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गुजरात में नामी ब्रांड अमूल पर वर्चस्‍व के लिए सहकारी डेयरियों में जंग शुरु

अमूल पर वर्चस्‍व के लिए गुजरात में की सहकारी डेयरियों में जंग शुरु हो गई है प्रदेश की डेढ दर्जन नामी दूध डेयरियां इससे संलग्‍न हैं।

By Babita kashyapEdited By: Published: Thu, 09 Jul 2020 02:42 PM (IST)Updated: Thu, 09 Jul 2020 02:42 PM (IST)
गुजरात में नामी ब्रांड अमूल पर वर्चस्‍व के लिए सहकारी डेयरियों में जंग शुरु
गुजरात में नामी ब्रांड अमूल पर वर्चस्‍व के लिए सहकारी डेयरियों में जंग शुरु

अहमदाबाद, शत्रुघ्‍न शर्मा। देश व दुनिया में नामी ब्रांड अमूल को संचालित करने वाली गुजरात सहकारी दुग्‍ध विपणन महासंघ में वर्चस्‍व के लिए प्रदेश की सहकारी डेयरियों में जंग शुरु हो गई है। 38550 करोड़ के टर्न ओवर वाली इस संस्‍था का संचालन हाल भाजपा समर्थक नेताओं के हाथ में है।

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गुजरात की राजनीति में खास दखल रखने वाली सहकारी मंडलियों में अमूल को संचालित करने वाली गुजरात कॉऑपरेटिव मिल्‍क मार्केटिंग फैडरेशन जीसीएमएमएफ का हमेशा से वर्चस्‍व रहा है। प्रदेश की डेढ़ दर्जन नामी दूध डेयरियां इससे संलग्‍न हैं जिनसे हजारों सामाजिक नेता, लाखों दूध वितरक व करोडों दुग्‍ध उत्‍पादक, पशुपालक व किसान सीधे तौर पर जुड़े हैं। गुजरात सहकारी दुग्‍ध विपणन महासंघ जीसीएमएमएफ से प्रदेश के 18 दूध संघ जुड़े हुए हैं।

आणंद की अमूल डेयरी, सूरत की सुमूल डेयरी, वलसाड की वसुधारा तथा भरुच की दूधधारा डेयरी के निदेशक मंडलों का चुनाव आगामी अगस्‍त माह में पूरा हो रहा है जबकि बनासकांठा की बनास डेयरी, साबर कांठा की साबर डेयरीए मेहसाणा की दूध सागर, वडोदरा की सुगम डेयरी, पंचमहाल की पंचामृत डेयरी के निदेशक मंडलों का चुनाव नवंबर–दिसंबर में पूर्ण होगा। अगले माह तक गुजरात सहकारी दुग्‍ध विपणन महासंघ के अध्‍यक्ष व उपाध्‍यक्ष का चुनाव होना है जिसके लिए सभी डेयरियों व मं‍डलियों में हलचल शुरु हो गई है।

38 हजार 550 करोड़ के टर्न ओवर वाले इस सहकारी महासंघ पर वर्चस्‍व के लिए गुजरात में हमेशा संघर्ष चलता रहा है। भारत में श्‍वेत क्रांति के जनक डॉ वर्गीस कूरियन के 2006 में जीसीएमएमएफ से हटने के बाद बनास डेयरी के अध्‍यक्ष परथीभाई भटोल, दूध सागर डेयरी के प्रमुख विपुल चौधरी, साबर डेयरी के प्रमुख जेठाभाई पटेल को संयुक्‍त रूप से गुजरात सहकारी दुग्‍ध विपणन महासंघ की जिम्‍मेदारी सौंपी गई तथा प्रबंधन के लिए विशेषज्ञों का एक पैनल बनाया गया था। वर्ष 2018 में जब इसके चुनाव हुए तो विधायक रामसिंह परमार इसके चैयरमेन चुने गए। परमार पहले कांग्रेस विधायक रहे बाद में इस्‍तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गये थे। रामसिंह परमार बताते हैं कि गुजरात के 12 ब्‍लॉक के डेयरी निदेशक तथा 1200 मंडलियों के प्रमुख महासंघ के अध्‍यक्ष को चुनते है।


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