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    आफत बनी पेंशन, दर-दर भटकने को मजबूर बुजुर्ग

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    Updated: Wed, 09 Sep 2015 01:09 AM (IST)

    अंबाला: दिन: सोमवार, समय: 11 बजे। स्थान: अंबाला छावनी नगर निगम कार्यालय। नगर निगम में कोई बड़ा अधिकार

    अंबाला: दिन: सोमवार, समय: 11 बजे। स्थान: अंबाला छावनी नगर निगम कार्यालय। नगर निगम में कोई बड़ा अधिकारी मौजूद नहीं, बाबुओं के कंधों पर चल रहा था कामकाज। राज्य सरकार भले ही बुजुर्गो की पेंशन को बढ़ाकर वाहवाही लूट रही है वहीं अधिकारी सरकार की घोषणाओं पर पानी फेरते नजर आ रहे हैं। निगम में लंबी लंबी लाइन में बुजुर्ग लोग खड़े थे, जिन्हें पिछले चार चार माह से पेंशन नहीं मिली है। बुजुर्ग कभी नगर निगम तो कभी बैंक में अपनी पेंशन को लेकर कई बार रोना रो चुके हैं। लेकिन उन्हें दर दर की ठोकरों के अलावा कुछ और नहीं मिल रहा। दैनिक जागरण ने इन बुजुर्गो से बातचीत कर नगर निगम की स्थितियों का जायजा लिया। कहने को तो राज्य सरकार ने 11 से 1 बजे तक अफसरों को लोगों की समस्याएं अपने कार्यालय में सुनने के आदेश जारी कर रखे है लेकिन नगर निगम कार्यालय में इस दौरान कोई अधिकारी नजर नहीं आया। नगर निगम कार्यालय में मेयर का चैंबर का दरवाजा तो खुला था लेकिन मेयर वहां नहीं थे। इसी प्रकार नगर निगम सचिव व कार्यकारी अधिकारी भी कार्यालय में मौजूद नहीं थे। पूछने पर पता चला कि सचिव के पास अतिरिक्त कार्यभार है लेकिन ईओ किसी मीटिंग में गए हुए बताए गए।

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    टोकन सिस्टम बंद

    नगर निगम कार्यालय में लोगों को जन्म, मृत्यु प्रमाणपत्र या फिर आधार कार्ड के अलावा अन्य कई कार्यो के लिए लाइनों में न लगना पड़े इसके लिए अधिकारियों ने पैसे खर्च कर टोकन सिस्टम लगवाया। लेकिन यह टोकन सिस्टम पिछले कुछ दिनों से खराब पड़ा है। ऐसे में सहुलियत के लिए लगाया गया सिस्टम ही निगम अधिकारियों के लिए सिरदर्द बन गया है। क्योंकि सिस्टम बंद होने से लोगों को लाइनों में लगकर धक्केखाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

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    एक महीने बच्चे के आधार के लिए काटने पड़ते चक्कर

    सरकार द्वारा जन्म लेने वाले बच्चों के लिए आधार कार्ड बनवाना जरूरी है। ऐसे में नारायणगढ़ तक के लोगों को जन्मे नए बच्चे का आधार कार्ड बनवाने के लिए नगर निगम कार्यालय के लिए चक्कर काटने पड़ते है। जबकि ऐसे में बच्चों को बाहरी हवा और कीट कीटाणुओं से बचाना बहुत जरूरी होता है। साबापुर से आई महिला बंसत कौर ने बताया कि वह दो दिन से लगातार अपने 20 दिन के पोते का आधार कार्ड बनवाने के लिए दो दिन से चक्कर काट रही है। इसी प्रकार अन्य कई ओर भी महिलाएं इस दौरान घंटों से अपने एक माह के बच्चों को आधार कार्ड बनवाने के लिए इंतजार करती नजर आई।

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    नहीं नजर आया कोई बड़ा अधिकारी

