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    'अमेरिका ने 50 फीसद टैरिफ लगाया और केंद्र सरकार बैठी है चुप', अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर साधा निशाना

    Updated: Sun, 07 Sep 2025 08:41 PM (IST)

    अरविंद केजरीवाल ने मोदी सरकार पर अमेरिकी कपास पर 11% आयात शुल्क माफ करने का आरोप लगाया जिससे भारतीय किसानों को नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि इससे अमेरिकी कपास सस्ती होगी और किसानों को कम दाम मिलेंगे जिससे वे आत्महत्या के लिए मजबूर हो सकते हैं। केजरीवाल ने सरकार से शुल्क वापस लगाने कपास पर MSP बढ़ाने और खाद-बीज पर सब्सिडी देने की मांग की।

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    अमेरिकी कपास पर ड्यूटी हटाने से किसान संकट में केजरीवाल का मोदी सरकार पर हमला

    डिजिटल डेस्क, अहमदाबाद/नई दिल्ली। मोदी सरकार ने अमेरिकी कपास पर लगने वाले 11 फीसद इंपोर्ट ड्यूटी को माफ कर देश के किसानों के साथ बड़ा धोखा किया है। इससे अमेरिकी कपास की कीमत हमारे किसानों की कपास से 15-20 रुपए प्रति किलो सस्ती हो जाएगी और अब हमारे किसानों को कपास का दाम 900 रुपए प्रति मन से भी कम मिलेगा। इससे वे आत्महत्या करने को मजबूर होंगे।

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    मोदी जी सिर्फ अडानी को बचाने और ट्रंप को खुश करने के लिए अपने देश के किसानों की कुर्बानी दे रहे हैं। हमारी मांग है कि केंद्र सरकार अमेरिकी कपास पर वापस 11 ड्यूटी लगाए, किसानों को कपास पर 2100 रुपए प्रति 20 किलो एमएसपी व खाद-बीज पर सब्सिडी दे। रविवार को भारी बारिश के चलते चोटीला में होने वाली किसानों की महापंचायत स्थगित होने के बाद आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने अहमदाबाद में प्रेसवार्ता कर ये बातें कही।

    किसानों की सस्ती कपास आसानी से बिक जाती थी

    अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारे किसानों ने जून-जुलाई के महीने में कपास की बुआई कर दी है। किसानों ने कपास लगाने के लिए बीज, खाद और मजदूरी के लिए कर्ज लिया है। अब भारत के किसानों की कपास की फसल अक्टूबर-नवंबर में तैयार होगी। हमारे किसान सोच रहे रहे हैं कि अक्टूबर-नवंबर जब उनकी फसल तैयार होगी और उसे मंडी में लेकर जाएंगे और उसका अच्छा दाम मिलेगा।

    लेकिन किसानों को पता नहीं है कि केंद्र में बैठी मोदी सरकार ने किस तरह किसानों के साथ धोखा किया है। अमेरिका में किसानों द्वारा उगाई गई कपास जब भारत में आती है तो उस पर अभी तक 11 फीसद इंपोर्ट ड्यूटी लगती थी। इंपोर्ट ड्यूटी की वजह से अमेरिका की कपास भारत में आने पर हमारे किसानों द्वारा उगाई गई कपास से महंगी होती थी। इसलिए हमारे देश के किसानों द्वारा उगाई गई कपास मंडी में आसानी से बिक जाती थी और अमेरिका से आने वाली कपास नहीं बिकती थी।

    टेक्सटाइल कंपनियों ने अमेरिका से सस्ती कपास मंगानी शुरू की

    अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 19 अगस्त से केंद्र की मोदी सरकार ने अमेरिका से आने वाली कपास पर लगने वाले 11 फीसद इंपोर्ट ड्यूटी को हटा दी है। अब अमेरिका से आने वाली कपास भारत के किसानों की कपास से 15 से 20 रुपए प्रति किलो सस्ती हो जाएगी। इस तरह, अमेरिका की कपास भारत में हमारे किसानों की कपास से ज्यादा सस्ती हो जाएगी।

    नतीजन, हमारे देश के किसानों की कपास नहीं बिक पाएगी। जब हमारे देश के किसान अक्टूबर-नवंबर में अपनी कपास मंडी में लेकर जाएंगे तो उनकी कपास खरीदने वाला कोई नहीं मिलेगा। भारत की सभी टेक्सटाइल कंपनियों ने पहले ही अमेरिका से बहुत बड़े स्तर पर सस्ती कपास मांगनी शुरू कर दी है।

    अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार ने पहले यह ड्यूटी 40 दिन के लिए हटाई थी, जो 19 अगस्त से 30 सितंबर तक लागू था, लेकिन अब मोदी सरकार ने इसे बढ़ा कर 31 दिसंबर कर दिया है। यानी अब 31 दिसंबर तक अमेरिका से आने वाली कपास पर 11 फीसद ड्यूटी नहीं लगेगी। ऐसे में हमारे किसानों द्वारा उगाई गई कपास को बेचने का कोई भी विकल्प नहीं बचा है।

    अब अमेरिका की कपास सस्ती होने की वजह से हमारे किसानों की कपास नहीं बिकेगी। हमारे देश का किसान कर्ज लेकर बीज, खाद खरीद चुका है, मजदूरी दे चुका है। अब वह किसान अपना कर्ज कैसे चुकाएगा? इन किसानों के सामने आत्महत्या करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा।

    अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 2013 में गुजरात में लगभग 1500 से 1700 प्रति मन कीमत पर किसानों को अपनी कपास के दाम मिला करते थे। 2014 में लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि कपास की कीमत बहुत कम है। इसकी कीमत कम से कम 2500 रुपए प्रति मन होनी चाहिए। ढाई हजार रुपए किसानों को मिलना तो बहुत दूर की बात है, उस वक्त जो 1500 से 1700 रुपए प्रति मन कपास के दाम मिलते थे, आज मार्केट में किसान को 1200 रुपए प्रति मन ही कपास के दाम मिलते हैं।

    उसमें भी 300 रुपए प्रति मन कीमत कम हो गए, जबकि किसानों के बीज, खाद, मजदूरी के दाम बढ़ गए। जब अमेरिका की कपास भारत में आ जाएगी तो हमारे किसानों को 900 रुपए प्रति मन से भी कम कीमत कपास की मिलेगी। एक तरह से अमेरिका के किसानों को मालामाल किया जा रहा है और गुजरात के किसानों को कंगाल किया जा रहा है।

    आखिर मोदी सरकार अमेरिका के आगे इतनी बेबस क्यों

    अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार के फैसले पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि केंद्र की मोदी सरकार अमेरिका के आगे इतनी बेबस क्यों है? ये हमें नहीं पता है, लेकिन चारों तरफ अलग-अलग अफवाहें फैली हुई हैं। एक अफवाह ये है कि मोदी जी अडानी को बचाने के लिए ट्रंप को किसी भी हालत में नाराज नहीं करना चाहते हैं। ट्रंप हमारे देश की सरकार का हाथ मरोड़ रहा है। इसलिए ट्रंप के दबाव और गुंडागर्दी के चलते मोदी सरकार ने अमेरिका से आने वाले कपास से इंपोर्ट ड्यूटी हटाकर हमारे किसानों को आत्महत्या करने के लिए मजबूर कर दिया है।

    उन्होंने मोदी सरकार से मांग करते हुए कहा कि अमेरिकी कपास से हटाई गई 11 फीसद ड्यूटी वापस लगाई जाए। हमारे देश के किसानों को कपास पर 2100 रुपए प्रति मन के हिसाब से एमएसपी दिया जाए। तीसरा, सिर्फ एमएसपी तय करने से कुछ नहीं होगा, बल्कि हमारे किसानों की कपास एमएसपी पर ही खरीदी जाए। चौथा, खाद, बीज समेत कपास को उगाने वाली सामग्री बहुत महंगी हो गई है। उस पर सब्सिडी दी जाए ताकि ये किसानों को सस्ता मिल सके।

    ट्रंप के 50 फीसद टैरिफ से लाखों हीरा कारीगर बेरोजगार

    अरविंद केजरीवाल ने कहा कि गुजरात के कपास के किसानों के साथ ही हीरे के कारीगरों के ऊपर भी एक बहुत बड़ा संकट आया है। यहां भी मोदी सरकार ट्रंप के आगे घुटने टेक चुकी है। हमारे देश से हीरे को तराश कर बहुत बड़े स्तर पर अमेरिका भेजा जाता है। उस हीरे को तराशने वाले लाखों कारीगर गुजरात के सूरत में काम करते हैं।

