हरियाणा चुनाव के बाद अनिल विज ने खोला था 'गद्दारों' के खिलाफ मोर्चा, अब 'आशीर्वाद' देने वालों पर निशाना
अंबाला छावनी विधानसभा चुनाव में अनिल विज को अपनों और अधिकारियों की गद्दारी का सामना करना पड़ा। चुनाव जीतने के बाद विज ने गद्दारों के खिलाफ मोर्चा खोला और अधिकारियों पर कार्रवाई की। इंडस्ट्रियल एरिया में जलभराव के मुद्दे पर भी विवाद हुआ जिसके बाद मुख्यमंत्री ने हस्तक्षेप किया। सोशल मीडिया पर इस मुद्दे पर मिलीजुली प्रतिक्रियाएं आईं।

दीपक बहल, अंबाला। अंबाला छावनी विधानसभा चुनाव 2024 ...। कई असली -नकली चेहरे बेनकाब कर गया। अनिल विज को सातवीं बार अंबाला कैंट की जनता ने फिर से विधायक तो चुन लिया, लेकिन इस बार विज को दो मोर्चाें पर लड़ना पड़ा। एक तरफ विपक्ष था तो दूसरी ओर भीतरघाती। अपने लोग भी गद्दारी पर उतर गए और विरोधियों से अंदरखाते हाथ मिला लिया।
विज चुनाव जीतने के बाद मंत्री बन गए, लेकिन इस बार गद्दाराें से खफा हैं और मंच से भी इनका नाम ले चुके हैं। विज तो इन गद्दारों के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोल चुके हैं पर अब इनको मिल रहे ऊपर वालों के आशीर्वाद पर निशाना साधा है।
बगावत पर विज के तेवर तल्ख
विज ने दोपहर एक बजकर सत्रह मिनट पर 33 शब्दों का एक्स पर पोस्ट लिख जनता से पूछा कि कमेंट बाक्स में लिखा की अब वे क्या करें, पार्टी को बहुत नुकसान हो रहा है। विज का कभी शुभाआशीष इनके सिर पर था पर आज इनकी बगावत पर विज के तेवर तल्ख हो गए हैं।
विज की यह पोस्ट रात दस बजे तक 62 हजार से अधिक लोग देख चुके हैं, जबकि एक हजार लोग इसे लाइक कर चुके हैं। 130 लोगों ने रीट्वीट कर अपनी बात भी रखी है। खैर, कमेंट बाक्स में मिलीजुली प्रतिक्रियाएं ही हैं। बता दें कि अक्टूबर 2024 में विज चुनाव जीते थे।
चुनाव जीतकर विज ने अपनी पहली बैठक सर्किट हाउस में की और अफसरों को आड़े हाथों लिया था। यहां तक कि डीसी तो इस बैठक से किनार कर छुट्टी लेकर चले गए, जबकि दूसरे नंबर के अधिकारी को मीटिंग से बाहर जाने को कह दिया था।
दरअसल विज की पीड़ा इन अधिकारियों से भी थी, क्योंकि विधानसभा चुनाव में मामला अपनों द्वारा गद्दारी करने का नहीं बल्कि इन अधिकारियों का भी था, जिन्होंने टेंडर होने के बाद भी कार्यों को रोक दिया। सड़कें बननी थी, काम रोक दिए गए ताकि जनता परेशान होकर अपना गुस्सा ईवीएम के माध्यम से निकाले।
पर विज जीते और स्पष्ट कहा कि वे उन अधिकारियों को भी बख्शेंगे नहीं जिन्होंने चुनाव में उनको हराने में अपनी भूमिका अदा की। चुनाव का परिणाम आते ही सड़कें भी बनने लगीं।
सरकार भी विज की पीड़ा पर एक्शन मोड में आई और एक-एक कर जिला के उन अधिकारियों की विदाई कर दी गई, जिन पर विज ने उंगली उठाई थी।
एक के बाद एक मामला आया सुर्खियों में
हाल ही में अंबाला छावनी इंडस्ट्रियल एरिया का मामला भी सुर्खियों में आ गया। इंडस्ट्रियल एरिया पानी में डूब गया और विज ने पानी निकासी के लिए अफसरों को आदेश दिए। पानी निकासी होते ही पार्टी के ही पार्षद ने मोर्चा खोल दिया और लोगों के साथ हाईवे जाम कर दिया।
बाद में पार्टी के जिलाध्यक्ष और पार्षद ने मीडिया में कहा कि मुख्यमंत्री ने आश्वासन दे दिया है कि पानी इंडस्ट्रियल एरिया का कॉलोनियों में नहीं छोड़ा जाएगा।
पार्षद ने तो यहां तक कहा कि इन अधिकारियों का तबादला भी करवा दिया जाएगा। दरअसल पानी निकासी के लिए ट्रायल के तौर पर पाइपें लगाई गई थी, जिसे मोड़ कॉलोनियों में पानी छोड़ने का दे दिया गया और सरकारी मशीनरी तक को क्षतिग्रस्त कर दिया। खैर बाद में विज ने बैठक ली और फिर से पानी निकासी की व्यवस्था बनानी शुरू हो गई।
इस तरह से कमेंट आने लगे सामने
सुमित पूनिया ने तो इस विषय से हटकर विज को दिए विभागों की भी समीक्षा कर दी। वे बोले, ऐसे विभाग दिए गए हैं, जिनमें एक में आए दिन हड़ताल और दूसरे में बिल नहीं भरते और माफी का इंतजार करते हैं। यदि आप कार्रवाई करो तो लोग नाराज और न करें तो पार्टी नाराज।
जींद से भाजपा कार्यकर्ता का दावा करने वाले जसमेर राजना ने कहा कि पार्टी हाईकमान को इस विषय पर संज्ञान लेना चाहिए। जब पार्टी का एक वरिष्ठ नेता और सरकार के पहले पायदान का मंत्रीपद हो, उसकी बात को संज्ञान में पार्टी हाईकमान को जरूर लेना चाहिए।
आशीष अग्रवाल ने लिखा ये सभी वे ही लोग हैं, जिन्होंने विधानसभा चुनाव में विपक्ष के साथ मिलकर अनिल विज को हराने का असफल प्रयास किया था। आज वे खुद ही पार्टी के हितैषी बताते हैं। परवेश शर्मा, अजय बवेजा, नरेंद्र सिंह, गौरव गर्ग आदि ने विज का समर्थन किया, जबकि कईयों ने विरोध में भी अपनी बात रखी।
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