कोरियोग्राफर कुमुदिनी लाखिया का निधन, पद्म पुरस्कारों से थीं सम्मानित; पीएम मोदी ने जताया दुख
प्रख्यात कथक नृत्यांगना और कदंब नृत्य केंद्र की संस्थापक कुमुदिनी लाखिया का शनिवार को अहमदाबाद में 95 वर्ष की आयु में निधन हो गया। भारतीय शास्त्रीय नृत्य की एक महान हस्ती लाखिया अपनी बेटी और प्रख्यात नृत्यांगना मैत्रेयी हट्टंगड़ी के साथ रह रही थीं। कथक के प्रति आजीवन समर्पण के लिए लाखिया को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था।
पीटीआई, अहमदाबाद। प्रख्यात कथक नृत्यांगना और कोरियोग्राफर कुमुदिनी लाखिया का शनिवार को निधन हो गया। वह 95 वर्ष की थीं। कथक के प्रति आजीवन समर्पण के सम्मान में लखिया को इस वर्ष पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कुमुदिनी लाखिया के निधन पर शोक जताया है। पीएम ने एक्स पर पोस्ट किया, कथक और भारतीय शास्त्रीय नृत्यों के प्रति कुमुदिनी लाखिया जी का जुनून पिछले कई वर्षों के उनके उल्लेखनीय कार्यों में परिलक्षित होता था। उनके योगदान को हमेशा संजोया जाएगा।
उमराव जान में थीं कोरियोग्राफर
कदम्ब नृत्य एवं संगीत केंद्र की प्रशासक पारुल ठाकोर ने बताया, कुमुदिनीबेन का अहमदाबाद स्थित उनके घर पर सुबह करीब 11 बजे निधन हो गया। वह पिछले तीन महीने से उम्र से संबंधित कुछ बीमारियों से पीड़ित थीं। कदम्ब नृत्य एवं संगीत केंद्र की स्थापना कुमुदिनी लाखिया ने की थी।
17 मई, 1930 को अहमदाबाद में जन्मी लखिया ने अन्य फिल्मों के साथ ही हिंदी फिल्म उमराव जान (1981) में कोरियोग्राफर के रूप में भी काम किया था। कुमुदिनी लाखिया को उनके योगदान के लिए पद्म श्री, पद्म भूषण, पद्म विभूषण, संगीत नाटक अकादमी जैसे कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले थे।
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