अहमदाबाद से मेरा गहरा नाता है, आखिर मेरी जन्मभूमि है: नीता अंबानी
नीता अंबानी ने कहा कि इस शहर से मेरा गहरा नाता है। आखिर यह मेरी जन्मभूमि है। अपनी जन्मभूमि किसे प्यारी नहीं होती। अच्छा तो तब लगता है, जब हम अपनी जन्मभूमि के लिए कुछ कर पाते हैं।
अहमदाबाद। नीता अंबानी ने कहा कि इस शहर से मेरा गहरा नाता है। आखिर यह मेरी जन्मभूमि है। अपनी जन्मभूमि किसे प्यारी नहीं होती। अच्छा तो तब लगता है, जब हम अपनी जन्मभूमि के लिए कुछ कर पाते हैं। हमारा परिवार श्रीनाथजी का भक्त है। इनकी मूर्ति के पीछे लगे कपड़े पर जो आर्ट है, हम उसे प्रमोट करना चाहते हैं। इसके लिए मुम्बई में न्यू कन्वेंशन सेंटर बनाया जा रहा है।
17 वीं सदी में राजस्थान और गुजरात में आराध्य की मूर्ति के पीछे कपड़े पर जिस कला के दर्शन होते हैं, उसे पुनर्जीवित करने के लिए और इसे विश्व स्तर पर पहुंचाने के लिए ही हमने इसकी प्रदर्शनी शिकागो में लगाई थी। इसे चित्रकला से जुड़े 100 आर्टिस्ट हैं। यह कला गुजरात में भी देखने को मिलती है। इसलिए इन कलाकारों की प्रतिभा को दर्शाने के लिए उनकी कला का डिस्प्ले पर विचार किया गया। कुछ इस तरह के विचार रिलायंस फाउंडेशन के फाउंडर और चेयरपर्सन नीता अंबानी ने व्यक्त किए। गुजरात यूनिवर्सिटी कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कपड़े पर उकेरी गई कला प्रदर्शनी में भाग लेने के लिए वे यहां आई थीं। उन्होंने यहां उपस्थित नाथद्वारा के 35 आर्टिस्टों को प्रोत्साहित किया। इसमें से 6 सीनियर आर्टिस्टों ने इस कला का डेमो दिया।
पेंटिंग में दिलचस्पी, पर चित्र बनाती नहीं
नीता अंबानी ने कहा कि मुझे पेंटिंग में काफी दिलचस्पी है, पर मैं चित्र नहीं बनाती, दूसरी ओर भरत नाट्यम का शौक अवश्य रखती हूं। उन्होंने कहा कि भारत की अन्य प्राचीन कला को प्रमोट करना हमारा उद्देश्य है। इसकी शुरुआत हम इस कपड़े पर बनी चित्रकारी कला से कर रहे हैं।
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