आंदोलन रोकने का प्रयास निरर्थक, काले कानून रद कराकर ही होंगे शांत: राकेश टिकैत
केंद्र सरकार के कृषि बिलों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर 130 दिन से प्रदर्शन कर रहे किसान नेता राकेश टिकैत गुजरात की दो दिवसीय यात्रा पर हैं। टिकैत का कहना है कि जब तक ये काले कानून वापस नहीं हो जाते तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।
अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। केंद्र सरकार के तीन कृषि बिलों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसान नेता राकेश टिकैत 2 दिन की गुजरात यात्रा पर हैं सोमवार को साबरमती आश्रम में गांधी जी की प्रतिमा के नतमस्तक होने के बाद उन्होंने कहा कि किसान विरोधी कानूनों को रद कराकर ही वे शांत होंगे। उत्तर गुजरात के पालनपुर से किसान यात्रा की शुरुआत करने वाले राकेश टिकैत ने सोमवार को साबरमती आश्रम में महात्मा गांधी जी की प्रतिमा को माला पहनाई तथा गुजरात में किसानों की स्थिति पर चर्चा की।
किसानों की आवाज को दबाया जा रहा है
किसान नेता टिकैत ने कहा कि गुजरात में किसानों की आवाज को दबाया जा रहा है तथा किसानों को फसल का पूरा दाम, फसल बीमा तथा मुआवजा नहीं मिल पा रहा है। जो किसान सरकार के खिलाफ आंदोलन करना चाहते हैं उनकी आवाज दबायी जाती है। टिकैत ने इससे पहले रविवार को गुजरात पुलिस से भी दो टूक सवाल किया कि उनके आंदोलन को रोकने का प्रयास निरर्थक होगा। उन्होंने कहा क्या गुजरात देश से बाहर है जो मुझे वीजा लेकर आना पड़ेगा। टिकैत के साथ गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री एवं विदेश नेता शंकर सिंह वाघेला भी लगातार उनके साथ रहे।
अहमदाबाद साबरमती आश्रम के बाद टिकैत सीधे करमसद सरदार पटेल के स्मारक पहुंचे। वाघेला यहां उनके गाइड बने तथा सरदार पटेल की विभिन्न ऐतिहासिक तस्वीरों के बारे में तथा उनके इतिहास के बारे में उनको जानकारी दी। यहां से दोनों नेता शाम तक बारडोली पहुंचेंगे जहां सरदार पटेल ने आजादी से पहले किसान सत्याग्रह किया था। बारडोली के इस सत्याग्रह के बाद ही वल्लभ भाई पटेल को सरदार पटेल कहां जाने लगा था।