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    मानहानि मामले में राहुल की याचिका पर HC में आज होगी सुनवाई, जानिए कांग्रेस नेता के पास कौन से विकल्प हैं मौजूद

    By Jagran NewsEdited By: Anurag Gupta
    Updated: Sat, 29 Apr 2023 12:29 AM (IST)

    गुजरात उच्‍च न्‍यायालय के न्‍यायाधीश हेमंत प्रच्‍छक कांग्रेस नेता राहुल गांधी के मानहानि मामले की शनिवार को सुनवाई करेंगे इससे पहले 26 अप्रेल को न्‍यायाधीश गीता गोपी ने इस सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था। (फाइल फोटो)

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    राहुल मानहानि मामले में आज हाईकोर्ट में होगी सुनवाई

    अहमदाबाद, राज्य ब्यूरो। आपराधिक मानहानि मामले में सूरत की निचली अदालत की 2 वर्ष की सजा पर रोक के लिए दायर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की याचिका पर शनिवार को गुजरात उच्‍च न्‍यायालय में सुनवाई होगी। 23 मार्च को ट्रायल कोर्ट के निर्णय के बाद राहुल लोकसभा की सदस्‍यता के अयोग्‍य हो गये थे। सत्र अदालत में राहुल ने सजा पर रोक की अर्जी दी थी, लेकिन उसे खारिज कर दिया गया।

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    गुजरात उच्‍च न्‍यायालय के न्‍यायाधीश हेमंत प्रच्‍छक राहुल गांधी के मानहानि मामले की शनिवार को सुनवाई करेंगे, इससे पहले 26 अप्रेल को न्‍यायाधीश गीता गोपी ने इस सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था।

    सत्र अदालत ने खारिज की थी याचिका

    सूरत के मुख्‍य न्‍यायिक दंडाधिकारी हरीश हसमुख वर्मा ने 23 मार्च को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 499 व 500 के तहत राहुल को 2 साल की सजा सुनाई थी। इस निर्णय को राहुल की ओर से सत्र अदालत में चुनौती देते हुए राहुल की ओर से दोषसिद्धी पर रोक की मांग की गई थी, जो 20 अप्रेल को खारिज कर दी गई थी।  

    क्या है पूरा मामला ?

    कांग्रेस के तत्‍कालीन अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने 13 अप्रैल, 2019 को कर्नाटक बेंगलुरु से 100 किमी दूर कोलार में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि सभी चोर मोदी क्‍यूं हैं, और कितने मोदी निकलेंगे। उनके इस बयान को लेकर गुजरात के पूर्व मंत्री एवं सूरत से भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने 15 अप्रैल, 2019 को अडाजण पुलिस थाने में आपराधिक मानहानि की एक शिकायत दर्ज कराई थी।

    सरकारी वकील केतन रेशम वाला ने कहा कि देश की संसद कानून बनाती है, राहुल उसके सदस्‍य हैं। इनके बनाए कानून का पालन देश की 130 करोड़ जनता करती है। अगर राहुल को कम सजा दी जाती है, तो समाज में ऐसा संदेश जाएगा कि विधायक व सांसद अपराध करे, तो भी सजा कम होती है।

    गांधी ने अपने बचाव में कहा कि उन्होंने जो भी भाषण दिया वह लोगों के हित में अपने फर्ज के रूप में दिया, मैं किसी भी नागरिक के साथ भेदभाव में नहीं मानता, अपने देश की जनता को प्रेम करते हैं।

    राहुल के पास क्या है विकल्प

    गौरतलब है कि उच्च न्यायालय दोषसिद्धी पर रोक लगा देती है तो राहुल लोकसभा सदस्‍य के रूप में पुन: बहाल हो सकेंगे, लेकिन उनकी अर्जी खारिज हो जाती है तो उच्‍चतम न्‍यायालय में जाने के अलावा राहुल के पास और कोई विकल्‍प नहीं होगा।

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