    आज ये लाखों कारीगर बेघर हो गए हैं, क्योंकि अब अमेरिका ने भारत से जाने वाले हीरे के ऊपर 50 फीसद टैरिफ लगा दिया है और हमारी केंद्र सरकार इस मामले में भी झुकी हुई है, कोई एक्शन नहीं ले रही है। लेकिन जब अमेरिका ने कनाडा पर 25 फीसद टैरिफ लगाया तो कनाडा ने अमेरिका पर 35 फीसद टैरिफ लगाकर पलटवार किया।

    अमेरिका ने यूरोपियन यूनियन के ऊपर 50 फीसद टैरिफ लगाया तो यूरोपियन यूनियन ने भी पलटकर अमेरिका पर 50 फीसद टैरिफ लगा दिया। इसके बाद ट्रंप झुक गए और उन्होंने कनाडा व यूरोपियन यूनियन पर लगा टैरिफ वापस ले लिया। इसी तरह, अमेरिका ने मैक्सिको के ऊपर टैरिफ लगाया तो उसने भी अमेरिका पर टैरिफ लगाया। ट्रंप ने झुक कर मैक्सिको का भी टैरिफ वापस ले लिया।

    अमेरिकी कपास पर 100 फीसद टैरिफ लगाना चाहिए

    अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ट्रंप ने भारत पर टैरिफ लगाया तो मोदी सरकार ने अमेरिका पर टैरिफ बढ़ाने के बजाय कपास पर लगने वाली 11 फीसद ड्यूटी को भी खत्म कर दिया। उन्होंने मोदी सरकार से सवाल किया कि आखिर हम क्यों कमजोर पड़ गए। भारत 140 करोड़ लोगों का देश है और दुनिया का सबसे बड़ा मार्केट है। अमेरिका की सारी कंपनियां भारत आना चाहती हैं और अपना मॉल बेचना चाहती हैं।

    मोदी जी के पीछे देश के 140 करोड़ लोग खड़े हैं। अमेरिका ने भारत के ऊपर 50 फीसद टैरिफ लगाया तो मोदी जी को पलटकर अमेरिकी कपास पर 100 फीसद टैरिफ लगा देना चाहिए था। इसके बाद ट्रंप को झुकना ही पड़ता। क्योंकि ट्रंप कायर, डरपोक और बुजदिल है। जिन देशों ने ट्रंप को आँखें दिखाई, उनके सामने उसे झुकना पड़ा।

    मोदी जी थोड़ा हिम्मत दिखाएं देश उनके साथ खड़ा है

    अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारे देश में कई अमेरिकी कंपनियां काम कर रही हैं। भारत चार अमेरिकी कंपनियां को बंद कर दे, फिर इन लोगों को नानी याद आ जाएगी। मोदी जी ट्रंप को आँखें तो दिखाएं, उनके सामने सीना तान कर खड़े तो हों, अमेरिका को जवाब तो दें। मोदी जी क्यों जवाब नहीं दे रहे हैं, क्यों कमजोर पड़े हैं? क्या अडानी को बचाने के लिए पूरे देश को ताक पर लगा देंगे?

    आज सूरत के हीरा कारीगरों के पास अपने बच्चों की फीस देने के पैसे नहीं है, दो वक्त की रोटी खाने के पैसे नहीं है। सारे कारीगर बेरोजगार हो गए हैं। मोदी जी से हमारी मांग है कि वह थोड़ा हिम्मत दिखाएं, पूरा देश उनके साथ खड़ा है।

    हमारी मांग है कि जैसे ट्रंप ने भारत से अमेरिका जाने वाले सामन पर 50 फीसद टैरिफ लगाया है, वैसे ही मोदी जी भी अमेरिका से भारत आने वाले सामानों पर 75 फीसद टैरिफ लगाएं। देश बर्दाश्त करने को तैयार है। फिर देखिए ट्रंप झुकता है या नहीं झुकता है। दुनिया झुकती है, झुकाने वाला चाहिए।

    अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह बड़ी दिलचस्प बात है कि अमेरिकी कपास पर मोदी सरकार द्वारा हटाई गई 11 फीसद ड्यूटी के मुद्दे पर कांग्रेस चुप है। कांग्रेस को किसानों से कोई मतलब नहीं है और ना तो हीरा कारीगरों से कोई लेना देना नहीं है। कांग्रेस को तो भाजपा की नौकरी करनी है।

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