Move to Jagran APP

गुजरातः किडनी सर्जन डॉ एचएल त्रिवेदी नहीं रहे

Dr HL Trivedi passed away. किडनी सर्जन व किडनी संस्‍थान अहमदबााद के संस्‍थापक पद्मश्री डॉ एचएल त्रिवेदी का निधन हो गया।

By Sachin MishraEdited By: Published: Wed, 02 Oct 2019 06:17 PM (IST)Updated: Wed, 02 Oct 2019 06:17 PM (IST)
गुजरातः किडनी सर्जन डॉ एचएल त्रिवेदी नहीं रहे
गुजरातः किडनी सर्जन डॉ एचएल त्रिवेदी नहीं रहे

अहमदाबाद, जेएनएन। जाने माने किडनी सर्जन व किडनी संस्‍थान अहमदबााद के संस्‍थापक पद्मश्री डॉ एचएल त्रिवेदी का बुधवार दोपहर 89 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उनका कुछ माह से उपचार चल रहा था, न्‍यूरो, लीवर व पार्किसंस की बीमारी से पीड़ित थे।

loksabha election banner

भारत के प्रसिद्ध किडनी सर्जन डॉ हरगोविंद लक्षमी शंकर त्रिवेदी का जन्‍म 31 अगस्‍त, 1932 में गुजरात के सुरेंद्रनगर जिले के हलवद कस्‍बे के एक छोटे से गांव चरडवा में हुआ था। डॉ त्रिवेदी कुछ माह से उपचाराधीन थे, पांच डॉक्‍टर की टीम उनका उपचार कर रही थी। उन्‍हें पार्किसंस, न्‍यूरो व लीवर की बीमारी थी। बुधवार दोपहर उन्‍होंने अंतिम सांस ली। वे जाने माने नेफ्रोलॉजिस्ट थे, जीआर दोषी और केएम मेहता इंस्टीट्यूट ऑफ किडनी डिजीज एंड रिसर्च सेंटर के निदेशक और बी जे मेडिकल कॉलेज अहमदाबाद के फैकल्टी सदस्य भी रहे।

उन्‍होंने पांच हजार से अधिक ऑपरेशन किए, जिनमें 400 से अधिक किडनी ट्रांसफर शामिल हैं। उन्‍हें चिकित्‍सा जगत में उल्‍लेखनीय योगदान के लिए पद्मश्री से भी सम्‍मानि‍त किया जा चुका है। स्‍टेमसेल की मदद से ट्रांसप्‍लांट व ऑपरेशन के बाद दवा की आवश्‍यकता नहीं होने संबंधी उनके संशोधन खूब चर्चा में रहे।

उनकी प्रारंभिक शिक्षा वांकानेर के लुणसर में हुई। उसके बाद राजकोट व मैंगलोर में अध्‍ययन के बाद उन्‍होंने अहमदबाद की बीजे मेडिकल कॉलेज से मेडिकल की शिक्षा ग्रहण की बाद में संयुक्‍त राज्‍य अमेरिका के प्रांत ओहिया के क्‍लीवलेंड शहर में जाकर बस गए थे। अमेरिका,जापान, रशिया स्‍वीडन, भारत व यूरोपीय देशों में मेडिकल के क्षेत्र पर उनके शोध पत्र काफी गंभीरता से लिए जाते थे।

उन्होंने वर्ष 1977 में भारत में किडनी संस्‍थान की स्‍थापना के उद्देश्‍य को लेकर ही वे गुजरात लौटे तथा अहमदाबाद के सिविल अस्‍पताल परिसर में किडनी संस्‍थान की स्‍थापना की। गुरुवार को उनका शव किडनी संस्‍थान में अंतिमदर्शन के लिए रखा जाएगा उसके बाद अंतिम संस्‍कार किया जाएगा।

गुजरात की अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.