लड़का या किन्नर नहीं, सेक्स चेंज कराकर जीना चाहती हूं औरत की तरह
वडोदरा। 'मैं अब स्त्री बनकर जीना चाहती हूं, किन्नर बनकर नहीं। बचपन से अब तक का 30 साल का समय मैंने अ
वडोदरा। 'मैं अब स्त्री बनकर जीना चाहती हूं, किन्नर बनकर नहीं। बचपन से अब तक का 30 साल का समय मैंने अपनी इच्छाओं को मारते हुए गुजारा। लेकिन अब मैं अगले साल लिंग परिवर्तन कराकर लड़की बन जाउंगी।' ये कहना है वडोदरा के 'लक्ष्य ट्रस्ट' में प्रोजेक्ट मैनेजर के तौर पर काम करने वाली मानवी का। मानवी ने बातचीत में अपने 30 साल के सफर की खुलकर बात की।
मानवी ने कहा, 'भरूच के खोबला गांव में मेरा जन्म एक लड़के के रूप में हुआ। परिवार में बहुत खुशी थी और घरवालों को मुझसे बहुत सारी अपेक्षाएं थीं। शुरुआत के 4-5 साल तो सबकुछ नॉर्मल रहा, लेकिन इसके बाद मुझमें शारीरिक बदलाव आने लगे। मुझे शर्ट-पैंट नहीं, बल्कि फ्रॉक पहनना पसंद था। मैं अक्सर लड़कियों के कपड़े ही पहनती थी। इससे मेरे परिजन मुझ पर बहुत गुस्सा होते थे। लेकिन मैं तो खुद को लड़की ही मानती थी। हां, मुझे घरवालों की मर्जी के चलते अपनी हाईस्कूल से लेकर कॉलेज तक की पढ़ाई लड़के के रूप में ही करनी पड़ी।'
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