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    भारतीय संसद

    By Edited By:
    Updated: Mon, 14 May 2012 11:57 AM (IST)

    लोकतंत्र मे संसद जनता की सर्वोच्च प्रतिनिधि संस्था है। इसमे राष्ट्रपति और दो सदन राज्यसभा व लोकसभा होते हैं।

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    लोकतंत्र में संसद जनता की सर्वोच्च प्रतिनिधि संस्था है। इसमें राष्ट्रपति और दो सदन राज्यसभा व लोकसभा होते हैं।

    राज्यसभा:

    तीन अप्रैल, 1952 को संसद के इस उच्च सदन का गठन किया गया। तब इसका नाम था 'काउंसिल ऑफ स्टेट्स'। इसका पहला सत्र 13 मई, 1952 को आहूत किया गया। इसका हिंदी नाम राज्यसभा 23 अगस्त, 1954 को अपनाया गया। इसमें अधिकतम 250 सदस्य होते हैं। 238 सदस्य राज्यों तथा सघ राज्य क्षेत्रों के प्रतिनिधि के तौर पर चुनकर आते हैं। शेष 12 सदस्यों को राष्ट्रपति द्वारा नामांकित किया जाता है। यह एक स्थायी सदन है। इसे भंग नहीं किया जा सकता। इसके एक तिहाई सदस्य प्रत्येक दूसरे वर्ष सेवानिवृल होते हैं। उन्हें नए निर्वाचित सदस्यों द्वारा प्रतिस्थापित किया जाता है। राज्यसभा सदस्य का कार्यकाल छह साल के लिए होता है।

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    लोकसभा:

    17 अप्रैल, 1952 को पहली लोकसभा गठित हुई। उस समय इसे 'हाउस ऑफ पीपुल' कहा गया। 13 मई, 1952 को इसके पहले सत्र की शुरुआत हुई। इसके हिंदी नाम लोकसभा को 14 मई, 1954 को अपनाया गया। लोकसभा सदस्यों का प्रत्यक्ष रूप से चुनाव किया जाता है। संविधान के अनुसार लोकसभा के सदस्यों की अधिकतम संख्या 552 हो सकती है। इसमें 530 सदस्य विभिन्न राज्यों से चुनकर आते हैं, 20 संघ शासित राज्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं और एंग्लो-इंडियन समुदाय के दो सदस्योंको राष्ट्रपति द्वारा नामित किया जाता है। हालांकि वर्तमान लोकसभा में 545 सदस्य है। सामान्य परिस्थितियों में लोकसभा का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है। ब्रिटेन का प्रभाव:

    भारतीय संसदीय व्यवस्था ब्रिटेन की संसदीय प्रणाली से प्रेरित है। वहां की संसद का गठन 1801 में हुआ था। इस द्विसदनीय संसद में हॉउस ऑफ लॉ‌र्ड्स और हॉउस ऑफ कॉमंस (निचला सदन) के साथ वहां का शासक तीसरा अंग होता है। पड़ोसी देशों की संसद

    पाकिस्तान : यहां की संसद को मजलिस-ए-शूरा कहा जाता है जिसमें दो सदन होते हैं। उच्च सदन को सीनेट और निचले सदन को नेशनल असेंबली कहा जाता है। सीनेट में सदस्यों की संख्या 104 होती है। 17 सीटें महिलाओं के लिए और सात सीटें धार्मिक अल्पसंख्यक वर्ग के लिए आरक्षित होती है। इन सदस्यों का कार्यकाल छह वर्ष का होता है, जिन्हें प्रांतीय विधानसभा चुनती है। नेशनल असेंबली में 342 सीटे होती हैं। इसमें 60 सीटे महिलाओं और 10 धार्मिक अल्पसंख्यक वर्ग के लिए आरक्षित होती हैं। राष्ट्रपति भी संसद का प्रमुख अंग होता है, लेकिन उसे संसद भंग करने का अधिकार नहीं होता।

    श्रीलंका : यहां की संसद एक सदनीय है। इसके सदस्यों को आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली द्वारा छह वर्ष के लिए चुना जाता है। 196 सदस्यों को 22 चुनावी जिलों द्वारा और 29 सदस्यों को विभिन्न दलों द्वारा चुना जाता है। ब्रिटिश मॉडल पर आधारित संसद के पास कानून बनाने के सभी अधिकार होते हैं। राष्ट्रपति को संसद के किसी सत्र को स्थगित करने या संसद को भंग करने का अधिकार होता है।

    बांग्लादेश : यहां की संसद एक सदनीय है, जिसे जातीय संसद कहते हैं। इसमें 345 सदस्य होते हैं। 45 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होती हैं। संसद का चुनाव प्रत्येक पांच वर्ष पर होता है। राष्ट्रपति का चुनाव संसद द्वारा ही किया जाता है।

    भारतीय लोकसभा के अब तक के युवा सांसद

    पीएम सईद: कांग्रेस से 1967 में 26 वर्ष की उम्र में सांसद बने

    शहनवाज हुसैन: भाजपा से 1999 में 31 वर्ष की आयु में सांसद बने ममता बनर्जी: कांग्रेस पार्टी से 1996 में 36 वर्ष की उम्र में सांसद बनीं उमर अब्दुल्ला: नेशनल कांफ्रेस पार्टी से 1998 में 29 वर्ष की उम्र में सांसद बने

    मौजूदा (15वीं) लोकसभा के युवा सांसद

    मौसम नूर (27): प. बंगाल के मालदा से कांग्रेस सांसद

    अगाथा संगमा (28): राकांपा से मेघालय के तुरा क्षेत्र से सांसद नीलेश राणे (28): महाराष्ट्र के रत्नागिरी सिंधु दुर्ग से कांग्रेस सासद सारिका सिह (29): उलर प्रदेश के हाथरस क्षेत्र से रालोद सासद

    वरुण गांधी (29): उलर प्रदेश के पीलीभीत क्षेत्र से भाजपा सांसद सर्वाधिक बार चुने जाने वाले सांसद इंद्रजीत गुप्ता : दूसरी लोकसभा से लेकर 13वीं लोकसभा तक लगातार 11 बार पश्चिम बंगाल के मिदनापुर क्षेत्र से भाकपा के सांसद बने

    पीएम सईद: चौथी लोकसभा से 13वीं लोकसभा तक लगातार 10 बार लक्षद्वीप क्षेत्र से कांग्रेस सांसद बने सोमनाथ चटर्जी: पांचवीं लोकसभा से लगातार 13वीं लोकसभा तक नौ बार पश्चिम बंगाल के बोलपुर क्षेत्र से भाकपा सांसद रहे

    अटल बिहारी वाजपेयी: दूसरी, चौथी, पांचवीं, छठी, सातवीं, 10वीं, 11वीं, 12वीं, 13वीं लोकसभा के सदस्य रहे

    माधव राव सिंधिया: पांचवीं से 13वीं यानी नौ बार कांग्रेस के सांसद खगपति प्रधानी: चौथी से 12वीं लोकसभा तक उड़ीसा के नौरंगपुर क्षेत्र से कांग्रेस सांसद रहे

    प्रस्तुति- ऋचा

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