Ahmedabad Plane Crash: 'दोनों इंजन में एक साथ खराबी बहुत दुर्लभ', रिटायर्ड विंग कमांडर विज ने विमान हादसे पर उठाए कई सवाल
अहमदाबाद में एयर इंडिया का बोइंग 787-8 विमान उड़ान भरते ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान में 230 यात्री और 12 क्रू सदस्य थे जिनमें से केवल एक यात्री ही जीवित बचा। विशेषज्ञों के अनुसार विमान के दोनों इंजन में एक साथ खराबी आ गई थी। ब्लैक बॉक्स मिल गया है और जांच जारी है।

जागरण संवाददाता, अंबाला। अहमदाबाद में 242 लोगों को ले जा रहा एयर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर एयरपोर्ट से उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह भारत में अब तक की सबसे खराब विमान हादसे में से एक है। लंदन जा रहे इस विमान में 230 यात्री, 10 क्रू मेंबर और दो पायलट थे।
242 लोगों में से सिर्फ एक व्यक्ति - सीट नंबर 11ए का यात्री - दुर्घटना में बचा है। भारतीय वायुसेना से रिटायर्ड विंग कमांडर एसडी विज ने बताया कि विमान के दोनों इंजन में एक साथ खराबी आ गई जो कि बहुत दुर्लभ है।
उन्होंने कहा कि हवाई जहाज के दोनों इंजन खराब होने की घटनाएं हालांकि दुर्लभ हैं लेकिन इसके कुछ उदाहरण हैं। मिरेकल आन द हडसन, जहां यूएस एयरवेज की उड़ान 1549 के दोनों इंजन पक्षी के टकराने से बंद हो गए थे, लेकिन विमान को सफलतापूर्वक उतारा गया था।
एक और घटना है एयर ट्रांसाट फ़्लाइट 236, जहां ईंधन लीक होने के कारण दोनों इंजन बंद हो गए थे, लेकिन विमान को भी सुरक्षित उतारा गया।
उन्होंने कहा कि किसी ब्लाकेज के कारण इंजन खराब हो सकता है विशेष रूप से, कूलेंट सिस्टम में ब्लाकेज होने से इंजन ज्यादा गर्म हो सकता है, जिससे इंजन ब्लाक में दरार आ सकती है। इसके अलावा, तेल और ईंधन के रास्ते में ब्लाकेज भी इंजन के ठीक से काम न करने का कारण हो सकता है।
टेक आफ करने के बाद भी प्लेन बहुत अधिक ऊंचाई पर नहीं पहुंच पाया था। हो सकता है कि पायलट से कम ऊंचाई पर लिफ्ट हासिल करने में चूक हुई हो। प्लेन केवल 825 फीट ही ऊपर जा पाया था। प्लेन का लैंडिंग गियर अभी नीचे ही था। प्लेन के इंजन ने अपना थ्रस्ट खो दिया था जिससे प्लेन अचानक से नीचे आ गया।
उन्होंने बताया कि यह भी हो सकता है कि पायलट ने गलत टेक-आफ कान्फ़िग्रेशन लिया हो। पायलट को इतनी चढ़ाई पर बने रहने के लिए संघर्ष करना पड़ा होगा। हादसे से पहले पायलट ने मेडे काल किया, लेकिन उसे संभलने का समय नहीं मिल पाया और प्लेन दुर्घटना का शिकार हो गया हो।
विंग कमांडर विज ने बताया कि फिलहाल ब्लैक बाक्स मिल गया है हालांकि जहाज में मौजूद फ्यूल को आग लगने से वहां आग लगने से बहुत ज्यादा तापमान हो गया था। परंतु ब्लैक बाक्स 1400 डिग्री तक तापमान सह सकता है। ब्लैक बाक्स के अध्ययन से और इंक्वायरी से ही बहुत चीजें स्पष्ट हो सकती हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।