Russia Ukraine War: यूक्रेन में फंसे छात्र लौटे गुजरात, बताया कैसे हुई वतन वापसी
Russia Ukraine Latest News छात्रों ने यूक्रेन से गृह राज्य गुजरात पहुंचने पर जश्न मनाया।छात्रों ने युद्ध प्रभावित यूक्रेन से सुरक्षित स्वदेश लौटने में मदद करने के लिए भारतीय अधिकारियों को भी धन्यवाद दिया। गुजरात सरकार द्वारा व्यवस्थित दो विशेष बसें इन छात्रों को मुंबई से लाईं।
अहमदाबाद, एएनआइ/प्रेट्र। यूक्रेन में फंसे गुजरात के छात्रों का एक समूह रविवार को अहमदाबाद पहुंच गया है। ये छात्र शनिवार की रात मुंबई पहुंचे। रविवार को 56 छात्रों ने यूक्रेन से गृह राज्य गुजरात पहुंचने पर जश्न मनाया।छात्रों ने युद्ध प्रभावित यूक्रेन से सुरक्षित स्वदेश लौटने में मदद करने के लिए भारतीय अधिकारियों को भी धन्यवाद दिया। गुजरात सरकार द्वारा व्यवस्थित दो विशेष बसें इन छात्रों को मुंबई से लाईं, जहां वे शनिवार शाम रोमानिया के बुखारेस्ट से एक विशेष उड़ान द्वारा निकाले जाने के बाद पहुंचे थे। ये छात्र उच्चतम अध्ययन करने के लिए यूक्रेन गए थे, लेकिन रूस द्वारा वहां सैन्य आक्रमण शुरू करने के बाद फंस गए। उन्हें एयर इंडिया की एक विशेष उड़ान में बुखारेस्ट से वापस लाया गया।
फूलों से किया स्वागत
विवार को जैसे ही वे सूरत, वडोदरा और अहमदाबाद में बसों से उतरे, स्थानीय राजनेताओं और सरकारी अधिकारियों ने फूलों से उनका स्वागत किया। कुछ छात्र अपने माता-पिता को गले लगाते हुए रो पड़े, जबकि अन्य ने राहत की मुस्कान बिखेरी। कुछ ने अपनी तीन दिनों की यात्रा की कहानी भी साझा की। विशेष विमानों में सवार होने से पहले रोमानिया में सीमा पार करने के लिए कई किलोमीटर पैदल चलना, और फिर गुजरात में अपने मूल स्थानों तक पहुंचने के लिए रात भर की बस यात्रा। पूजा पटेल, जो रविवार को सूरत पहुंची, ने कहा कि वह पिछले साल दिसंबर में मेडिकल कोर्स करने के लिए यूक्रेन के चेर्नित्सि गई। लेकिन, उसे सिर्फ दो महीने बाद घर वापस जाना पड़ा। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की बातचीत शुरू होने के बाद हम भारत वापस आने की कोशिश कर रहे थे। हमारे माता-पिता काफी चिंतित थे। हमें भारतीय दूतावास से सहायता प्रदान की गई थी, लेकिन हमारे बहुत सारे दोस्त अभी भी डर के माहौल में वहां रह रहे हैं। मुझे वास्तव में खुशी होगी, जब उन सभी को सुरक्षित वापस लाया जाएगा।
भोजन और पानी के बिना घंटों इंतजार करना पड़ा
15 फरवरी को भारतीय दूतावास ने हमें जल्द से जल्द यूक्रेन छोड़ने का निर्देश दिया। कई छात्रों का मानना था कि अन्य देशों के हस्तक्षेप के कारण युद्ध नहीं होगा, लेकिन जैसे ही यह शुरू हुआ, टिकट की लागत आसमान छू गई। लेकिन, वह भारतीय दूतावास की मदद से यूक्रेन से बाहर निकलने में सफल रही। वडोदरा पहुंचने के बाद एक छात्र ने कहा कि हमें अपने गृह राज्य तक पहुंचने में तीन दिन लग गए। हम सुरक्षित पहुंच गए, और हम सभी व्यवस्था करने के लिए सरकार के आभारी हैं। हम अन्य छात्रों की सुरक्षित यात्रा के लिए प्रार्थना करते हैं। वडोदरा में एक अन्य निकासी ने कहा कि यूक्रेन छोड़ने की कोशिश कर रहे कई छात्रों को अपने भारी बैग और सामान को पांच-छह किलोमीटर या उससे भी अधिक तक खींचकर रोमानियाई सीमा तक ले जाना पड़ता है। सीमा पर उन्हें भोजन और पानी के बिना घंटों इंतजार करना पड़ता है। एक अन्य छात्रा ने कहा कि उसके दोस्त पीछे रह गए हैं।
सुरक्षित घर वापस आने पर खुद को भाग्यशाली महसूस रहे
एक अन्य छात्र ने कहा कि वे भारतीय दूतावास की मदद से सुरक्षित घर वापस आने पर भाग्यशाली महसूस करते हैं। लोग रोमानियाई सीमा पर भाग रहे हैं, लेकिन हम जल्दी बाहर निकलने में कामयाब रहे, क्योंकि हम सीमा से बहुत दूर एक शहर में रह रहे थे। हमारे कई दोस्त अभी भी वहां हैं। ठंड के मौसम और सीमा पर भीड़ के कारण उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन वे घर लौट सकेंगे। एक छात्र के वडोदरा स्थित पिता, जिसकी बेटी वापस आने में कामयाब रही, ने कहा कि यूक्रेन में युद्ध की खबर मिलने के बाद से परिवार मुस्कुराना भूल गया था। हम अब मुस्कुरा सकते हैं कि हमारी बेटी वापस आ गई है। वडोदरा के सांसद रंजन भट्ट ने कहा कि वडोदरा के 16 छात्र अपने गंतव्य तक पहुंच चुके हैं और कई छात्र रास्ते में हैं। भाजपा के लोकसभा सदस्य ने संवाददाताओं से कहा कि हम उन सभी को घर वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। भारतीय दूतावास और विदेश मंत्रालय उन्हें सुरक्षित घर पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।