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    SC ने लगायी गुजरात सरकार की फटकार, कहा- मुआवजा दे कोई उपकार नहीं कर रहे हैं

    उच्चतम न्यायालय ने एक बार फिर गुजरात सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि कल्याणकारी राज्य में सरकार महामारी में मारे गए लोगों के परिजनों को मुआवजा देकर कोई उपकार नहीं कर रही है यह उसकी जिम्मेदारी है कहा जल्‍द सूची तैयार कर अदालत में पेश करें।

    By Babita KashyapEdited By: Updated: Fri, 04 Feb 2022 01:06 PM (IST)
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    गुजरात उच्चतम न्यायालय ने लगायी सरकार की फटकार

    अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। गुजरात में कोरोना से मारे गए लोगों को मुआवजा देने के मामले में उच्चतम न्यायालय ने एक बार फिर गुजरात सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि कल्याणकारी राज्य महामारी में मारे गए लोगों पर उपकार नहीं कर रहे हैं। राज्य सरकार गुजरात में कोरोना संक्रमण से 10580 के करीब लोगों की ही पुष्टि करती है लेकिन कोरोना से जिन परिवारों में मौत हुई है ऐसे करीब 1 लाख परिवार मुआवजे का दावा कर रहे हैं। उच्चतम न्यायालय ने सरकार से पूछा है कि आप कोरोना से मारे गए लोगों के नाम, मौत की तारीख तथा उनके पते की सूची तैयार कर अदालत में पेश करें।

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    गुजरात सरकार ने इससे पहले अदालत को बताया था कि सरकार कोरोना में मारे गए लोगों के परिजनों को 50-50 हजार का मुआवजा दे रही है। अदालत ने इस पर कहा कि कल्याणकारी राज्य में सरकार महामारी में मारे गए लोगों के परिजनों को मुआवजा देकर कोई उपकार नहीं कर रही है यह उसकी जिम्मेदारी है। अदालत ने सरकार से कहा है कि राज्य में मारे गए लोगों के आंकड़ों को उलझाए नहीं। 

    सरकार इससे पहले करुणा से मारे गए लोगों की संख्या को लेकर अदालत के समक्ष अलग-अलग विरोधाभासी आंकड़े पेश कर चुकी है। अदालत नहीं डेथ आफ काज (Death of Cause) में बताए गए कारणों पर भी सवाल उठाए। अदालत ने सरकार को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि कोरोना संक्रमित होने के कुछ माह के भीतर व्यक्ति की अगर मौत हो जाती है तथा वह अन्य किसी गंभीर बीमारी से भी पीड़ित है तो भी उसकी मृत्यु के कारणों में कोरोना का उल्लेख किया जाए। 

    सरकार लंबे समय तक मृत्यु प्रमाण पत्र में कोरोना से मारे जाने का उल्लेख करने से बच रही थी। यही वजह थी कि सरकार को रोना से मारे गए लोगों की संख्या को लेकर लगातार अलग-अलग आंकड़े बताती रही लेकिन जब मुआवजे के लिए आवेदन पत्र मांगे गए तो गुजरात में हजारों की संख्या में लोगों ने एक साथ आवेदन किए।

    सरकार ने इसके बाद कुछ समय तक आवेदन पत्र लेना बंद कर दिया। सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मामले में लगातार सरकार पर दबाव बनता जा रहा है। सरकार का कहना है कि राज्य में अभी तक हजारों परिवारों को कोरोना से मौत को लेकर मुआवजे का भुगतान किया जा चुका है। अदालत के ताजा निर्देश के बाद राज्य में कोरोना से मारे गए लोगों की संख्या और अधिक आने की संभावना है।