Gujarat Politics: सक्रिय राजनीति की चाह में शंकर सिंह वाघेला व चंद्रराज सिंघवी विरोधी दलों में भी शामिल होने को तैयार
Gujarat Politics गुजरात में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले वरिष्ठ नेता शंकर सिंह वाघेला और चंद्रराज सिंघवी सक्रिय राजनीति की चाह में विरोधी दलों में भी शामिल होने के लिए तैयार हैं।
अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। Gujarat Politics: गुजरात की राजनीति से जुड़े दो दिग्गज नेता सक्रिय राजनीति के लिए अपनी अगली पारी के लिए विरोधी दलों में शामिल होने को तैयार हैं। शंकर सिंह वाघेला (Shankar Singh Vaghela) और चंद्रराज सिंघवी (Chandraraj Singhvi) दो ऐसे नेता हैं, जो देश के प्रमुख राजनीतिक दलों में रहकर राजनीतिक कर चुके हैं।
कांग्रेस में शामिल होने की इच्छा व्यक्त कर चुके हैं वाघेला
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से निकलकर जनसंघ, भाजपा (BJP), कांग्रेस, राकांपा जन विकल्प जैसे संगठनों में रहकर पंच से लेकर मुख्यमंत्री तक की राजनीति करने वाले गुजरात के दिग्गज नेता शंकर सिंह वाघेला ने राज्य में हुए शराब कांड के बाद कांग्रेस में शामिल होने की अपनी इच्छा को व्यक्त करते हुए कहा कि कांग्रेस व उसके विधायक गुजरात में शराबबंदी कानून को खत्म करने को तैयार हों तो वे पार्टी में शामिल होने के लिए तैयार हैं। वाघेला ने इससे पहले बिना शर्त कांग्रेस में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की थी, लेकिन कांग्रेस अभी तक इस मुद्दे पर अपनी कोई राय व्यक्त नहीं की है।
भाजपा में शामिल होकर मोदी के विकास के एजेंडे को आगे बढ़ाना चाहते हैं चंद्रराज सिंघवी
राजस्थान की राजनीति से निकलकर दिल्ली, गुजरात व मध्य प्रदेश में अपनी धमक दिखाने वाले चंद्रराज सिंघवी कांग्रेस (Congress), भाजपा, जनता दल यूनाइटेड में रहकर राष्ट्रीय स्तर पर कई बड़े पदों पर काम किया। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सलाहकार भी रहे तथा जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय महासचिव के साथ गुजरात के प्रभारी रहते हुए सिंघवी ने पार्टी लाइन से अलग हटकर भारतीय जनता पार्टी की नीतियों व नरेन्द्र मोदी का समर्थन किया। इसके बाद सिंघवी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसके लिए अपनी पार्टी से बाहर कर दिया था। गत दिनों सिंघवी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर कहा कि विरोधी दल में रहने के बावजूद उन्होंने मोदी की नीतियों का समर्थन किया। इसके कारण उन्हें राजनीतिक वनवास भेज दिया गया, वे आज भी भाजपा में शामिल होकर मोदी के विकास के एजेंडे को आगे बढ़ाना चाहते हैं लेकिन उनको कुछ नेता दरकिनार कर रहे हैं।
कभी वाघेला और सिंघवी की गुजरात की राजनीति में बोलती थी तूती
गुजरात (Gujarat) की राजनीति में वाघेला और सिंघवी की तूती बोलती थी, आज दोनों ही राजनीति के अखाड़े से बाहर हैं तथा अपने अपने तरीके से राजनीति को प्रभावित करने का प्रयास करते हैं लेकिन मुख्यधारा की राजनीति से अलग हटने के कारण अपना प्रभाव नहीं छोड़ पा रहे हैं। दोनों ही नेताओं के अनुभव में कोई कमी नहीं है तथा प्रभावशाली भी हैं लेकिन पिछले एक दशक में बदली हुई राजनीति में खुद को एडजेस्ट नहीं कर पा रहे हैं, राजनीति के उनके पुराने तौर-तरीकों के कारण भी युवा राजनीति में उनका जगह बनाना मुश्किल हो रहा है।
गुजरात में इस साल के अंत में हैं विधानसभा चुनाव
गुजरात में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव (Gujarat Assembly Election 2022) होने हैं तथा वाघेला व सिंघवी इस चुनाव में अपनी एक अलग भूमिका चाहते हैं, लेकिन कांग्रेस व भाजपा दोनों ही दल इसको लेकर पत्ते नहीं खोल रहे हैं। गुजरात में हाल ही हुए शराब कांड को लेकर वाघेला ने एक जन अभियान छेड़ने का संकेत दिया, जिसके तहत वे शराब बंदी कानून को खत्म कर राज्य में शराब की बिक्री व शराब के निर्माण की छूट देने की मांग कर रहे हैं। अब देखना यह होगा कि वाघेला अपने इस फैसले में कितना सफल हो पाता है।