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    प्रधानमंत्री मोदी दाहोद में 9000 एचपी का पहला लोकोमोटिव इंजन देश को करेंगे समर्पित

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहली बार अपनी मातृभूमि गुजरात की यात्रा पर आ रहे हैं। प्रधानमंत्री 26 तथा 27 मई को गांधीनगर कच्छ व दाहोद इन तीन जिलों में आयोजित कार्यक्रमों में उपस्थित रहेंगे। वे दाहोद में 9000 एचपी का प्रथम लोकोमोटिव इंजन देश को समर्पित करेंगे। इस रेल कारखाने में 10 वर्ष में 1200 इंजन तैयार किए जाएंगे।

    By Gaurav Tiwari Edited By: Gaurav Tiwari Updated: Thu, 22 May 2025 12:25 PM (IST)
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    दाहोद में बने इन लोकोमोटिव इंजन पर लिखा जाएगा ‘मैन्युफैक्चरिंग बाय दाहोद’

    डिजिटल टीम, गांधीनगर। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहली बार अपनी मातृभूमि गुजरात की यात्रा पर आ रहे हैं। प्रधानमंत्री 26 तथा 27 मई को गांधीनगर, कच्छ व दाहोद इन तीन जिलों में आयोजित कार्यक्रमों में उपस्थित रहेंगे। वे कच्छ जिला मुख्यालय भुज में मिरजापर रोड पर जनसभा के बाद मातानो मढ आशापुरा मंदिर के दर्शन करेंगे। उल्लेखनीय है कि दाहोद में 20 हजार करोड़ रुपए की लागत से रेलवे प्रोडक्शन यूनिट का निर्माण हुआ है, जिसमें बने 9000 एचपी के प्रथम लोकोमोटिव इंजन का प्रधानमंत्री के करकमलों से लोकार्पण किया जाएगा।

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    मैन्युफैक्चरिंग बाय दाहोद: आगामी 10 वर्ष में तैयार होंगे लगभग 1200 लोकोमोटिव इंजन

    दाहोद में पीपीपी मॉडल पर तैयार हुए इस रेल कारखाने में 10 वर्ष में 1200 इंजन तैयार किए जाएंगे और भविष्य में उन्हें देश-विदेश में एक्सपोर्ट किया जाएगा। दाहोद में बने लोकोमोटिव इंजन को आगामी समय में 100 प्रतिशत मेक इन इंडिया की तर्ज पर बनाया जाएगा। इस लोकोमोटिव इंजन की विशेषता यह है कि ये 4600 टन के कारगो को वहन करने की क्षमता रखते हैं। इंजन में पहली बार चालक के लिए एसी तथा टॉयलेट रखे गए हैं। इसके साथ दुर्घटना से बचने के लिए कवर सिस्टम पहले से ही लगाए गए हैं। दाहोद में 20 हजार करोड़ रुपए के खर्च से तैयार रेल कारखाने में आगामी 10 वर्ष में लगभग 1200 लोकोमोटिव इंजन तैयार होने वाले हैं। दाहोद में हाल में 4 इंजन तैयार हो रहे हैं। इन तमाम इंजनों पर ‘मैन्युफैक्चरिंग बाय दाहोद’ लिखा जाएगा।

    स्थानीय अर्थव्यवस्था को मिलेगा वेग, रोजगार का माध्मय बनेगा

    इस प्रोजेक्ट के चलते दाहोद सहित आसपास के क्षेत्रों में प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से 10 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा तथा स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी वेग मिलेगा। इसके अतिरिक्त सबसे कम मूल्य के बिडर के रूप में उभर कर आई मल्टीनेशनल कंपनी को रेलवे इंजन के उत्पादन के लिए विभिन्न वस्तुओं की आवश्यकता पड़ेगी और इसके चलते पावर सेक्टर, इंजीनियरिंग सेक्टर की छोटी-बड़ी कंपनियों के लिए इन वस्तुओं की आपूर्ति करने का अवसर पैदा होगा।

    उल्लेखनीय है कि 9000 एचपी के 6 एक्सल वाले इलेक्ट्रिक इंजन की औसत गति 75 किलोमीटर प्रति घण्टा रहेगी। पश्चिम बंगाल के खड़गपुर, आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम, छत्तीसगढ़ के रायपुर और महाराष्ट्र के पुणे डिपो में इन इंजनों का मैंटेनेंस किया जाएगा।