    नगर निगम कार्यालय में 10 बजे से 11 बजे तक कोई भी बड़ा अधिकारी कार्यालय में नजर नहीं आया। इस दौरान नगर निगम ईओ डा. प्रदीप कुमार के कार्यालय में उपस्थित नहीं होने के दौरान भी उनके कमरे के दरवाजे पर दो दो दरबानों की ड्यूटी लगाई है। इनमें एक कर्मी निगम का तो एक होमगार्ड की महिला जवान को तैनात किया गया है जबकि कमरे में कोई अधिकारी मौजूद नहीं है। इसी प्रकार मेयर रमेश के कमरे का दरवाजा तो खुला था लेकिन कुर्सियां खाली थी। जबकि सचिव के बारे पूछने पर बताया गया कि लाडवा कमेटी के सचिव के पास यहां का अतिरिक्त कार्यभार है और वे यहां कभी आते ही नहीं है।

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    पेंशन पता करने के लिए भी काटने पड़ते चक्कर

    नगर निगम में पेंशन कार्य के लिए समाज कल्याण विभाग की ओर से एक कर्मी की ड्यूटी लगाई गई है। पेंशनधारकों ने दैनिक जागरण को बताया कि अगर वे बैंक में अपने खाते में पेंशन आने के लिए पूछने जाते है तो बैंक कर्मी उन्हें कहते है कि 1 से 10 तारीख तक वे व्यस्त है और वे अभी नहीं बता सकते। ऐसे में इन लोगों को अपने खातों में पेंशन चेक करने के लिए नगर निगम के हर महीने चक्कर काटने पड़ते है। क्योंकि लोगों को यहां नियुक्त कर्मी द्वारा आनलाइन खातों में पेंशन देखकर जानकारी दी जाती हैं, जबकि यह काम बैंकों का है।

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    फोटो 23

    सोनीपत के एक व्यक्ति के खाते में जा रही पेंशन

    छावनी के हाउसिंग बोर्ड कालोनी निवासी सतीश जैन ने बताया कि उनकी पांच महीने पहले तक पेंशन सही समय पर मिल रही थी। लेकिन जब से निगम ने बैंक में खाता खुलवाया है तब से उन्हें चार महीने बीत जाने के बाद भी आजतक पेंशन नहीं मिली है। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने समाज कल्याण विभाग में जाकर इस बारे पता किया तो उन्हें बताया गया कि उनकी पेंशन सोनीपत के रजलू गांव में किसी व्यक्ति के खाते में जा रही हैं। ऐसे में अब वे पिछले कई दिन से केनरा बैंक और नगर निगम के चक्कर पर चक्कर काट रहे हैं लेकिन उनकी समस्या का कोई हल नहीं निकाला जा रहा।

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    फोटो 24

    मई के बाद से नहीं मिली पेंशन

    छावनी निवासी रामसिंह का कहना है कि उन्हें आखिरी बार पेंशन मई महीने में मिली थी। उसके बाद से अब तक उन्हें पेंशन ही नहीं मिली है। वे हर महीने नगर निगम में पेंशन के लिए चक्कर काट रहे है लेकिन पेंशन नहीं मिल रही है।

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    बैंक अधिकारी नहीं करते कोई सुनवाई

    छावनी निवासी सुभाष गलौटी का कहना है कि वे पिछले चार महीन से स्टेट बैंक ऑफ पटियाला के चक्कर काट रहे है। क्योंकि उनका खाता इसी बैंक में खोला गया था। लेकिन खाता खुलने के बाद भी आजतक पेंशन नसीब नहीं हुई है। जबकि बिना खाते के पेंशन पहले सही मिलती थी।

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    फोटो 26

    नहीं मिल रही पेंशन

    छावनी के हाउसिंग बोर्ड कालोनी निवासी बुजुर्ग महिला शीला देवी का कहना है कि चार महीने हो गए पेंशन के लिए चक्कर काटते काटते। लेकिन आजतक पेंशन नहीं मिली है। ऐसी बुढ़ापा पेंशन का भी क्या फायदा जो सही समय पर मिलकर कोई काम नहीं आई।

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    फोटो 27

    कभी निगम तो कभी बैंक

    बुजुर्ग बलदेव राज का कहना है कि पेंशन के लिए कभी बैंक तो कभी नगर निगम के चक्कर काटने पड़ रहे है। नगर निगम वाले कहते बैंक जाओ और बैंक वाले कहते नगर निगम जाओ। ऐसे में परेशान बुजुर्गो को होना पड़ रहा है।

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