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गुजरात की राजनीति के भीष्म पितामह केशुभाई ने खुलेआम दी थी गुंडों को चुनौती

Keshubhai Patel Death गुजरात की राजनीति के भीष्म पितामह कहलाने वाले केशुभाई पटेल (Keshubhai Patel ) ने अहमदाबाद में माफिया डॉन लतीफ के गढ़ में जाकर लोक दरबार लगाकर मानो गुंडों को खुलेआम चुनौती दे दी थी।

By Babita kashyapEdited By: Published: Fri, 30 Oct 2020 12:54 PM (IST)Updated: Fri, 30 Oct 2020 12:54 PM (IST)
गुजरात की राजनीति के भीष्म पितामह केशुभाई ने खुलेआम दी थी गुंडों को चुनौती
गुजरात की राजनीति के भीष्म पितामह कहलाते थे केशुभाई पटेल

अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। आखिर यूं ही नहीं कोई केशुबापा बन जाता है, राजकोट में लालिया बदमाश को खुलेआम पीटकर गुजरात की राजनीति में चर्चा में आने के बाद केशुभाई ने अहमदाबाद में माफिया डॉन लतीफ के गढ़ में जाकर लोक दरबार लगाकर मानो गुंडों को खुलेआम चुनौती दे दी थी।गुजरात के शहर कभी बदमाशों के नाम से पहचाने जाते थे लेकिन केशुभाई पटेल तथा बाद में नरेंद्र मोदी ने इनका एक-एक कर सफाया कर दिया।   

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 गुजरात की राजनीति के भीष्म पितामह 

गुजरात की राजनीति के भीष्म पितामह की अंतिम विदाई ने प्रदेश की राजनीति में एक शून्य ला दिया है। केशुभाई अलग-अलग विधानसभा सीटों से 8 बार विधायक चुने गए तीन बार मंत्री रहे दो बार राज्य के मुख्यमंत्री बने तथा एक बार राज्यसभा के सांसद के रूप में चुने गए। गॉड मदर के नाम से पोरबंदर, डॉन लतीफ के नाम से अहमदाबाद, लालिया डॉन के नाम से राजकोट, ऐसे ही कच्छ, भावनगर, जामनगर, वडोदरा आदि शहर भी अलग-अलग बदमाशों के नाम से पहचाने जाने लगे थे। राजकोट में 1960 में जनसंघ का काम करने के दौरान केशुभाई का सामना लालिया डॉन से हो गया जिसका शहर में आतंक था। लोगों से अवैध धन वसूली, फिरौती, अपहरण तथा जबरन जमीनों पर कब्जा करने के कारण उसका लोगों में खौफ था। केशुभाई ने एक दिन उसकी सार्वजनिक रूप से पिटाई की जिसके बाद केशव बाबा के चर्चे राजधानी गांधीनगर तक में होने लगे। 

 माफिया डॉन व अपराधियों का किया सफाया 

केशु भाई वर्ष 1995 में जब पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री बने तब अहमदाबाद में डॉन लतीफ का सिक्का चलता था। शराब के अवैध कारोबार के कारण लतीफ के पास मनी वह मसल्स पावर दोनों आ गए थे। पुलिस व प्रशासन में भी उसका खौफ था। इसी दौरान केशुभाई ने कुछ आला अफसरों स्थानीय नेताओं को विश्वास में लेकर अहमदाबाद में लतीफ के गढ़ पोपटियावाड में लोग दरबार लगाया। पहले आशंका थी कहलाती सरकार के इस समारोह में कुछ बाधा उत्पन्न करेगा लेकिन केशुभाई की दृढ़ता के आगे उसकी एक न चली। पोरबंदर कभी गॉड मदर संतोकबेन जडेजा के नाम से जाना जाता था। ऐसे ही कच्छ में ममू मियां और भी कई अपराधियों का नाम चलता था। पहले केशुभाई तथा बाद में नरेंद्र मोदी ने एक-एक करके इन माफिया डॉन व अपराधियों का सफाया किया।  

सामाजिक योजनाओं को लेकर चर्चा में रहे केशुभाई  

केशुभाई गुजरात में सामाजिक योजनाओं को लेकर भी खासे चर्चा में रहे गांव के विकास के लिए गोकुल गांव अभियान, बेसहारा बहनों को आर्थिक मदद के लिए कुवरजी बाई का मामेरा, अहमदाबाद राजकोट हाईवे, साबरमती रिवर फ्रंट योजना भी पहली बार उनके कार्यकाल तैयार की गई थी। पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व केंद्रीय मंत्री काशीराम राणा, पूर्व मुख्यमंत्री सुरेश मेहता, पूर्व सांसद एके पटेल, सहित कई ऐसे दिग्गज नेता है जिन्हें केशुभाई ने तैयार किया।

केशुभाई की सरकार गिराने का आज भी है रंज 

 वाघेला उनके निधन पर शोक जताते हुए कहते हैं कि वर्ष 1996 में 45 विधायकों के साथ भाजपा से बगावत कर केशुभाई की सरकार को गिराने का उन्हें आज भी रंज है। हालांकि वाघेला यह भी कहते हैं कि विदेश रवाना होने से पहले उन्होंने केशुभाई को विधायकों में नाराजगी से आगाह करा दिया था। लेकिन किसी भाई को यह उम्मीद नहीं थी के विधायक उनका साथ ही छोड़ देंगे। वाघेला कहते हैं कि सरकार को गिराना उनकी मंशा में शामिल नहीं था लेकिन बाद की राजनीतिक घटनाक्रम ऐसे हुए की सब कुछ बदल गया। वाघेला आज भी कहते हैं कि सार्वजनिक जीवन में केशुभाई सरीखा नेता यदा-कदा ही जन्म लेते हैं।


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