'दयालु और भक्त वत्सल हैं भगवान'
अंबाला शहर, जागरण संवाद केंद्र : भगवान दयालु और भक्त वत्सल हैं। जिस प्रकार अमृत कभी कड़वा नहीं होता, उसी प्रकार प्रभु अपने भक्त की पुकार अनसुनी नहीं करते।
यह उद्गार श्री सिद्ध किराना पीठ सहारनपुर के बाबा गोपाल दास ने व्यक्त किए। वह बलदेव नगर के श्रद्धा धाम संकट मोचक हनुमान मंदिर में श्रद्धालुओं को भगवत कथा का महत्व समझा रहे थे। कथा का शुभारंभ पंडित बोध राज ने सपरिवार भागवत महापुराण के पूजन से किया। बाबा गोपाल ने भगवत पुराण के गूढ़ रहस्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भक्त को जब संसार ठोकरें मारता है तब उसे भगवान की याद आती है। इसलिए जीव को सुख के समय भी ईश्वर को सदा याद रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि भगवान तो हमेशा से ही भक्तों की बिगड़ी को बनाते आए हैं। उन्होंने कहा कि अपने जीवन की गाड़ी का सारथी भगवान को बना लो, अपना जीवन प्रभु के अर्पण कर दो तो प्रभु तुम्हारा जीवन सफल कर देंगे। उन्होंने कहा कि जिसकी गाड़ी के सारथी भगवान होते हैं उसकी गाड़ी को भला फिर कौन रोक सकता है। भगवान का नाम लेकर जीवन यात्रा करोगे तो मंजिल कब आ गई इसका पता नहीं चलेगा। भागवत कथा को आगे बढ़ाते हुए बाबा ने कहा कि ब्राह्मण को ब्रह्म तेज और ज्ञान के कारण ही सम्मान मिलता है तभी तो शुक्राचार्य ने भी ऋषियों सहित महान तेजस्वी बटुक वामन का खूब स्वागत किया था। राजा बलि ने उनके चरण धोकर उन्हें सर्वोच्च आसन दिया। इस अवसर पर श्रद्धा धाम में संकट मोचक हनुमान मंदिर का स्थापना दिवस भी मनाया गया जिसमें नरेंद्र शर्मा ने हनुमान को प्रसन्न करने के लिए कई भजन सुनाए। इससे पूर्व मंच पर पधारने पर अनिल कुमार, ओम प्रकाश लूथरा, अशोक ग्रोवर, नरेश कपूर, बृज लाल खेड़ा, रमेश वर्मा, गिरधारी लाल गुजराल ने पुष्प मालाएं डालकर बाबा गोपाल दास का स्वागत किया।
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