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    Gujarat In 2022: इस साल भाजपा की ऐतिहासिक जीत, मोरबी पुल हादसे का दर्द, जानिए और कई बड़ी बातें

    By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh Rajput
    Updated: Mon, 26 Dec 2022 12:14 PM (IST)

    साल 2022 में गुजरात में तीन प्रमुख घटनाएं देखने को मिलीं। भाजपा की जीत का जश्न हो या मोरबी पुल हादसे का दर्द। एक नजर में जानेंगे कि राज्य ने क्या कुछ झेला और कौन सी बड़ी घटनाएं सुर्खयों में रहीं।

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    साल 2022 में गुजरात में तीन प्रमुख घटनाएं देखने को मिलीं। पहली BJP ने जीत दर्ज की।

    अहमदाबाद, एजेंसी। साल 2022 में गुजरात में तीन प्रमुख घटनाएं देखने को मिलीं। पहली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने रिकॉर्ड 156 सीटों पर जीत दर्ज की। दूसरी मोरबी में झूला पुल के गिरने से 135 लोगों की मौत हो गई और तीसरी बिलकिस बानो मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे 11 दोषियों को समय से पहले रिहा कर दिया गया।

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    भाजपा की लगातार 7वीं बार जीत

    "डबल इंजन सरकार" के विकास की बात के जरिये भाजपा ने लगातार सातवीं बार विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की है। उम्मीद है कि 2024 के लोकसभा चुनावों में पार्टी इसे आगे बढ़ा सकती है। कांग्रेस को करारी हार मिली, जिसने केवल 17 सीटें जीतीं।

    वहीं, राज्य में पहली बार चुनाव लड़ने उतरी आम आदमी पार्टी को पांच सीटें मिलीं हैं। हालांकि, कम से कम 35 सीटों पर कांग्रेस और आप के उम्मीदवारों को मिला संयुक्त वोट बीजेपी उम्मीदवारों को मिले वोटों से ज्यादा रहा।

    इन घटनाओं की वजह से याद रहेगा 2022

    ब्रिटिश काल का केबल सस्पेंशन ब्रिज 30 अक्टूबर को माछू नदी में गिर गया था। इस हादसे में 135 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कई अन्य घायल हुए थे। वे सभी दिवाली की छुट्टियों का आनंद ले रहे थे।

    जुलाई में शराब बंदी वाले इस राज्य के बोटाद जिले में 50 लोगों की शराब की वजह से मौत हो गई थी।

    सीरियल ब्लास्ट मामले में शामिल 38 आरोपियों को मौत की सजा

    कानूनी मोर्चे पर फरवरी में एक अदालत ने अहमदाबाद में 2008 में हुए सीरियल ब्लास्ट के मामले में जिम्मेदार रिकॉर्ड संख्या में 38 दोषियों को मौत की सजा सुनाई थी। इसके साथ ही 11 अन्य को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इन धमाकों में 56 लोग मारे गए थे।

    बिलकिस बानो मामले में दोषी समय से पहले रिहा

    2002 के सांप्रदायिक दंगों की यादें 20 साल बाद फिर से ताजा हो गईं। बिलकिस बानो के सामूहिक दुष्कर्म और उसके परिवार के सदस्यों की हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा काट रहे 11 दोषियों को अगस्त में जेल से रिहा कर दिया गया। गुजरात सरकार के इस फैसले से आक्रोश फैल गया और सुप्रीम कोर्ट में कानूनी चुनौती दी गई।

    शीर्ष अदालत द्वारा 2002 के गुजरात दंगों में वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों सहित मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और 63 अन्य लोगों को एसआईटी द्वारा दी गई क्लीन चिट को बरकरार रखा। इसके बाद पुलिस ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़, आईपीएस अधिकारियों आरबी श्रीकुमार और संजीव भट्ट को जून में गिरफ्तार कर लिया। कथित रूप से दंगों के मामलों में निर्दोष लोगों को फंसाने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार किए थे।

    गरबा कार्यक्रम में पथराव

    सामाजिक मोर्चे पर अक्टूबर में एक गरबा कार्यक्रम में पत्थर फेंके जाने के बाद उंढेला गांव में पुलिस ने मुस्लिम समुदाय के युवकों की सरेआम पिटाई की।

    परिवार के सामने छात्रा की हत्या

    अपराध के मोर्चे पर फरवरी में सूरत में एक कॉलेज छात्रा ग्रीशमा वेकारिया की उसके परिवार के सदस्यों के सामने दिनदहाड़े हत्या कर दी गई। उसके ठुकराए हुए प्रेमी फेनिल गोयानी ने वारदात को अंजाम दिया था।

    मुंद्रा एयरपोर्ट से 376 करोड़ की हेरोइन जब्त

    सुरक्षा एजेंसियों ने गुजरात के झरझरा तट से करोड़ों रुपये की ड्रग्स जब्त की। इससे पता चला कि राज्य प्रतिबंधित पदार्थों की तस्करी के लिए एक ट्रांजिट रूट की तरह उभरा है। अप्रैल में कांडला बंदरगाह के पास 1,430 करोड़ रुपए की हेरोइन जब्त की गई थी।

    अप्रैल में ही भारतीय तट रक्षक ने पाकिस्तानी नाव से 280 करोड़ रुपए की हेरोइन बरामद की और नौ लोगों को गिरफ्तार किया। वहीं, जुलाई में मुंद्रा एयरपोर्ट में 376 करोड़ रुपए की हेरोइन जब्त की गई थी।