो किलोमीटर एरिया में डॉ. ओपी सहगल, डॉ. मनीष कपूर, डॉ. जेआर तायल, डॉ. संजीव गाबा, डॉ. रमेश गाबा, डॉ. धर्मपाल शर्मा, फिजियो केयर सेंटर, घई क्लीनिक, डॉ. अरोड़ा, विजय डेंटल लैब, भूषण केयर सेंटर, चैरीटेबल जनरल क्लीनिक एवं लैब सभी झोलाछाप हैं। विभागीय अधिकारियों ने इन पर कार्रवाई की बात की लेकिन हुआ आज तक कुछ नहीं।

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    यह केस नहीं टिक पाए अदालत में

    अंबाला शहर में बक्शीश ¨सह वर्सेज हरियाणा एंड अदर्स व फूल ¨सह वर्सेज स्टेट ऐसे दो मामले भी रहे हैं जिसमें स्वास्थ्य विभाग पकड़े गए झोलाछाप डॉक्टरों पर अदालत में आरोप साबित नहीं कर पाया। लंबे समय तक चले इन दोनों केसों में हरियाणा सरकार को हार का सामना करना पड़ा और दोनों को कोर्ट ने बरी कर दिया था।

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    डॉक्टर दूसरे राज्य की डिग्री पर नहीं कर सकते प्रेक्टिस

    पंजाब आयुर्वेदिक एंड यूनानी प्रेक्टिसनर एक्ट 1963 के तहत जो भी हरियाणा से रजिस्टर्ड हैं, वह प्रेक्टिस कर सकते हैं। केवल 1972 तक जिन आरएमपी डॉक्टरों ने बीएएमएस और बीयूएमएस की डिग्री हासिल की है बेशक उसने बिहार या किसी भी स्टेट से डिग्री प्राप्त की है वह सीधे तौर पर प्रेक्टिस कर सकता है। इसके अलावा अब बीएएमएस और बीयूएमएस दूसरे स्टेट की डिग्री होने पर भी वह प्रेक्टिस नहीं कर सकते और न ही उन्हें हरियाणा में रजिस्टर्ड किया जा रहा है।

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    इन चार झोलाछाप डॉक्टरों पर सीएम फ्लाइंग ने की कार्रवाई

    ईश्वर चंद मटेहड़ी के पास पटना की डिग्री है लेकिन वह हरियाणा में रजिस्टर्ड नहीं है। वहीं दुर्गानगर से पकड़े गए कुलबीर के पास 10वीं की ही डीएमसी थी। घसीटपुर से पकड़े गए सुरेश कुमार के पास भी बिहार की डिग्री थी, लेकिन उसने भी प्रदेश में रजिस्ट्रेशन नहीं कराया था। मोहड़ी से पकड़ा गया झोलाछाप डॉक्टर गजेंद्र कोई डिग्री नहीं दिखा पाया था।

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    वर्जन वर्जन

    हां, लिस्ट तो उपलब्ध कराई थी लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं कर पाए। मेरे पास दो जिलों का चार्ज है। इसीलिए काफी कम समय ऐसे कार्यो पर दे पाते हैं। जिन लोगों के पास बिहार या अन्य राज्य की डिग्री है उन्हें हरियाणा में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। 1972 से पहले आरएमपी डॉक्टर चाहे किसी भी स्टेट से डिग्री वाले हों वह प्रेक्टिस कर सकते हैं लेकिन उसके बाद वाले दूसरों राज्यों के डिग्री प्राप्त बीएएमएस व बीयूएमएस डाक्टर रजिस्ट्रेशन भी नहीं करा सकते।

    डॉ. सतपाल, जिला आयुर्वेदिक अधिकारी।