Gujarat Rain: सूरत के निवासी पूछ रहे... हर साल मानसून में क्यों होता है जलभराव; निचले इलाकों का हाल तो काफी बुरा
दो दिनों की लगातार बारिश के बाद सूरत में करीब 17 इंच पानी भर गया, शहर के बड़े हिस्से जलमग्न हैं। आसपास के निचले इलाकों में तो हालात और ज्यादा बुरी है। सूरत नगर निगम के दावों की पोल खुल गई है।
बारिश के बाद सूरत में जलभराव, निवासी हो रहे परेशान (सांकेतिक तस्वीर)
डिजिटल डेस्क, सूरत। सूरत देश के सबसे विकसित शहरों में गिना जाता है लेकिन यहां एक समस्या से यहां के निवासी जूझ रहे हैं तो वो है जलभराव। दो दिनों की लगातार बारिश के बाद सूरत में करीब 17 इंच पानी भर गया, शहर के बड़े हिस्से जलमग्न हैं। आसपास के निचले इलाकों में तो हालात और ज्यादा बुरी है।
सूरत नगर निगम के दावे पूरी तरह से फेल
वहीं, सूरत नगर निगम का दावा है कि वह पूरी तरह से तैयार है और जल्द इस समस्या से निजात दिला देगा। लेकिन महज 48 घंटों में हुई भारी बारिश ने निवासियों को काफी असुविधा पहुंचाई। सूरत के ऋषि नगर में लोग कीचड़ भरे पानी से होकर गुजरे। कुछ लोग तिपहिया वाहनों पर सवार थे, तो कुछ अपनी बाइक को पार करने के लिए संघर्ष कर रहे थे।
रिक्शा चालक दोगुना किराया वसूल रहे
निवासी प्रवीण ने कहा कि यह हर साल होता है और इसका कोई समाधान नहीं है। यह हर साल के लगने वाले मेले की तरह हो गया है। एक दूसरे व्यक्ति ने कहा कि हमें बाहर निकलने के लिए ही अधिक पैसे खर्च करने पड़ते हैं। कारें काम नहीं करतीं, रिक्शा चालक दोगुना किराया लेते हैं, स्कूली बच्चे क्लास से गायब रहते हैं। यह सब बहुत असुविधाजनक है।
सूरत नगर निगम का 8,500 करोड़ रुपये का बजट
एक शख्स ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि यह एक दशक से हो रहा है। एसएमसी के पास 8,500 करोड़ रुपये का बजट है। लेकिन बारिश की कोई नीति नहीं है, कोई नियम नहीं है। अगर वे सिर्फ एक बुनियादी ढांचा परियोजना का निर्माण छोड़ दें, तो वे इस समस्या का समाधान कर सकते हैं। हमने इसे पार्षदों, महापौर, विधायक, सांसद के सामने उठाया - कोई भी नहीं सुनता।
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