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    अंबाला में इलाज के दौरान किशोर की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में की तोड़फोड़, फिर हाथ जोड़कर डॉक्टर से मांगी माफी

    Updated: Thu, 27 Nov 2025 10:20 PM (IST)

    अंबाला के नागरिक अस्पताल में किशोर की मृत्यु के बाद परिजनों द्वारा की गई तोड़फोड़ और डॉक्टर को धमकाने का मामला आपसी समझौते से सुलझ गया। मृतक के परिजनों ने पहले माफी मांगने से इनकार किया, लेकिन बाद में छह सदस्यों ने डॉक्टर से हाथ जोड़कर माफी मांगी और लिखित में माफीनामा दिया। यह समझौता एक घंटे तक चले हंगामे के बाद हुआ।

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    अंबाला: किशोर की मौत पर बवाल, परिजनों ने डॉक्टर से मांगी माफी। सांकेतिक तस्वीर

    जागरण संवाददाता, अंबाला शहर। जिला नागरिक अस्पताल के ट्रामा सेंटर में 23 नवंबर को किशोर कर्तव्य की मौत के बाद परिजनों द्वारा तोड़फोड़ करने व डॉक्टर को धमकाने और गोली देने के मामला वीरवार को आपसी समझौते से सुलझ गया। हालांकि यह समझौता इतना आसान नहीं था।

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    सुबह करीब 11 बजे से लेकर दोपहर 12 बजे तक इस मामले को लेकर ट्रामा सेंटर में हंगामा हुआ। माफी मांगने के लिए आए मृतक के स्वजन पहले यह लिखकर देने के लिए तैयार नहीं हुए कि यदि महिला डॉक्टर वंशिका को कुछ होता है तो इसके जिम्मेदार वह खुद होंगे।

    इसके बाद महिला भावना यह मानने के लिए तैयार नहीं थी कि उसने महिला डॉक्टर को गाली दी। लेकिन मौके पर पुलिसकर्मी ने यह स्पष्ट किया की वह इंग्लिश भाषा में महिला डॉक्टर को गाली दे रही थी। हालांकि भावना की आंखों से आंसू बह रहे थे। उसके भाई ने हाथ जोड़कर सभी से माफी मांगी और कहा कि वह सभी की जिम्मेदारी लेता है।

    यदि वह होता तो इस तरह की घटना ही नहीं होती। लेकिन डॉक्टर का कहना था कि गलती जिन्होंने की है वही माफी मांगे। लंबी जद्दोजहद के बाद परिवार के कुल छह लोगों ने डॉक्टर के समक्ष पहले हाथ जोड़कर बंद कमरे में माफी मांगी इसके बाद लिखित में भी माफी मांगते हुए हस्ताक्षर और अंगूठे लगाए।

    कुल तीन महिलाओं और तीन पुरुषों ने माफी मांगी। बता दें कि 23 नवंबर को बेसुध हालत में परिजन कर्तव्य को लेकर ट्रामा सेंटर में लेकर पहुंचे थे। डॉक्टर वंशिका ने प्राथमिक जांच के बाद मृत घोषित कर दिया था। इसके बाद ही एकजुट हुए परिजनों ने जमकर हंगामा किया था। यहां तक कि कंप्यूटर, प्रिंटर आदि सामान भी गिरा दिया था। ड्यूटी पर तैनात महिला डॉक्टर को भी धमकाया था।

    मामला बिगड़ते देखकर ड्यूटी डॉक्टर ने ट्रामा सेंटर के आपातकालीन द्वार से भागकर खुद को सुरक्षित किया था। हालांकि बाद में बलदेव नगर थाना पुलिस ने आकर मामले को शांत करवा दिया था। 24 नवंबर को फंदा लगाकर आत्महत्या करने वाले किशोर का पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया था। मामला डॉक्टर की सुरक्षा से जुड़ा होने के कारण अस्पताल प्रबंधन ने संज्ञान लेते हुए अंबाला एसपी को मामले की शिकायत देकर कार्रवाई की मांग की थी।