काल बन रहा अंबाला-कैथल हाईवे, कुछ की जान गई, कुछ बने अपाहिज
अंबाला-कैथल हाईवे लोगों के लिए काल बन रहा है। यहां पर लिक रोड से हाईवे पर चढ़ना खतरे से खाली नहीं है। लिक रोड से हाईवे पर चढ़ते समय कई बाइक सवार अपनी जान गंवा चुके हैं और कई अपाहिज बन गए हैं।
अवतार चहल, अंबाला शहर : अंबाला-कैथल हाईवे लोगों के लिए काल बन रहा है। यहां पर लिक रोड से हाईवे पर चढ़ना खतरे से खाली नहीं है। लिक रोड से हाईवे पर चढ़ते समय कई बाइक सवार अपनी जान गंवा चुके हैं और कई अपाहिज बन गए हैं। इस संबंध में 40 गांवों के सरपंच सीएम तक को अपनी शिकायत दे चुके हैं। हाल में मटेहड़ी के पठानमाजरा गुरुद्वारा में कुछ लोगों ने मीटिग करने के बाद विधायक से भी गुहार लगाई, लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ।
अंबाला-कैथल हाईवे को फोरलेन करने की काफी समय से मांग थी, क्योंकि हाईवे पर ट्रैफिक काफी अधिक था और सड़क सिगल रोड थी। इस कारण प्राय: हादसे होते थे। इस सभी हालातों को देखते हुए फोरलेन बनाने का प्रोजेक्ट तैयार किया गया था। इसके लिए किसानों की जमीनों का भी अधिग्रहण किया गया। इस हाईवे को अंबाला से सदौपुर से पिहोवा तक 50 किलोमीटर तक बनाने के लिए 483 करोड़ रुपये खर्च भी किए गए, लेकिन आज भी हाईवे पर लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ रही है।
नहीं नजर आते संकेतक
भले ही कंपनी ने संकेतक लगाकर खानापूर्ति कर दी है, लेकिन यह संकेतक वाहन चालकों को नजर ही नहीं आते। क्योंकि हाईवे पर तेज रफ्तार के साथ वाहन आते हैं। संकेतक डिवाइडर के बीच में हैं और दूसरे छोटे हैं। जिस कारण दिखाई नहीं देते। हाईवे पर यह भी नहीं दर्शाया गया कि पास में गांव है। इनमें कई अवैध कट भी हैं। इन कटों पर न तो कोई रोशनी की व्यवस्था है और नहीं लिक रोड से हाईवे पर चढ़ने वाले वाहनों के लिए व्यवस्था है।
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यहां हैं हाईवे पर कट
सदौपुर, मानकपुर, डडियाना, कालूमाजरा, लोहसिबली, सारंगपुर, बलाना-नारायणगढ़ झुगियां, बलाना-सुल्लर, भड़ी, मटेडी डीबीएल प्लांट, हुमायूंपुर, मटेडी चौक, बकनौर, सकराहो, जनसुई हेड, सैनीमाजरा, ठोल, सौंटा, डलेमाजरा, अजरावर, चम्मूवाला, इस्माइलाबाद, नेहचिटपरा, जलबेहड़ा, लौटनी, गगेंहड़ी, मलिकपुर और पिहोवा।
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यह हो चुके हैं हादसे
---अंबाला से कैथल नेशनल हाईवे 65 पर हर कट पर हादसे हो रहे हैं। सबसे बड़ा हादसा 11 नवंबर को हुआ। जिसमें गांव मटेहड़ी के पास श्रद्धालुओं से भरी हुई बस अनियंत्रित होकर पलट गई थी। उसमें एक महिला की मौत भी हो गई थी, इसके अलावा 25 के करीब श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
---15 दिन पहले डोली वाली कार का हादसा एक की मौत।
---बीते दो दिन पहले गांव गोबिदगढ़ के बाइक सवार व्यक्ति को कार ने चपेट में ले लिया और मौत हो गई।
---बिजली बोर्ड का कर्मी जसविद्र अपनी बाइक पर था, हादसे में उसकी भी मौत हो गई।
---मटेहड़ी का रहने वाला काका बाइक पर था, हादसे में उसकी भी मौत हुई।
---मटेहड़ी का रहने वाला राजू भी हादसे का शिकार हो गया, जिससे अपाहिज हो गया।
---इसी तरह मटेहड़ी के ही निर्मल की हादसे में टांग टूट गई।
---तीन माह पहले हादसे में छह गाड़ियां टकरा गई, लेकिन बचाव हो गया।
---दिसंबर के पहले सप्ताह में गांव बलाना के पास तेज रफ्तार कार ने तीन महिलाओं टक्कर मार कर बुरी तरह जख्मी कर दिया था।
---24 दिसंबर को लोहसिबली रोड पर बाइक सवार दो बुजुर्गो को कार ने मारी टक्कर।
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कंपनी और एनएचएआइ की लापरवाही
-नेशनल हाईवे 65 नंबर बनाने में कंपनी और एनएचएआइ की लापरवाही साफ तौर पर नजर आ रही है। कंपनी ने जहां हाईवे के निर्माण में खानापूर्ति कर दी। एनएचएआइ ने भी कंपनी के काम को बिना जांच परखे हरी झंडी दे दी। उसका खामियाजा वाहन चालक को अपनी जान गंवा कर देना पड़ रहा है। इतने हादसे दिल्ली-अमृतसर नेशनल हाईवे पर भी नहीं होते, जहां पर एनएच 65 के मुकाबले कई गुणा ज्यादा वाहन गुजरते हैं। -उनकी ओर से कटों पर संकेतक लगाए हुए हैं। कंपनी ने अपना काम पूरा कर दिया है।
रणदीप कुमार, प्रोजेक्ट मैनेजर, डीबीएल।
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-अंबाला-कैथल हाईवे में कमियां सामने आ रही हैं, उन्हें दुरुस्त कराया जाएगा।
कर्नल योगेश चंद्र, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, एनएचएआइ।
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