Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात के पूर्व सीएम शंकर सिंह वाघेला ने फिर जताई कांग्रेस में शामिल होने की इच्छा
Gujarat Assembly Election 2022 शंकर सिंह वाघेला ने गुजरात की राजनीति पर कहा कि यहां कांग्रेस भाजपा का विकल्प हो सकती है लेकिन कांग्रेस फिलहाल नेतृत्व के संकट से गुजर रही है। वाघेला ने कहा कि वह कांग्रेस में नेतृत्व की कमी को पूरा करने को तैयार हैं।
अहमदाबाद, शत्रुघ्न शर्मा। Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला (Shankar Singh Vaghela) ने कहा कि 2024 का रास्ता गांधीनगर से जाता है तथा कांग्रेस (Congress) में नेतृत्व की कमी को वे पूरा कर सकते हैं। वाघेला ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) को लेकर बड़ा बयान दिया है, जिसमें उन्होंने कहा कि गहलोत ने सोनिया गांधी का विश्वास खो दिया।
कांग्रेस में नेतृत्व की कमी को पूरा करने को तैयार हैं बाघेला
गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री व हाल ही प्रजाशक्ति डेमोक्रेटिक पार्टी की स्थापना करने वाले शंकर सिंह वाघेला भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ एक मजबूत विपक्ष तथा मजबूत नेता तैयार करने को लेकर देश के अलग-अलग नेताओं व राजनीतिक दलों के साथ चर्चा कर रहे हैं। वाघेला ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) व तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव से मिलकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) के प्रतिस्पर्धा में एक मजबूत नेता खड़ा करने की कोशिश में हैं। वाघेला ने गुजरात की राजनीति को लेकर कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस भाजपा (BJP) का विकल्प हो सकती है, लेकिन कांग्रेस फिलहाल नेतृत्व के संकट से गुजर रही है। वाघेला ने साथ में यह भी कहा कि वह कांग्रेस में नेतृत्व की कमी को पूरा करने को तैयार हैं।
कहा-गहलोत ने सोनिया गांधी का विश्वास खो दिया
वाघेला ने राजस्थान में चल रहे संकट पर कहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) का विश्वास खो दिया है, ऐसे में गुजरात विधानसभा का चुनाव में उनका मुख्य पर्यवेक्षक बना रहना भी अप्रासंगिक हो गया है। वाघेला ने राजस्थान के राजनीतिक संकट पर अपनी तरफ से कोई सुझाव तो नहीं दिया, लेकिन उनका मानना है कि कांग्रेस में नेतृत्वहीनता के कारण इस तरह के संकट से गुजर रही है। उन्होंने गुजरात को देश की राजनीति के लिए अति महत्वपूर्ण बताते हुए कहा है कि आगामी 2024 में भारतीय जनता पार्टी का रथ रोकने के लिए गुजरात में उसे कमजोर करना आवश्यक है। वाघेला का कहना है कि 2024 की जीत गांधीनगर से होकर गुजरती है, ऐसे में अगर भाजपा गुजरात में कमजोर होती है तो 2024 में सत्ता पर उनके दावेदारी ढीली पड़ेगी।
मोदी के धुर विरोधी माने जाते हैं बाघेला
वाघेला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के धुर विरोधी माने जाते हैं तथा वर्ष 1996 में भाजपा विधायकों को तोड़कर कांग्रेस के समर्थन से अलग सरकार बना ली थी। वाघेला इसके बाद कांग्रेस में शामिल हो गए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी हमें भी राष्ट्रीय पदों पर रहे तथा पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने जन विकल्प के रूप में मैदान में उतरे, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी। वाघेला पिछले कई दिनों से जनता दल यूनाइटेड के नेताओं व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संपर्क में हैं तथा तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव से भी मुलाकात कर चुके हैं। अब गुजरात में माना यह जा रहा है कि वाघेला प्रजाशक्ति डेमोक्रेटिक पार्टी के बैनर पर अपने समर्थकों को चुनाव लड़ाएंगे।
ये हैं वाघेला का दांव
बाघेला का यह भी मानना है कि भाजपा को टक्कर देने के लिए कांग्रेस एक प्रमुख दल की भूमिका में होगा, इसीलिए वाघेला बार-बार कांग्रेस में शामिल होने के अपने विकल्प को खत्म नहीं कर रहे हैं। गौरतलब है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में अशोक गहलोत गुजरात कांग्रेस के प्रभारी थे तथा उनके ही चलते वाघेला को कांग्रेस से बाहर होना पड़ा था। अब राजस्थान में एक नए राजनीतिक संकट के चलते गहलोत के कमजोर पड़ने से वाघेला का गुजरात में दांव सीधा चल सकता और उनकी बैक डोर से कांग्रेस में एंट्री हो सकती है, वाघेला की राजनीतिक गणित यही है।