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    पीएम मोदी के गांव में 2800 साल पुरानी मानव बस्ती के मिले सबूत, IIT खड़गपुर और ASI के शोधकर्ता भी हुए हैरान

    Updated: Tue, 16 Jan 2024 09:41 PM (IST)

    भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) खड़गपुर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (पीआरएल) जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) और डेकन कॉलेज के अनुसंधानकर्ताओं को गुजरात के वडनगर में (2800 वर्ष) 800 ईसा पूर्व (ईसा युग से पहले) पुरानी मानव बस्ती के साक्ष्य मिले हैं। संयोग से वडनगर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पैतृक गांव भी है। वडनगर बहु-सांस्कृतिक और बहु-धार्मिक (बौद्ध हिंदू जैन और इस्लामिक) बस्ती भी रहा है।

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    गुजरात के वडनगर में 800 ईसा पूर्व पुरानी मानव बस्ती के साक्ष्य मिले। (फोटो- एएनआई)

    राज्य ब्यूरो, वडनगर। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), खड़गपुर, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई), भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (पीआरएल), जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) और डेकन कॉलेज के अनुसंधानकर्ताओं को गुजरात के वडनगर में (2800 वर्ष) 800 ईसा पूर्व (ईसा युग से पहले) पुरानी मानव बस्ती के साक्ष्य मिले हैं।

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    शोध में हुआ खुलासा

    आईआईटी खड़गपुर ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि वडनगर में गहन पुरातात्विक खनन के अध्ययन से यह भी पता चलता है कि तीन हजार वर्षों के दौरान विभिन्न साम्राज्यों का उदय और पतन तथा मध्य एशियाई योद्धाओं द्वारा भारत पर बार-बार किए गए हमले बारिश या सूखे जैसी जलवायु में गंभीर परिवर्तन से प्रभावित रहे।

    यह अध्ययन एल्सवियर की पत्रिका 'क्वाटरनरी साइंस रिव्यूज' में 'प्रारंभिक ऐतिहासिक से मध्ययुगीन काल तक जलवायु, मानव बस्ती और प्रवास: पश्चिमी भारत, वडनगर में नए पुरातात्विक खनन से मिले सुबूत' विषय से प्रकाशित हुआ है। इस खोदाई की अगुवाई एएसआई ने की है, जबकि गुजरात सरकार के पुरातत्व और संग्रहालय निदेशालय ने आर्थिक मदद की है।

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    पीएम मोदी के गांव में मिले अवशेष

    बता दें कि संयोग से वडनगर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पैतृक गांव भी है। वडनगर बहु-सांस्कृतिक और बहु-धार्मिक (बौद्ध, हिंदू, जैन और इस्लामिक) बस्ती भी रहा है। एएसआई के पुरातत्व विज्ञानी अभिजीत अंबेकर ने कहा कि गहरी खोदाई करने से सात सांस्कृतिक काल -मौया, इंडो-ग्रीक, शक-क्षत्रप, हिंदू-सोलंकी, सल्तनत-मुगल (इस्लामिक) से गायकवाड-ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन की मौजूदगी पता चली है और शहर का आज भी विकास हो रहा है। हमारी खोदाई के दौरान सबसे पुराना बौद्ध मठ भी मिला है।

    उन्होंने कहा कि हमें विशिष्ट पुरातात्विक कलाकृतियां, मिट्टी के बर्तन, तांबा, सोना, चांदी और लोहे की वस्तुएं तथा महीन डिजाइन वाली चूडि़यां मिली हैं। हमें वडनगर में इंडो-ग्रीक शासन के दौरान यूनानी राजा अपोलोडेटस के सिक्के के सांचे भी मिले हैं। अंबेकर ने कहा कि वडनगर इस लिहाज से भी अलग है कि सटीक कालक्रम के साथ प्रारंभिक इतिहास से मध्ययुगीन पुरातत्व का ऐसा निरंतर रिकार्ड भारत में कहीं और नहीं मिला है।

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