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    UCC In Gujarat: अब गुजरात में भी यूसीसी की तैयारी, शादी और तलाक के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी

    Updated: Tue, 04 Mar 2025 09:32 PM (IST)

    UCC Bill In Gujarat गुजरात के लिए समान नागरिकता संहिता (Gujarat UCC Draft) का मसौदा जल्द ही तैयार होने वाला है। मंगलवार को इसपर गांधीनगर में गठित समिति की पहली बैठक हुई। समिति की अध्यक्ष न्यायाधीश रंजना ने कहा कि विवाह की प्रथाओं में कोई बदलाव नहीं होगा लेकिन शादी और तलाक के लिए रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य होगा। इसके लिए एक वेबसाइट बनाई जाएगी।

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    अब गुजरात में भी यूसीसी की तैयारी (Photo - Jagran Graphics)

    शत्रुघ्न शर्मा, गांधीनगर। गुजरात के लिए समान नागरिकता संहिता (यूसीसी) का मसौदा तैयार करने के उद्देश्य से गठित समिति की पहली बैठक गांधीनगर में मंगलवार को हुई। इसमें कहा गया कि मसौदा तैयार करने से पहले लोगों से सुझाव एवं आपत्तियां आमंत्रित की जाएंगी।

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    परंपराओं से छेड़छाड़ नहीं

    इसमें यह प्राथमिकता होगी कि महिलाओं और बच्चों को समान अधिकार प्राप्त हों। जनता से परामर्श जरूरी है। इसलिए, एक टीम राज्य के हर जिले में जाकर लोगों से मिलेगी। समिति की अध्यक्ष न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई का कहना है कि इस कानून में किसी भी धर्म के विवाह एवं परंपराओं से छेड़छाड़ नहीं होगी, लेकिन विवाह और तलाक का पंजीकरण जरूरी होगा।

    जल्द तैयार होगा मसौदा

    गांधीनगर कर्मयोगी भवन में आयोजित बैठक के बाद न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई ने कहा कि 45 दिन में समान नागरिकता संहिता का मसौदा तैयार करना मुश्किल है। हम सरकार से और 45 दिन देने की मांग करेंगे। उन्होंने कहा कि मसौदा यहां बैठकर भी तैयार किया जा सकता है, लेकिन यह ठीक नहीं होगा। जनता से परामर्श कर एक अच्छा मसौदा तैयार करने के लिए अधिक समय की जरूरत है।

    बेहतर देखभाल की व्यवस्था

    समिति की प्राथमिकता महिलाओं एवं बच्चों को समान अधिकार दिलाने एवं उनकी बेहतर देखभाल की व्यवस्था कराने की होगी। उनका कहना है कि किसी भी धर्म व समाज की विवाह परंपरा में परिवर्तन नहीं होगा। विवाह और तलाक सरकार के यहां पंजीकृत कराया जाए - इसकी व्यवस्था की जाएगी। खासकर आदिवासी समाज की परंपराओं और प्रथाओं में किसी तरह का बदलाव इस कानून में नहीं किया जाएगा।

    न्यायाधीश रंजना देसाई ने कहा कि हम नये विचारों को आमंत्रित करते हैं तथा उन पर विचार करने को तैयार हैं। यह कानून संविधान के सिद्धांतों एवं सुप्रीम कोर्ट के विविध आदेशों के अनुसार होगा तथा लिव-इन-रिलेशन और विरासत संबंधी कानूनों के लिए इसमें व्यवस्था होगी।

    वेबसाइट बनाई जाएगी

    समान नागरिक संहिता के लिए मसौदा तैयार करने से पहले जनता से परामर्श जरूरी है। इसके लिए एक वेबसाइट बनाई जाएगी। 24 मार्च के बाद से इसमें नागरिक अपने सुझाव एवं आपत्ति दर्ज करा सकेंगे। यूसीसी की एक टीम राज्य के हर जिले में जाकर वहां के लोगों से चर्चा करेगी।

    यह टीम आदिवासी, अल्पसंख्यक समेत विविध समाज के नेताओं, धार्मिक गुरुओं ओर गैरसरकारी संगठनों के कार्यकर्ताओं से भी मिलेगी ताकि इस संबंध में उनके विचार प्राप्त किये जा सकें।

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