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Gujarat: 32 साल से पबुभा मानेक का अभेद्य किला है 'द्वारका', कांग्रेस निर्दलीय या BJP जिस पार्टी से लड़े जीते

Gujarat Vidhan Sabha Election 2022 पबुभा मानेक को पिछले 32 सालों से द्वारका सीट से कोई नहीं हरा पाया है। वह इस सीट से कांग्रेस भाजपा और निर्दलीय भी चुनाव लड़ चुके हैं। भाजपा को इस बार भी पूरा विश्‍वास है कि ये सीट उनकी ही झोली में आएगी।

By Jagran NewsEdited By: TilakrajPublished: Thu, 24 Nov 2022 02:21 PM (IST)Updated: Thu, 24 Nov 2022 02:30 PM (IST)
पहले कांग्रेस फिर निर्दलीय और पिछले अब भाजपा...परिणाम वहीं

द्वारका, एएनआई। गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 (Gujarat Assembly Election 2022) के परिणाम किसके पक्ष में होंगे? इस सवाल का जवाब देना अभी मुश्किल है, लेकिन भाजपा द्वारका विधानसभा सीट को लेकर आश्‍वस्‍त है कि ये उसकी झोली में ही गिरेगी। द्वारका विधानसभा सीट जीतने को लेकर भाजपा के विश्‍वास की वजह है पबुभा मानेक, जिन्‍हें 32 साल से कोई हरा नहीं पाया है।

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32 साल से द्वारका सीट से लगातार जीत रहे

आगामी गुजरात विधानसभा चुनावों में द्वारका विधानसभा सीट को बीजेपी के लिए सबसे सुरक्षित दांव माना जाना चाहिए। पबुभा मानेक पिछले 32 सालों में एक भी चुनाव नहीं हारे हैं। भाजपा ने मानेक को तीसरी बार पार्टी के लिए सीट जीतने का जिम्मा सौंपा है। मानेक, जो 1990 के बाद से कभी कोई चुनाव नहीं हारे, निर्दलीय (1990, 95, 98) के रूप में पहले तीन चुनाव जीते, फिर कांग्रेस में शामिल हो गए और 2002 में सीट जीती। बाद में, उन्होंने 2007, 2012 और 2017 के विधानसभा चुनाव भाजपा के टिकट पर जीते हैं।

3 बार निर्दलीय जीते, फिर कांग्रेस और उसके बाद भाजपा का दामन थामा...

मानेक ने द्वारका निर्वाचन क्षेत्र में सभी समुदायों के समर्थन और स्नेह का दावा करते हुए कहा कि वह इतने लंबे समय से 'चयनित' हो रहे हैं 'निर्वाचित' नहीं। उन्‍होंने कहा, 'देखिए, चुनाव में जनता मुझे चुनती है, मैं निर्वाचित नहीं होता हूं। मैं द्वारका सीट से पिछली 7 बार से जीत रहा हूं। इनमें से 3 बार मैं निर्दलीय चुनाव लड़ा, तब भी जनता ने मुझे चुना। एक बार कांग्रेस और इसके बाद भाजपा के उम्‍मीदवार के रूप में मैंने द्वारका सीट से चुनाव लड़ा और हर बार क्षेत्र की जनता के सभी समुदायों का मुझे प्‍यार मिला है।

केजरीवाल की मुफ्त की रेवडि़यां का फॉर्मूला गुजरात में नहीं चलेगा

इस बार गुजरात में आम आदमी पार्टी भी पूरा जोर लगा रही है। उधर, कांग्रेस पार्टी ने भी पिछली बार गुजरात विधानसभा चुनाव में अच्‍छा प्रदर्शन किया था। ऐसे में भाजपा के लिए क्‍या चुनौतियां बढ़ नहीं गई हैं? मानेक कहते हैं, 'अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी जिसने राज्य में मुफ्त बिजली, 18 वर्ष से ऊपर की सभी महिलाओं के लिए 1,000 रुपये का मासिक भत्ता आदि सहित कई मुफ्त की रेवडि़यां बांटने का वादा किया है, वो गुजरात में काम नहीं करेगा। गुजरात के लोग मुफ्त की रेवडि़यां नहीं, बल्कि 'अपनी आजीविका कमाने' में विश्वास करते हैं।

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मानेक कहते हैं कि कांग्रेस का भी गुजरात में कुछ नहीं बन पाएगा, क्‍योंकि राज्‍य का युवा भारतीय जनता पार्टी में अपना भविष्‍य देख रहा है। भाजपा ने युवाओं के लिए भविष्‍य को संवारने के लिए कई काम किए हैं। रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए भी राज्‍य में तेजी से काम हो रहा है। 

गुजरात में 1 और 5 दिसंबर को दो चरणों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। चुनाव के परिणाम 8 दिसंबर को आएंगे। भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी सभी अपनी जीत का दावा कर रही हैं। 

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