धोबी को अनुसूचित जाति में शामिल करने की मांग
अंबाला, जागरण संवाद केंद्र : रजक महासभा के प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र कनौजिया ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को पत्र लिखकर धोबी को जाति अनुसूचित जाति में शामिल करने की मांग उठाई है। पत्र में कहा कि प्रदेश की मात्र एक धोबी जाति को अनुसूचित जाति में शामिल कराने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को कई बार पत्र के माध्यम से निवदेन किया गया है, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। कनौजिया ने कहा धोबी जाति को पिछड़ी जाति की श्रेणी 'ए' में शमिल किया गया है। कड़ी मेहनत तथा आर्थिक तंगी के बावजूद अपने बच्चों को पढ़ा-लिखाकर योग्य बनाते हैं, फिर भी मजबूर होकर उन्हे पारंपरिक धोबी का धंधा करना पड़ता है। धोबी जाति को अन्य पड़ोसी राज्यों की तर्ज पर दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल में अनुसूचित जाति में शामिल किया गया है। प्रदेश में धोबी समाज काफी संख्या में मौजूद है और राजनीति रूप से भी हरियाणा के 90 विधान सभा क्षेत्र में 35 विधान सभा क्षेत्र में 5-10 हजार मतों की संख्या में होने के कारण उपरोक्त 35 विधानसभा क्षेत्र में चुनाव निर्णायक भूमिका निभाते है। मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा प्रदेश में धोबी जाति का कोई भी सदस्य भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा, न्यायिक सेवा, प्रातीय प्रशासनिक सेवा, सासद, विधायक या अन्य प्रथम श्रेणी अधिकारी नहीं है। रजक महासभा के प्रयासों के बावजूद धोबी जाति को हरियाणा में अनुसूचित जाति में शामिल नहीं किया गया।
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