श्रीलंका के पर्यटन मंत्री बोले, चीन के जासूसी पोत को लेकर चिंतित न हो भारत
श्रीलंका के पर्यटन मंत्री ने कहा कि चीन के जासूसी पोत को लेकर भारत चिंतित न हो। भारत सरकार ने इस पर चिंता जताई थी यह कूटनीतिक मुद्दा नहीं है। श्रीलंका के पर्यटन मंत्री अहमदाबाद में अपने देश में पर्यटन को बढ़ाने के लिए उसके प्रमोशन के लिए आए थे।

अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। श्रीलंका के पर्यटन मंत्री हैरिन फनरंडो (Harin Fernando) ने कहा है कि चीन के जासूसी पोत (Spy Ship) को लेकर भारत चिंतित न हो। भारत सरकार ने इसे लेकर चिंता जताई थी, लेकिन यह कोई बड़ा कूटनीतिक मुद्दा नहीं है। इसे लेकर श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे और विदेश मंत्री लगातार भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व विदेश मंत्री एस जयशंकर के संपर्क में थे। हमारे देश की वर्तमान स्थिति से भारत अच्छी तरह परिचित है। चीन ने श्रीलंका में काफी निवेश कर रखा है।
भारत ने जताई थी चिंता
चीन के बैलेस्टिक व सेटेलाइट ट्रैकिंग यूआन वांग-5 शिप को श्रीलंका सरकार ने 16 से 22 अगस्त तक अपने दक्षिण प्रशांत के बंदरगाह तक आने की अनुमति इस शर्त पर दी कि वह देश के विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) के भीतर स्वचालित पहचान प्रणाली (एआइएस) को चालू रखेगा और इसके जल में कोई वैज्ञानिक अनुसंधान नहीं करेगा। भारत ने जहाज की तकनीकी क्षमता व उसकी यात्रा के उद्देश्य के बारे में चिंता व्यक्त की थी।
पर्यटन को बढ़ाने के लिए अहमदाबा आए श्रीलंका के पर्यटन मंत्री
भारत सरकार पोत के ट्रैकिंग सिस्टम से भारतीय प्रतिष्ठानों की जासूसी करने की आशंकाओं से चिंतित थी। श्रीलंका के पर्यटन मंत्री अहमदाबाद में अपने देश में पर्यटन को बढ़ाने के लिए उसके प्रमोशन के लिए आए थे। खराब अर्थव्यवस्था व राजनीतिक उथल-पुथल के बीच श्रीलंका की नई सरकार अपनी आर्थिक व्यवस्था को सुधारने का प्रयास कर रही है।
गौरतलब है कि ताइवान ने गुरुवार को बताया कि 51 चीनी लड़ाकू विमान और छह युद्धपोतों ने उसकी हवाई रक्षा पहचान क्षेत्र का उल्लंघन किया। विमानों में 25 लड़ाकू बमवर्षक भी शामिल थे। इन विमानों ने स्वायत्तशासी द्वीप की मध्य रेखा को पार किया। ताइवान के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय ने शाम सात बजे घोषणा की कि पांच बजे शाम पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की वायुसेना के 51 लड़ाकू जेट और बमवर्षक और नौसेना के छह पोत ने ताइवान के रक्षा क्षेत्र का उल्लंघन किया। इनमें से 25 ने मध्य रेखा पार की या उन्हें दक्षिण पश्चिमी कोने से उड़ान भरते पाया गया। मध्य रेखा के पूर्व में उड़ान भर रहे 25 लड़ाकू विमानों की पहचान 12 सुखोई एसयू-30 लड़ाकू जेट, छह शेन्यांग जे-16 लड़ाकू जेट, चार चेंगदू जे-10 लड़ाकू जेट, दो शिआन एच-6 बमवर्षक और एक शांक्सी वाई-8 इलेक्ट्रनिक युद्ध विमान के रूप में की गई।
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