'20 सालों से सीएमओ में काम कर रहा हूं', CM कार्यालय का अधिकारी बनकर शख्स कर रहा था ठगी, पुलिस ने इस तरह दबोचा
गुजरात के नवसारी में एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है जो कथित तौर पर खुद को मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी के रूप में पेश करता था। आरोप है कि शख्स ने मुख्यमंत्री कार्यालय का अधिकारी बनकर कई बार एसडीएम को फोन कॉल किया। इसके बाद एसडीएम की शिकायत पर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। पूरा मामला आगे पढ़िए।

पीटीआई, नवसारी। गुजरात के नवसारी शहर में एक व्यक्ति को कथित तौर पर खुद को मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) का अधिकारी बताने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी नितेश चौधरी, जिसने खुद को मुख्यमंत्री की बैठकों का प्रबंधन करने वाला एक अधिकारी बताया था उसको गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस उपाधीक्षक संजय राय ने कहा कि आरोपी ने दावा किया कि वह पिछले 20 सालों से सीएमओ में काम कर रहा है और मुख्यमंत्री का विश्वासपात्र है और प्रमोशन और दिल्ली में ट्रांसफर का इंतजार कर रहा है।
क्या है शिकायत?
जनम ठाकोर, जो फिलहाल एक उप-विभागीय मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात हैं की तरफ से दायर एक शिकायत के आधार पर नवसारी ग्रामीण पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 204 (एक लोक सेवक का रूप धारण करना या सार्वजनिक पद संभालने का झूठा दावा करना) के तहत मामला दर्ज किया है।
पुलिस अधिकारी ने आगे कहा कि ठाकोर ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि आरोपी ने कई बार उनसे फोन पर संपर्क किया और दावा किया कि वह सीएमओ से बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि आरोपी ने पहली बार ठाकोर से तब संपर्क किया जब वह सूरत में बारडोली के प्रांत अधिकारी के रूप में कार्यरत थे और उन्होंने जमीन हड़पने के एक मामले पर चर्चा की थी और जब उन्हें नवसारी में ट्रांसफर कर दिया गया तब चौधरी ने सिसोदरा में जमीन हड़पने के एक मामले के बारे में उनसे फिर से संपर्क किया।
'40 लाख रुपये की धोखाधड़ी'
अधिकारी ने आगे बताया, आरोपी नितेश चौधरी ने दावा किया कि एक व्यक्ति ने सीएमओ से शिकायत की थी कि जमीन हड़पने के एक मामले में समझौता सुनिश्चित करने के बहाने उससे 40 लाख रुपये की धोखाधड़ी की गई है और ठाकोर से मामले की जांच करने का अनुरोध किया है।
आरोपी ने 30 दिसंबर 2024 को फिर से ठाकुर को फोन किया और सूरत के मांडवी में आधार कार्ड अपडेट में भ्रष्टाचार के बारे में बात की। राय ने कहा कि जब आरोपी ने 2 जनवरी को शिकायतकर्ता से संपर्क किया, तो शिकायतकर्ता को संदेह हुआ और उसने उससे पूछताछ की।
आरोपी ने बोला झूठ
एफआईआर के अनुसार, आरोपी ने दावा किया कि उसके पास जनसंचार और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है और उसे गुजरात लोक सेवा आयोग के माध्यम से सीधे सीएमओ में नियुक्त किया गया था और पिछले 20 सालों से वहां काम किया है।
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