Move to Jagran APP

गुजरात में राशन दुकान मालिकों का बढ़ा कमीशन, सरकार की तिजोरी पर बढ़ा बोझ

गुजरात सरकार ने राशन दुकानों मालिकों का कमीशन बढ़ा दिया है। इससे सरकार की तिजोरी पर इससे सालाना करीब 130 करोड़ रुपये का बोझ आएगा। राशन डीलरों को गेहूं एवं चावल पर प्रति क्विंटल ₹42 का कमीशन मिलता था जिसे अब बढ़ाकर ₹150 प्रति क्विंटल कर दिया है।

By Babita KashyapEdited By: Published: Thu, 03 Feb 2022 02:50 PM (IST)Updated: Thu, 03 Feb 2022 02:50 PM (IST)
सरकार की तिजोरी पर इससे सालाना करीब 130 करोड़ रुपये का बोझ आएगा।

अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। गुजरात सरकार ने प्रदेश के 22 हजार से अधिक राशन दुकानों के मालिकों का कमीशन 2 रुपये से सवा सौ रुपये तक बढ़ा दिया है। सरकार की तिजोरी पर इससे सालाना करीब 130 करोड़ रुपये का बोझ आएगा। गुजरात सरकार के प्रवक्ता एवं शिक्षा मंत्री जीतूभाई वाघाणी ने बताया है कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने मंत्रिमंडल के सदस्यों की सहमति से राज्य की फेयर प्राइस राशन डीलर पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्राहक भंडार के संचालकों का कमीशन एक रुपये 92 पैसे से 125 रुपये तक बढ़ा दिया है।

loksabha election banner

प्रदेश के राशन दुकान संचालकों का एसोसिएशन कमीशन बढ़ाने को लेकर सरकार से कई बार पेशकश कर चुका था। राशन डीलरों को गेहूं एवं चावल पर प्रति क्विंटल ₹42 का कमीशन मिलता था जिसे अब बढ़ाकर ₹150 प्रति क्विंटल कर दिया गया है अरहर दाल में प्रति किलोग्राम कमीशन एक रुपया 92 पैसा था जिसे बढ़ाकर तीन रुपये किया गया है। शक्कर प्रति क्विंटल कमीशन ₹90 से बढ़ाकर ₹150 किया गया है वहीं खाद्य तेल में प्रति लीटर ₹2 से बढ़ाकर ₹5 कर दिया गया है। 

राज्य सरकार के प्रवक्ता वाघाणी के अनुसार सरकार के इस निर्णय से तिजोरी पर आगामी वर्ष 2022 23 में अतिरिक्त 130 करोड़ रुपए तक का बोझ बढ़ जाएगा। गुजरात राज्य फेयर प्राइस शॉप्स एंड कैरोसिन लाइसेंस होल्डर एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रहलाद मोदी का कहना है कि सरकार की ओर से कमीशन बढ़ाए जाने का स्वागत है। बड़े दुकानदारों के लिए यह ठीक है लेकिन राशन के छोटे-छोटे दुकानदारों के लिए यह कमीशन पर्याप्त नहीं होगा। प्रह्लाद मोदी ने सरकार से छोटे राशन डीलरों का कमीशन और अधिक बढ़ाने की मांग की है।

गुजरात में करीब 70 लाख राशन कार्ड धारक हैं करीब तीन करोड़ 50 लाख लोगों को हर माह हजारों राशन डीलर से खाद्य सामग्री तेल एवं दालें आदि उपलब्ध कराई जाती है। सरकार की ओर से राशन धारकों को गेहूं चावल अरहर की दाल, शक्कर एवं साल में दो बार रिफाइंड खाद्य तेल भी वितरित किया जाता है। राज्य सरकार के एनआईसी विभाग की ओर से विकसित साफ्टवेयर के जरिए यह पूरी राशन वितरण प्रणाली कंप्यूटरीकृत है। बायो मैट्रिक थंब इंप्रेशन के जरिए राज्य में राशन का वितरण होता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.