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    अहमदाबाद के ख्याति मेडिकल स्कैंडल मामले में राज्य सरकार ने लिया एक्शन, PM-JAY योजना से 7 हॉस्पिटल को किया निलंबित

    अहमदाबाद के ख्याति अस्पताल में दो मरीजों की मौत के बाद मेडिकल स्कैंडल का खुलासा हुआ है। दरअसल सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए अस्पताल की तरफ से मेडिकल कैंप लगाकर मरीजों का ऑपरेशन किये जाने का घोटाला सामने आया था। जिसके चलते राज्य की ओर से सख्त कदम उठाए गए हैं। सरकार ने ख्याति हॉस्पिटल समेत 7 अस्पतालों को PM-JAY योजना से निलंबित कर दिया है।

    By Jagran News Edited By: Shubhrangi Goyal Updated: Tue, 19 Nov 2024 03:45 PM (IST)
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    PM-JAY योजना से 7 हॉस्पिटल को किया निलंबित

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली: अहमदाबाद के ख्याति अस्पताल में दो मरीजों की मौत के बाद मेडिकल स्कैंडल का खुलासा हुआ है। दरअसल सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए अस्पताल की तरफ से मेडिकल कैंप लगाकर मरीजों का ऑपरेशन किये जाने का घोटाला सामने आया था। जिसके चलते राज्य की ओर से सख्त कदम उठाए गए हैं।

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    सरकार ने ख्याति हॉस्पिटल समेत 7 अस्पतालों को PM-JAY योजना से निलंबित कर दिया है। साथ ही डॉ प्रशांत वजीरानी समेत 4 डॉक्टरों को स्पेशलिटी डॉक्टर की श्रेणी से निलंबित कर दिया गया है।

    अहमदाबाद के हैं तीन अस्पताल 

    गुजरात के सात अस्पतालों को निलंबित कर दिया गया है। राज्य सरकार ने सात अस्पतालों को पीएम-जेएवाई योजना से निलंबित कर दिया है। इनमें 3 अस्पताल अहमदाबाद के हैं। जबकि सूरत, वडोदरा, राजकोट और गिर सोमनाथ जिले का एक-एक अस्पताल शामिल है।

    इस घोटाले में फंसे एक अन्य डॉक्टर संजय पटोलिया भी आरोपों का सामना कर रहे हैं और उनके राजकोट और सूरत के अस्पतालों से संबंध हैं, जिससे पूरे राज्य में विवाद फैल रहा है।

    क्या था पूरा मामला?

    गौरतलब है कि ख्याति अस्पताल पर स्वस्थ व्यक्तियों में अनावश्यक एंजियोप्लास्टी और स्टंट इलाज करके प्रधानमंत्री-जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) जैसे सरकारी स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रमों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया है। डॉक्टरों की जांच से पता चला कि जिन मरीजों की एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी हुई, उनमें कोई अंतर्निहित स्वास्थ्य स्थिति नहीं थी और उन्हें चिकित्सा प्रक्रियाओं की आवश्यकता नहीं थी।

    एफआईआर सोला सिविल अस्पताल के सीडीएमओ डॉ. प्रकाश मेहता ने दर्ज कराई थी। स्वास्थ्य आयुक्त की तरफ से नियुक्त जांच समिति के सदस्य मेहता ने कहा, “हमारी रिपोर्ट से, ऐसा प्रतीत होता है कि डॉ. प्रशांत वज़ीरानी, ​​​​ख्याति मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल के निदेशक डॉ. कार्तिक पटेल, डॉ. संजय पटोलिया, राजश्री कोठारी, सीईओ चिराग राजपूत और अन्य शामिल थे।

    पेश की गई झूठी रिपोर्ट

    अवैध वित्तीय लाभ के लिए सरकार की PM-JAY योजना का दुरुपयोग करने के गलत इरादे से साजिश रची थी। उन्होंने कथित तौर पर मरीज की वास्तविक शारीरिक स्थितियों के बारे में झूठी कहानी पेश करके एक आपराधिक योजना बनाई। उन्होंने मरीजों को गुमराह किया, 'उन्हें झूठे बहाने के तहत सहमति प्रपत्रों पर हस्ताक्षर करवाकर स्टेंट लगाने और अनावश्यक एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी के लिए सहमति देने के लिए राजी किया।''