Gujarat: पुलिस सुरक्षा में अनुसूचित जाति की शादी की रस्में
Gujarat गुजरात के एक गांव में शादी की रस्में निभाई गईं लेकिन इसमें मेहमानों से अधिक पुलिस के जवान शामिल थे। विवाह से पहले बिंदोरी की तैयारी हुई तो उसक ...और पढ़ें

अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। Gujarat: उत्तर गुजरात के एक गांव में बैंड बाजा के साथ शादी की रस्में निभाई गईं, लेकिन इसमें मेहमानों से अधिक पुलिस के जवान शामिल थे। दरअसल, अनुसूचित जाति के एक युवक के विवाह से एक दिन पहले जब बिंदोरी की तैयारी हुई तो उसके घोड़ी पर बैठकर रस्म निभाने पर गांव वालों के एतराज के चलते पुलिस सुरक्षा का प्रबंध करना पड़ा। दुल्हा बना दुर्लभ सुतरिया हाथ में तलवार लिए घोड़ी पर सजधज कर बैठा और परिवार वालों ने धूमधाम से विवाहोत्सव मनाया। साबरकांठा जिले के वडाली गांव के दुर्लभ सुतरिया अनुसूचित जाति से आते हैं। वणकर समुदाय के इस युवक की शादी रविवार को होगी, लेकिन शनिवार को गांव में इससे जुड़ी रस्म निभाई जानी थी। गांव वालों की नाराजगी को देखते हुए दूल्हे के पिता ने पुलिस सुरक्षा की मांग की। पुलिस उपाधीक्षक डीएम चौहान ने बताया कि एहतियात के तौर पर सुरक्षा के लिए 75 पुलिसकर्मी गांव में तैनात किए गए थे। पूरी तरह शांति से समारोह संपन्न हो गया।
गौरतलब है कि इससे पहले गुजरात के अरावली जिले में निकासी के दौरान घोड़े पर बैठी अनुसूचित जाति की दुल्हन को नीचे उतारने और उसके भाई का साफा सिर से उतरवाने का मामला प्रकाश में आया था। बाद में पुलिस ने आरोपित पिता और पुत्र को गिरफ्तार कर सुरक्षा में दुल्हन को फिर घोड़े पर बिठाकर निकासी निकलवाई। आरोपित को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। गत दिनों मोडासा तहसील के नांदीसण गांव में अनुसूचित जाति की एक दुल्हन को घोड़े पर बैठाकर निकासी निकाली जा रही थी। तभी गांव के जयंद्र सिंह चौहाण और उसके पुत्र धर्मेंद्र सिंह चौहाण ने निकासी रुकवाकर दुल्हन को घोड़े से नीचे उतरवा दिया। दुल्हन के भाई के माथे पर बंधे साफे को यह कहकर उतरवा दिया कि उसे साफा नहीं पहनना चाहिए। आरोपितों ने उनके एक रिश्तेदार को थप्पड़ भी मार दिया। मोडासा ग्रामीण पुलिस थाने के सहायक पुलिस निरीक्षक अशोक परमार ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस तत्काल ही मौके पर पहुंची और दुल्हन को फिर से घोड़े पर बिठाकर पुलिस सुरक्षा में निकासी को रवाना किया। दुल्हन के परिवार को पुलिस सुरक्षा दी गई है।
इससे पहले मार्च, 2018 में सौराष्ट्र में घोड़ी रखने पर एक दलित युवक की गांव के दबंग लोगों ने हत्या कर दी। दो माह पूर्व ही प्रदीप राठोड नामक युवक घोड़ी लेकर आया था, उसे लेकर खेत पर आते-जाते समय कुछ लोग उसे धमकी दिया करते थे, गुरुवार रात्रि उसका व घोड़ी का शव गांव के बाहर पड़ा मिला। पुलिस ने इस मामले में अभी तक तीन आरोपियों को पकड़ा है लेकिन मृतक के परिजनों ने सभी आरोपितों के नहीं पकडे जाने तक शव लेने से इनकार कर दिया है। भावनगर से 60 किमी दूर उमराला तहसील के गांव टींबी में रहने वाले कालूभाई राठौड ने बताया कि उनका 21 वर्षीय लड़का प्रदीप राठौड दो माह पहले घोड़ी लेकर आया था, गांव के कुछ लोग उसे इस बात को लेकर धमकी देते थे। जब भी वह घोड़ी लेकर खेत पर निकलता लोग उसे धमकी देते व घोड़ी पर बैठकर घूमने से मना किया करते थे। वह घोड़ी लेकर खेत पर गया था, उसने कहा था के वापस लौटकर वह उनके साथ खाना खाएगा। जब देर रात तक प्रदीप नहीं लौटा तो उसकी तलाश शुरू की गई। गांव के बाहर प्रदीप व उसकी घोडी दोनों मृत हालत में पड़े मिले। राज्य के सामाजिक न्याय मंत्री ईश्वर परमार ने जिला कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक से घटना की जांच रिपोर्ट शीघ्र तैयार कर सरकार को भेजने के निर्देश दिए हैं, पुलिस निरीक्षक के जे तलपडा ने बताया कि इस मामले में अभी तक तीन आरोपितों को पकड़ा गया ।

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