Gujarat: यूपी के गुंडा एक्ट की तरह बनेगा PASA शराब, मानव व गौमांस तस्करी पर सरकार सख्त
PASA Act गुजरात में आपराधिक प्रवृत्ति व असामाजिक गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अपराधियों पर PASA Act के तहत होगी कार्रवाई।
अहमदाबाद, शत्रुघ्न शर्मा। गुजरात में गैरकानूनी तरीके से लेन देन, जुआ, सायबर क्राइम, हफ्ता वसूली व महिलाओं पर अत्याचार करने वालों पर पासा ( Prevention of Anti Social Activities-1985) के तहत कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री विजय रुपाणी मंत्रिमंडल की बैठक में ऐसा एक प्रस्ताव लाएंगे। यह उत्तर प्रदेश के कंट्रॉल ऑफ गुंडाज एक्ट की तरह का कानून होगा।
मुख्यमंत्री रुपाणी ने स्पष्ट संकेत दिये हैं कि राज्य में आपराधिक प्रवृत्ति व असामाजिक गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। गुजरात में एंटी सोशल एक्टीविटीज एक्ट-1985 पहले से लागू है लेकिन अब इसको अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए गुजरात में अवैध तरीके से धन व रुपयों की ब्याज पर लेन देन, सायबर क्राइम, हफ्ता वसूली, महिलाओं के खिलाफ अत्याचार जैसे मामलों में भी लागू किया जा सकेगा। रुपाणी आगामी बुधवार को मंतिमंडल की बैठक में इसका एक प्रस्ताव लाएंगे जिससे मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद आगामी मानसून सत्र के दौरान विधानसभा में पेश किया जाएगा। गुजरात में लगातार बढ़ रहे आर्थिक अपराध, महिलाओं के खिलाफ अत्याचार तथा जुआ व सायबर अपराध पर अंकुश लगाने के लिए सरकार गंभीर है। विधानसभा का सत्र आगामी 15 अथवा 17 सितंबर से शुरु हो सकता है।
उत्तर प्रदेश में असामाजिक तत्वों पर काबू पाने के लिए पहले से कंट्रोल ऑफ गुंडाज एक्ट लागू है वैसे ही गुजरात में एंटी सोशल एक्टीविटीज एक्ट पासा 1985 लागू है लेकिन इसका दायरा बढ़ाकर अब इसे और सख्त किया जाएगा। हाल इसके तहत भारतीय दंड संहिता तथा आर्म्स एक्ट के अंतर्गत आने वाले अपराध, समाज के लिए खतरनाक, सरकारी व निजी संपत्ति को कब्जाने वाले, शराब, नशीले पदार्थ व मादक द्रव्यों की हेराफेरी करने, देह विक्रय, गौवंश की हत्या व गौमांस की हेराफेरी करने के मामलों में लागू होता था।
पासा कानून को संशोधित कर अब मानव तस्करी, शराब की हेराफेरी, जूआ, आईटी एक्ट की कुछ धाराओं के साथ गौहत्या, आर्थिक अपराध, अवैध रुप से ब्याज पर धन की लेन-देन जैसे मामलों व महिलाओं के यौन शोषण जैसी घटनाओं में इसे और सख्त बनाया जाएगा। हाल जिला मजिस्ट्रेट अथवा पुलिस कमिश्नर पासा के तहत कार्रवाई का आदेश कर सकते थे लेकिन अब पुलिस महानिरीक्षक इसका आदेश कर सकेगा।