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    मेयर मंत्री फिर मुख्यमंत्री बनने तक का सफर..., राजकीय सम्‍मान के साथ पूर्व CM विजय रूपाणी का अंतिम संस्‍कार

    Updated: Mon, 16 Jun 2025 10:32 PM (IST)

    गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का राजकोट में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। अहमदाबाद से उनका पार्थिव शरीर राजकोट लाया गया जहां लोगों ने उन्हें अंतिम विदाई दी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की। रूपाणी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। राज्यपाल आचार्य देवव्रत मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल समेत कई नेताओं ने उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए।

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    गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का सोमवार को राजकोट में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार।(फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, अहमदाबाद : एअर इंडिया विमान हादसे का शिकार हुए गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का सोमवार को राजकोट में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इससे पूर्व अहमदाबाद से रूपाणी का शव विशेष विमान से राजकोट लाया गया और उनके आवास पर अंतिम दर्शनों के लिए रखा गया।

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    एयरपोर्ट से शव रूपाणी के आवास तक फूलों से सजी गाड़ी में लाया गया। करीब तीन किलोमीटर लंबी यात्रा के दौरान सड़क के दोनों तरफ लोगों का हुजूम उमड़ा और उन्होंने रूपाणी को अंतिम विदाई दी।

    केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह भी अपनी पत्नी सोनल शाह के साथ रूपाणी के राजकोट आवास पर श्रद्धांजलि देने पहुंचे।सोमवार सुबह, अहमदाबाद में पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की पत्नी अंजली और पुत्र ऋषभ को राजकीय सम्मान के साथ उनका पार्थिव शरीर सौंपा गया।

    इस दौरान रूपाणी को गार्ड आफ आनर दिया गया। उसके बाद परिजन हवाई मार्ग से पार्थिव देह को राजकोट लेकर पहुंचे। राज्यपाल आचार्य देवव्रत, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल, केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया, गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषीकेश पटेल, प्रोटोकाल मंत्री जगदीश विश्वकर्मा, गृह राज्यमंत्री हर्ष संघवी, राजकोट के सांसद परसोत्तम रुपाला ने भी रूपाणी के आवास पर पहुंचकर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए।

    इस बीच, रूपाणी के सम्मान में राज्य में सोमवार को राजकीय राजकीय शोक रहा और राष्ट्र ध्वज आधे झुके रहे। बता दें कि रूपाणी का शव पहचानने योग्य नहीं था, इसलिए उनकी शिनाख्त रविवार को उनके रिश्तेदारों के साथ डीएनए नमूनों के मिलान से की गई।

    मतदाता बनने में थी मुश्किल, बाद में मेयर, मंत्री, मुख्यमंत्री बने

    दो बार गुजरात के मुख्यमंत्री रहे विजय रुपाणी का जन्म रंगून में हुआ था, जिसके कारण उनका भारत में मतदाता बनने का सफर आसान नहीं था। लेकिन उन्होंने इस कानूनी अड़चन को पार किया और बाद में राजकोट के महापौर, राज्य के मंत्री और मुख्यमंत्री बने। विनम्र और हंसमुख स्वभाव के धनी रूपाणी ने हर चुनौती का सामना किया और वे हमेशा राष्ट्र प्रथम के भाव से जिये। वर्ष 2016 से 2021 तक दो बार गुजरात के मुख्यमंत्री रहे विजय रुपाणी को मतदाता बनने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी थी।

    बर्मा में राजनीतिक अस्थिरता के चलते उनका परिवार राजकोट आकर बस गया था। वर्ष 1971 में उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़कर राजनीति में कदम रखा। वर्ष 1975 में आपातकाल के दौरान वे करीब 10 माह तक जेल में रहे। जिस व्यक्ति के लिए मतदाता बनने में कठिनाई थी, वही शख्स पहली बार वर्ष 1988 में वडोदरा महानगर पालिका के पार्षद चुने गए।

    इसके बाद वे वर्ष 1996-97 में मेयर बने। वह 2006 से 2012 तक राज्यसभा के सदस्य रहे। वर्ष 2014 में आनंदीबेन पटेल की सरकार में मंत्री बने और 2016 में एक राजनीतिक उलटफेर के चलते मुख्यमंत्री चुने गए। रूपाणी गुजरात भाजपा के अध्यक्ष और गुजरात पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष भी रहे।

    भाजपा नेता ने सितंबर 2021 में मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दिया था, जिससे वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के लिए रास्ता बना। गुजरात के मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने के बाद उन्हें पंजाब का भाजपा प्रभारी नियुक्त किया गया।