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    नर्मदा बांध से एक साथ 17 लाख क्‍यूसेक पानी छोडने पर उठे सवाल, भरुच, अंकलेश्‍वर में आई थी भयानक बाढ़

    गुजरात के तीन जिलों में आए बाढ को कांग्रेस ने मानवसर्जित आपदा बताया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि नर्मदा कंट्रोल ऑथोरिटी के पास बारिश व नर्मदा बांध के जल स्‍तर के सभी आंकडे नियमित उपलब्‍ध कराए जाते हैं लेकिन करीब एक सप्‍ताह के आंकडे वेबसाइट पर नहीं दर्शाए गये। 15 व 16 सितंबर से ही पानी छोडना चाहिए था ताकि यह हालात उत्‍पन्‍न नही होते।

    By Jagran NewsEdited By: Shashank MishraUpdated: Fri, 22 Sep 2023 10:08 PM (IST)
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    14-15 सितंबर से ही पानी छोडते तो नहीं आती मानवसर्जित आपदा

    अहमदाबाद, राज्य ब्यूरो। सरदार सरोवर नर्मदा बांध से 17 सितंबर को 17 लाख क्‍यूसेक से अधिक पानी छोडने के कारण गुजरात के तीन जिलों में आए बाढ को कांग्रेस ने मानवसर्जित आपदा बताया है। सरकार का दावा है कि 16 सितंबर को अचानक बादल फटने के कारण लाखों क्‍यूसेक पानी आने के कारण यह पानी छोडना पड़ा।

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    किसानों की फसल हुई चौपट

    गुजरात सरकार ने गत 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्‍मदिन पर विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया था। 17 सितंबर को सरदार सरोवर नर्मदा बांध के 30 में से 23 दरवाजे खोले गये, नर्मदा माता के नीर का स्‍वागत करने मुख्‍यमंत्री भूपेंद्र पटेल बांध पर पहुंचे थे।

    17 लाख क्‍यूसेक से अधिक पानी छोडे जाने से नर्मदा, भरुच, अंकलेश्‍वर जिलों में बाढ के हालात उत्‍पन्‍न हो गये। लाखों लोग प्रभावित हुए, हजारों दुकानदार का कारोबार दो चार दिन तक ठप हो गया वहीं किसानों की फसल भी चौपट हो गई।

    कांग्रेस ने सरकार पर प्रधानमंत्री का जन्‍म दिन मनाने के लिए बांध का से पानी 14 व 15 सितंबर से नहीं छोडकर 17 सितंबर को छोडने का आरोप लगाया। शुक्रवार को पूर्व मंत्री एवं नर्मदा परियोजना के मंत्री रहे कांग्रेस नेता जयनारायण व्‍यास ने बताया कि सरकार की लापरवाही के कारण लाखों लोगों को बाढ के हालात का सामना करना पडा।

    नर्मदा कंट्रोल ऑथोरिटी के पास बारिश व नर्मदा बांध के जल स्‍तर के सभी आंकडे नियमित उपलब्‍ध कराए जाते हैं लेकिन करीब एक सप्‍ताह के आंकडे वेबसाइट पर नहीं दर्शाए गये। व्‍यास का कहना है कि बांध से 15 व 16 सितंबर से ही पानी छोडना चाहिए था ताकि यह हालात उत्‍पन्‍न नही होते।

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    राज्‍य सरकार के प्रवक्‍ता एवं मंत्री ऋषीकेश पटेल का कहना है कि 16 सितंबर की रात को लाखों क्‍यूसेक पानी की आवक होने के कारण 17 सितंबर को पानी छोडना पडा। पानी नहीं छोडा जाता तो बांध को नुकसान हो सकता था अथवा वर्तमान हालात से अधिक भयावह स्थिति उत्‍पन्‍न हो सकती थी।

    सरदार सरोवर नर्मदा निगम का दावा है कि 16 सितंबर को मध्‍यप्रदेश के इंदिरा सागर बांध व नर्मदा बांध के बीच बादल फट जाने के कारण 21 लाख क्‍यूसेक से अधिक पानी आ गया इसके कारण 17 लाख क्‍यूसेक पानी छोडा गया तथा 4 लाख क्‍यूसेक पानी बांध में संग्रहित किया गया।

    उधर कांग्रेस नेता व्‍यास का दावा है कि मौसम विभाग एवं आपदा प्रबंधन की ओर से इस दौरान बादल फटने की जानकारी नहीं दी गई अब सरकार अपने बचाव में गलत दावे कर रही है। उधर नर्मदा, भरुच, अंकलेश्‍वर तथा व्‍यारा में भाजपा विधायक व मंत्रियों का स्‍थानीय जनता भारी विरोध कर रही है इसके कारण नेताओं को वापस लौटना पडा।

    आदिवासियों के विरोध पर उखडे मंत्री

    आदिवासी विकास राज्‍यमंत्री कुंवरजी हलपति दक्षिण गुजरात के व्‍यारा दौरे पर थे। सरकारी अतिथि ग्रह में आदिवासी आंदोलनकारियों से उनकी मुलाकात हुई। इस दौरान आदिवासी नेताओं ने मंत्री के बयान पर ऐतराज जताते हुए कहा कि वे कोई नक्‍सली नहीं हैं जिनका आंदोलन कुचलने की बात मंत्री ने कही।

    इस पर मंत्री जी उखड गये और टेबल पर हाथ पटकते हुए निकल गये। आदिवासी सरकारी अस्‍पताल के निजीकरण का विरोध कर रहे हैं, मंत्री ने कहा था कि आंदोलनकारियों को भाजपा कार्यकर्ता कुचल देंगे।

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