Gujarat: राजकोट से गिरफ्तार 3 आतंकियों के लिए ATS ने चलाया सर्च ऑपरेशन, लगातार 6 दिनों तक 16 घंटे किया काम
राजकोट के सोनी बाजार से आतंकी संगठन से जुड़े तीन संदिग्धों को गिरफ्तार करने के लिए ATS की टीम ने लगातार 6 दिनों तक 16-16 घंटे तक काम किया। तीनों को हिरासत में रखा गया है और उनसे आगे की पूछताछ की जा रही है। अब एटीएस के अलावा NIA जैसी अन्य एजेंसियां भी उनसे अपने तरीके से पूछताछ करेंगी। एटीएस के DSP हर्ष उपाध्याय ने इसकी जानकारी दी है।
अहमदाबाद, जागरण डेस्क। गुजरात एटीएस (ATS) की टीम ने 1 अगस्त को राजकोट के सोनी बाजार से आतंकी संगठन से जुड़े तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया था। तीनों संदिग्धों के नाम है अमन मलिक, सौफ नवाज और शुकर अली। तीनों आतंकियों को अदालत में पेश किया गया और 14 दिनों की रिमांड पर लिया गया है।
उल्लेखनीय है कि एटीएस के एसपी ओम प्रकाश जाट ने अपने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया को बताया था कि यह ऑपरेशन गुप्त सूचना के आधार पर चलाई गई थी। एटीएस के डीएसपी हर्ष उपाध्याय (हर्ष उपाध्याय) को मिली गुप्त सूचना के आधार पर ही तीनों आतंकियों को पकड़ने में कामयाब हुए। एटीएस के इस ऑपरेशन को लेकर जागरण के सहयोगी प्रकाशन गुजराती जागरण की टीम ने एटीएस के डीवाईएसपी हर्ष उपाध्याय से खास बातचीत की। इसमें DSP ने बताया की कैसे इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया।
दो टीमों का किया गया था गठन
एटीएस के DSP हर्ष उपाध्याय ने गुजराती जागरण से बातचीत करते हुए बताया की इस ऑपरेशन को चलाने के लिए अधिकारियों ने दो अलग-अलग टीमों का गठन किया था।
प्राप्त जानकारी के बारे में एटीएस के उच्च अधिकारियों को सूचित किया। इसके बाद दोनों टीमों में कुल 30 से 40 जवान शामिल किए गए। इस ऑपरेशन को जब शुरू किया गया तो एटीएस की एक टीम अहमदाबाद में जांच कर रही थी और दूसरी टीम राजकोट में इन आतंकियों को पकड़ने के लिए अलग-अलग ठिकानों की जांच कर रही थी।
16-16 घंटे की कड़ी मेहनत के बाद ऑपरेशन को दिया अंजाम
DSP हर्ष उपाध्याय ने बताया कि यह ऑपरेशन लगातार 6 दिनों तक 16-16 घंटे की कड़ी मेहनत के बाद सफल हुआ है। राजकोट के सोनी बाजार में 100,000 से अधिक कारीगर सोने और चांदी का काम करते हैं। इसी बाजार में तीनों आतंकी काम कर रहे थे। इसी का फायदा उठाते हुए हमने एक प्लान तैयार किया और उसके अनुसार जांच शुरू की।
एटीएस के 30 से 40 लोग दिन में 16-16 घंट आतंकी को पकड़ने के लिए इस तरह काम करते थे कि किसी को कोई शक न हो। एटीएस ने 6 दिन कड़ी मेहनत की और आंतकियों को ढूंढ निकाला और गिरफ्तार किया। तीनों को हिरासत में रखा गया है और उनसे आगे की पूछताछ की जा रही है। अब एटीएस के अलावा NIA जैसी अन्य एजेंसियां भी उनसे अपने तरीके से पूछताछ करेंगी।
पश्चिम बंगाल के रहने वाले तीनों आतंकी
एटीएस की टेक्निकल सर्विलांस के आधार पर आरोपियों की गिरफ्तारी जरूरी है। बता दें, ये तीनों आतंकी पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं और वह पिछले 6 महीने से राजकोट में रहकर सोनी बाजार में काम कर रहे थे। तीनों आरोपी यहां अलकायदा का प्रचार करते थे और कई हथियार भी खरीदे। तीनों की गिरफ्तारी एटीएस के टेक्निकल सर्विलांस के आधार पर की गई है।
एटीएस के मुताबिक, तीनों का काम लोगों को अलकायदा से जोड़ना था। तीनों के पास से पांच फोन बरामद किए गए है। एटीएस की टीम तीन संदिग्धों से अलकायदा और उसके नेटवर्क के बारे में विस्तृत पूछताछ कर रही है। एटीएस की एक टीम फिलहाल इन तीनों संदिग्धों के मूल निवास स्थान पश्चिम बंगाल पहुंचकर जांच कर रही है। एटीएस कुछ ही समय में इस अध्याय में बड़ा खुलासा कर सकती है।