15 साल का दूल्हा और 13 की दुल्हन, एक महीने की हुई गर्भवती; स्वास्थ्य जांच के लिए आई अस्पताल तो डॉक्टर के उड़े होश
अंबाला के नारायणगढ़ में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। 13 साल की एक लड़की की शादी 15 साल के लड़के से कर दी गई और अब वह गर्भवती है। गरीबी और अशिक्षा के कारण दोनों परिवारों ने यह कदम उठाया। पुलिस ने पॉक्सो एक्ट और बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है। मामले की जांच जारी है।

संवाद सहयोगी, नारायणगढ़ (अंबाला)। गरीबी और अनपढ़ता ने फिर एक मासूम बचपन को जबरन जिम्मेदारियों और अपराध की आग में झोंक दिया। 13 वर्षीय बच्ची, जिसकी शादी केवल तीन महीने पहले हुई थी, अब एक महीने की गर्भवती है। दूल्हा भी नाबालिग है, उम्र महज 15 साल।
हैरानी की बात यह है कि नाबालिग विवाहिता के देवर की उम्र सिर्फ तीन साल है, जबकि ससुर की उम्र 35 और सास 29 साल की है। यह किसी फिल्मी कहानी की पटकथा नहीं, बल्कि हकीकत है।
इस मामले में नारायणगढ़ महिला थाना ने पाक्सो एक्ट और चाइल्ड मैरिज एक्ट के तहत जीरो एफआइआर दर्ज कर ली है और केस अब लुधियाना के मुल्लांपुर दाखा थाना पुलिस को ट्रांसफर कर दिया गया है। वहां की पुलिस ने भी दोनों परिवारों पर केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
बचपन से शादी और जिम्मेदारी तक
नाबालिग विवाहिता गर्भवती की जन्मतिथि दो अगस्त 2012 दर्ज है। बावजूद इसके 10 जून 2025 को उसकी शादी 15 वर्षीय किशोर से कर दी गई। दोनों परिवार मूलरूप से बिहार निवासी हैं और लुधियाना के मुल्लांपुर दाखा में किराये के मकान में रह रहे थे।
गरीबी और अनपढ़ता ने माता-पिता को मजबूर किया कि वे अपनी बेटी का बचपन ही समाप्त कर दें। शादी के बाद दोनों दंपत्ति हिमाचल प्रदेश के कालाअंब में मजदूरी करने लगे। यहां उनके हाथों में किताब की जगह औजार थम दिए गए और खिलौनों की जगह जिम्मेदारियां बैठ गईं। हाल ही में वे नारायणगढ़ की शिव कालोनी में रहने लगे।
अस्पताल में खुली सच्चाई
जब लड़की स्वास्थ्य जांच के लिए नागरिक अस्पताल नारायणगढ़ पहुंची, तो महिला चिकित्सक डा. श्रुति ने गर्भावस्था की पुष्टि की और उम्र देखकर चौक गईं। उन्होंने तत्काल महिला थाना पुलिस को सूचना दी। इसी जांच से मामले की पूरी गंभीरता सामने आई।
नारायणगढ़ महिला थाना पुलिस ने 17 सितंबर को पाक्सो एक्ट और चाइल्ड मैरिज एक्ट के तहत केस दर्ज किया। अधिकारी बताते हैं कि शादी कराने वाले माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्य इस अपराध में सीधे जिम्मेदार हैं। यह घटना केवल माता-पिता की गलती नहीं है।
पड़ोसी, रिश्तेदार और समाज के अन्य लोग भी चुप रहे। यही चुप्पी सबसे बड़ा अपराध बन गई। यदि समय रहते कोई सवाल उठाता, तो शायद यह बच्ची आज भी अपना बचपन जी रही होती।
हमने इस मामले में पाक्सो एक्ट और चाइल्ड मैरिज एक्ट के तहत जीरो एफआइआर दर्ज कर केस को मुल्लांपुर दाखा थाने में भेज दिया है। वहीं की पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। लड़की की उम्र 13 साल है और उसके पति की उम्र 15 साल है। दोनों परिवार मूलरूप से बिहार के रहने वाले हैं। मुल्लांपुर में ही उनकी शादी हुई थी।
- संतोष देवी, इंस्पेक्टर, महिला थाना प्रभारी, नारायणगढ़।
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