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    जफर सरेशवाला ने कोरोना महामारी के बीच कार्यक्रम करने को बताया मौलाना साद की गलती व जिद का परिणाम

    दिल्‍ली के हजरत निजामुद्दीन मरकज के जलसे में बडी संख्‍या में गुजरात के लोग भी शामिल हुए जिन्‍हें तलाशने के लिए प्रशासन ने क्राइम ब्रांच व एटीएस को काम पर लगाया है।

    By Vijay KumarEdited By: Updated: Wed, 01 Apr 2020 08:50 PM (IST)
    जफर सरेशवाला ने कोरोना महामारी के बीच कार्यक्रम करने को बताया मौलाना साद की गलती व जिद का परिणाम

    अहमदाबाद, जेएनएन। दिल्‍ली के हजरत निजामुद्दीन मरकज के जलसे में बडी संख्‍या में गुजरात के लोग भी शामिल हुए जिन्‍हें तलाशने के लिए प्रशासन ने क्राइम ब्रांच व एटीएस को काम पर लगाया है। सामाजिक कार्यकर्ता जफर सरेशवाला ने कोरोना महामारी के बीच कार्यक्रम करने को मौलाना साद की गलती व जिद का परिणाम बताया है। 

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    राजधानी दिल्‍ली में तबलिगी जमात की ओर से 15 व 16 मार्च को एक धार्मिक आयोजन किया गया था। निजामुद्दीन मरकज में सालभर धार्मिक प्रशिक्षण व प्रचार प्रसार का काम होता है। देश के हर कोने से मुस्लिम समाज के लोग यहां आते जाते रहते हैं। कोरोना महामारी के खतरे के बावजूद तबलिगी जमात के मौलाना साद ने समारोह रद्द करने के बजाए इसे जारी रखने का फैसला किया जिसका परिणाम आज देश के हजारों लोग भुगत रहे हैं। गुजरात के भावनगर, घोघा, बोटाद, सूरत, आणंद, बनासकांठा, महुवा, मोरबी से भी इस मरकज में लोग शामिल हुए थे जिन्‍हें अब गुजरात पुलिस तलाश रही है। मोरबी के 3 लोगों को आइसोलेशन में रखा गया है वहीं सूरत, भावनगर व अन्‍य शहरों के तबलिगी जमात के लोगों की तलाश के लिए प्रशासन ने क्राइम ब्रांच व एटीएस को लगाया है। 

    मौलाना आजाद नेशनल उर्दू युनिवसिर्टी  पूर्व कुलपति व सामाजिक कार्यकर्ता जफर सरेशवाला ने मरकजी के मौलाना साद की तीखी आलोचना करते हुए कहा है कि उनहोंने बीते माह मौलानाको यह जलसा स्‍थगित करने की बात भी कही थी लेकिन उन्‍होंने अपनी जिद के चलते इसको स्‍थगित नहीं किया फलस्‍वरूप अब यह कोरोना महामारी के चलते बहुत बडी गलती हो गई। सरेशवाला बताते हैं कि करीब डेढ माह पहले उनकी बात हुई थी,

    मौलाना ने जमात का यह कार्यक्रम स्‍थगित करनेसे साफ इनकार कर दिया उसी के चलते आज कोरोना महामारी से जूझ रहे प्रशासन के सामने बडी चुनौती सामने आ गई। सरेशवाला बताते हैं कि तबलिगी जमात पूरी दुनिया के मुसलमान समाज का प्रतिनिधित्‍व करती है, पाकिस्‍तान, मलेशिया, इंडोनेशिया व अरब देश का तबलिगी जमात भी भारत के इस मरकजी से सलाह म‍शविरा कर सामाजिक कामों की रूपरेखा तैयार करता है। करीबसौ साल से यह संस्‍था सामाजिक व धार्मिक क्षेत्र में सच्‍चे नागरिक तैयार करने का काम कर रही है।