गुजरात: सत्ता के गलियारों में सीएम, सुपर सीएम तथा एक मंत्री की बहू को लेकर जोर-शोर से हो रही हैं चर्चा, जानें क्या है मामला
Gujarat Politics पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी (Vijay Rupani) के खास राजकोट के पुलिस आयुक्त मनोज अग्रवाल अब प्रदेश के सुपर सीएम सीआर पाटिल (CR PAtil) को अपना राजनीतिक बॉस बनाकर किसी बड़े औद्योगिक शहर में अपनी पोस्टिंग कराना चाहते हैं।

अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। गुजरात के सत्ता के गलियारों में सीएम सुपर सीएम तथा एक मंत्री की बहू को लेकर जोर-शोर से चर्चाएं हो रही हैं। सुशासन सप्ताह के समापन समारोह के लिए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल राजकोट पहुंचे थे उनके साथ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटील भी इस समारोह में उपस्थित होने के लिए एयरपोर्ट पहुंचे। इस दौरान राजकोट के पुलिस आयुक्त मनोज अग्रवाल ने भाजपा अध्यक्ष पाटिल को सलामी दी। अक्सर पुलिस अधिकारी अपने से आला अफसर मंत्री एवं मुख्यमंत्री को सैल्यूट देते हैं जो उसके सरकारी बॉस होते हैं लेकिन एक पार्टी के अध्यक्ष को सलामी देने का कारण लोगों को समझ नहीं आया और इंटरनेट मीडिया में इसकी जोर-शोर से चर्चा शुरू हो गई।
गांधीनगर के सत्ता के गलियारों तक जब बात पहुंची तो पता चला कि पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी के खास माने जाने वाले राजकोट के पुलिस आयुक्त मनोज अग्रवाल राजनीतिक मौसम को देखकर अब प्रदेश के सुपर सीएम सीआर पाटिल को अपना राजनीतिक बॉस बनाकर किसी बड़े औद्योगिक शहर में अपनी पोस्टिंग कराना चाहते हैं। सत्ता की गलियारों में चर्चा यूं ही नहीं होती है आज तक किसी भी पुलिस आयुक्त ने किसी राजनीतिक दल के नेता व अध्यक्ष को सलामी नहीं दी लेकिन गुजरात की राजनीति में राजकोट के पुलिस कप्तान ने एक नई परिपाटी जोड़ दी।
नए व पुराने सीएम एक मंच पर
गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी को लेकर अक्सर यह चर्चाएं रहती है कि वह सरकार से तथा आलाकमान से रूठे हुए हैं। सरकार बदले जाने के बाद रुपाणी बहुत ही कम सार्वजनिक मंच पर नजर आए। सुशासन सप्ताह के समापन समारोह में शामिल होने वाले अतिथियों में उनका भी नाम शामिल था लेकिन इससे पहले होने वाले रोड शो में रुपाणी नहीं पहुंचे तो एक बार फिर रुपाणी के कोप भवन में चले जाने की अटकलें शुरू हो गई। लेकिन समापन समारोह में पहुंचकर रुपाणी ने खुद बताया कि गांधीनगर में व्यस्तता होने के कारण वे खुद देरी से पहुंचे हैं।
लव जिहाद नहीं चलेगा
गुजरात सरकार के नए नवेले युवा गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी हर मौके पर अपनी सक्रियता दिखाते हैं। गांधीनगर में एक नवजात को लावारिस छोड़े जाने का मामला हो अथवा नाबालिक किशोरियों को बहला-फुसलाकर लव जिहाद के तहत फंसाने का मामला। संघवी हर एक मुद्दे पर अपनी दो टूक राय रखते हैं लेकिन किंतु परंतु में विश्वास नहीं करते हैं। कई बार प्रेस एवं मीडिया के मित्रों को भी कहते सुने गए हैं कि तुरंत निर्णय पर नहीं पहुंचे मेरे पर विश्वास रखें, होगा वही जो आप और मैं चाहता हूं। मुख्यमंत्री के बाद सबसे अधिक व्यस्त एवं सक्रिय रहने वाले चंद मंत्रियों में संघवी भी एक हैं। सब जानते हैं कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पाटिल के गृह जिले से हैं तथा पाटिल के विश्वासपात्र भी। पूर्व गृह राज्य मंत्री प्रदीप सिंह जाडेजा भी काफी सक्रिय एवं उपयोगी नेता थे लेकिन पूरी रुपाणी सरकार ही बदले जाने के चक्कर में उनका भी पत्ता कट गया अन्यथा प्रधानमंत्री मोदी एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का उन्हें काफी करीबी माना जाता था। एक वक्त तो ऐसा भी था कि उन्हें रूपाणी के विकल्प के रूप में भी देखा जाने लगा था। हर्ष संघवी ने अपनी सक्रियता से बखूबी जाडेजा का स्थान व चेहरा भी आत्मसात कर लिया है।
चर्चे मंत्री की बहू के भी हैं
गुजरात का सबसे सुरक्षित क्षैत्र माने जाने वाला गांधी नगर मंत्री निवास से एक मंत्री की बहू अपने प्रेमी के साथ भाग गई। प्रेमी सरकारी कांट्रेक्टर है तथा मंत्री के समाज से ही आता है। इसी कारण मंत्री आवास पर उसका बेधड़क आना-जाना रहता है। बीते दिनों मंत्री के सरकारी कार्यक्रमों में व्यस्त होने का लाभ उठाते हुए वह मंत्री की बहू को अपने साथ भगा ले गया। जब बात मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंची तो राज्य की पुलिस को तुरंत सक्रिय किया गया और 36 घंटे के अंदर दोनों को गांधीनगर में मंत्री के समक्ष पेश कर दिया गया। मंत्री जी ने समाज के डर से बहू को उसके पीहर जामनगर भेज दिया तथा अपने ही समाज के उसके प्रेमी को भी माफ करते हुए रवाना कर दिया लेकिन अब इस घटना को लेकर सत्ता के गलियारों में चर्चाएं जोर-शोर पर हैं।
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