धुएं में घुटती सांसें... हरियाणा के इस जिले में हवा ‘बहुत खराब’, एक्यूआई पहुंचा 300 के पार
अंबाला में वायु गुणवत्ता सूचकांक 312 तक पहुंचने से हवा 'बहुत खराब' श्रेणी में आ गई है। पंजाब से आने वाले धुएं, पराली जलाने और अन्य कारणों से प्रदूषण बढ़ रहा है। इस स्तर पर सांस लेना मुश्किल है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए। डॉक्टरों ने लोगों को घर के अंदर रहने और सावधानी बरतने की सलाह दी है।

अंबाला में जहरीली हवा: एक्यूआई 312, सांस लेना हुआ दूभर
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर। जिले की हवा बुधवार को बहुत खराब श्रेणी में पहुंच रहीं। सेंट्रल पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी आधिकारिक बुलेटिन के अनुसार, 22 अक्टूबर को शाम चार बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 312 दर्ज किया गया, जोकि बहुत खराब श्रेणी में आता है।
इस स्तर पर हवा में मौजूद सूक्ष्म कण (पीएम 2.5 और पीएम10) इतने अधिक होते हैं कि स्वस्थ व्यक्ति को भी सांस लेने में परेशानी महसूस हो सकती है, जबकि बुजुर्गों, बच्चों और अस्थमा पीड़ितों के लिए यह स्थिति खतरनाक है। बताया जा रहा है कि अंबाला में हवा की दिशा उत्तर-पश्चिम से है।
इस समय पंजाब से आने वाला धुआं सीधे शहर की ओर बढ़ रहा है। साथ ही, नमी और तापमान में गिरावट ने हवा में मौजूद कणों को ज़मीन के पास रोक दिया है, जिससे स्माग की परत और गहरी हो गई है। अंबाला में प्रदूषण का यह स्तर केवल पटाखों या औद्योगिक उत्सर्जन की वजह से नहीं है, बल्कि पंजाब में पराली जलाने, स्थानीय धूल, खुले में कचरा जलाने और बढ़ती वाहन संख्या का संयुक्त असर शहर की हवा पर दिख रहा है।
हवा का स्तर दीपावली से भी खराब
अक्टूबर के आंकड़े साफ बताते हैं कि प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है। 21 अक्टूबर को एक्यूआई शाम चार बजे 234 दर्ज किया गया था जोकि पिछले 24 घंटों में सबसे कम था वहीं 22 अक्टूबर को यह सुबह 8 बजकर 04 मिनट पर 441 तक पहुंच गया था जोकि पूरे माह में सबसे ज्यादा दर्ज किया गया। यह न केवल इस सप्ताह का, बल्कि अक्टूबर माह का भी सबसे खराब स्तर रहा।
तारीख---एक्यूआई स्तर--- श्रेणी
15 अक्टूबर---70 ---संतोषजनक
16 अक्टूबर---133---मध्यम
17 अक्टूबर---89 ---संतोषजनक
18 अक्टूबर---88 ---संतोषजनक
19 अक्टूबर---147 ---मध्यम
20 अक्टूबर---100 ---मध्यम
21 अक्टूबर---234---खराब
22 अक्टूबर---312---बहुत खराब
एक्यूआई 312 का मतलब
एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) वायु में मौजूद छह प्रमुख प्रदूषकों- पीएम2.5, पीएम10, एनओ₂, एसओ₂, सीओ और ओ₃ के औसत स्तर से तय होता है। 312 के स्तर का अर्थ है कि हवा में सूक्ष्म कणों की मात्रा सामान्य सीमा से करीब 5 गुना अधिक है। लंबे समय तक इस स्तर की हवा में रहने से फेफड़ों की क्षमता घटती है और बच्चों में सांस की बीमारियां बढ़ने का खतरा रहता है।
श्रेणी --- एक्यूआई रेंज---स्थिति
0–50--- अच्छा---स्वच्छ हवा
51–100---संतोषजनक ---सामान्य
101–200--- मध्यम--- संवेदनशील लोगों को असर
201–300 ---खराब ---सांस की तकलीफ संभव
301–400---बहुत खराब---अधिकांश को परेशानी
401–500--- गंभीर---स्वास्थ्य के लिए खतरनाक
शहर में सांस लेना हुआ कठिन, बच्चों और बुजुर्गों को सबसे ज्यादा खतरा
अस्पतालों में बीते दो दिनों में सांस और एलर्जी से जुड़ी शिकायतों में करीब 15 प्रतिशत बढ़ोतरी दर्ज की गई है। जिला नागरिक अस्पताल के बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. शुभज्योति प्रकाश पुंज का कहना है, एक्यूआई 400 के पार होने पर बच्चों और बुजुर्गों को घर के बाहर जाने से बचना चाहिए। सुबह की वाक या खेलकूद की गतिविधियां अस्थायी रूप से रोकी जानी चाहिएं। उन्होंने बताया कि इस कारण एलर्जी के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। खांसी-जुकाम के अलावा सांस लेने में दिक्कतें यानी अस्थमा के मरीजों की संख्या भी बढ़ी है। इसी तरह आंखों में जलन और गले में खराश के मामलों में भी इजाफा हुआ है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।