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Morbi Bridge Collapse: ओरेवा ग्रुप के एमडी जयसुख पटेल ने मोरबी पुल हादसा मामले में तीन महीने बाद किया सरेंडर

गुजरात के मोरबी में पिछले साल हुए पुल हादसा मामले में ओरेवा ग्रुप के एमडी जयसुख पटेल ने मंगलवार को कोर्ट में आत्मसमर्पण किया। जयसुख पटेल ने मोरबी में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में आत्मसमर्पण किया। File Photo

By AgencyEdited By: Devshanker ChovdharyPublished: Tue, 31 Jan 2023 03:30 PM (IST)Updated: Tue, 31 Jan 2023 03:51 PM (IST)
Morbi Bridge Collapse: ओरेवा ग्रुप के एमडी जयसुख पटेल ने मोरबी पुल हादसा मामले में तीन महीने बाद किया सरेंडर
जयसुख पटेल ने मोरबी में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में आत्मसमर्पण किया।

राज्य ब्यूरो, अहमदाबाद। गुजरात के मोरबी में पिछले साल हुए पुल हादसा मामले में ओरेवा ग्रुप के एमडी जयसुख पटेल ने मंगलवार को कोर्ट में आत्मसमर्पण किया। जयसुख पटेल ने मोरबी में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में सरेंडर कर दिया। इससे पहले खबर थी कि वह विदेश भागने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मंगलवार दोपहर करीब तीन बजे अचानक वह अपने वकील के साथ कोर्ट में पेश हुए।

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बता दें कि 2022 के मोरबी सस्पेंशन ब्रिज ढहने के मामले में 1,262 पन्नों की चार्जशीट दायर की गई है। इस घटना में 135 लोगों की जान गयी थीं। चार्जशीट में आरोपी के तौर पर ओरेवा ग्रुप के जयसुख पटेल का नाम शामिल किया गया है।

ओरेवा ग्रुप के एमडी ने कोर्ट में किया सरेंडर

मोरबी में हुए दर्दनाक सस्पेंशन ब्रिज हादसे में ओरेवा ग्रुप के एमडी जयसुख पटेल ने मोरबी सेशंस कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दी। सुनवाई आज होनी थी, लेकिन सरकारी वकील और अभियुक्तों के वकील मौजूद नहीं थे। इस मामले में पुलिस ने एक हलफनामा दायर किया है और इस मामले में पीड़िता के परिवार द्वारा मोरबी के विधायक दिलीप अगेचानिया की ओर से आपत्ति याचिका भी दायर की गई है।

30 अक्टूबर 2022 को हुआ था मोरबी पुल हादसा

बता दें कि मोरबी में मणि मंदिर के पास और मच्छू नदी को पार करने वाला 140 साल पुराना सस्पेंशन ब्रिज 30 अक्टूबर को शाम 6 बजकर 32 मिनट पर ढह गया। इस हादसे में कई मासूम बच्चों समेत 135 लोगों की जान चली गई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुल के गिरने के वक्त 400 से ज्यादा लोग उस पर मौजूद थे। पुल की क्षमता 100 लोगों की थी। मोरबी के राजा सर वाघजी अपने शाही दरबार से राज महल जाने के लिए इसी केबल ब्रिज का इस्तेमाल करते थे। यह पुल उन्हीं के शासनकाल में बना था। राजा ने अपने राजशाही के अंत के बाद इस पुल की जिम्मेदारी मोरबी नगर पालिका को सौंप दी थी।

140 साल पुराना था मोरबी पुल

मोरबी ब्रिज 140 साल पुराना था। पुल को 6 महीने के लिए नवीनीकरण के लिए बंद कर दिया गया था और दुर्घटना के तीन दिन पहले ही फिर से खोल दिया गया था। करीब दो करोड़ की लागत से इसका जीर्णोद्धार किया गया था। इस ब्रिज का उद्घाटन 20 फरवरी, 1879 को मुंबई के गवर्नर रिचर्ड टेंपल ने किया था। उस समय यह पुल करीब साढ़े तीन लाख की लागत से बनकर तैयार हुआ था। इस ब्रिज की जिम्मेदारी ओरेवा ग्रुप की है।

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