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    Ahmedabad: स्वामीनारायण मंदिर परिसर में हनुमानजी का अपमान, सनातनी संतों की नाराजगी बरकरार

    By Jagran NewsEdited By: Mahen Khanna
    Updated: Sun, 03 Sep 2023 02:15 AM (IST)

    Ahmedabad Swaminarayan temple एक युवक ने मंदिर परिसर में घुसकर स्वामीनारायण संतों के भित्ति चित्रों पर कालिख पोत दी और कुल्हाड़ी से चित्रों को नुकसान पहुंचाया। सालंगपुर मंदिर परिसर में लगी विशाल हनुमान प्रतिमा पर स्वामीनारायण छाप तिलक व उसके नीचे लगे भित्ति चित्रों में हनुमानजी को स्वामीनारायण संतों के समक्ष हाथ जोड़कर खड़े होता दिखाया गया है। युवक की हरकत से संत समाज नाराज है।

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    Ahmedabad Swaminarayan temple: मंदिर में हमले से संत नाराज।

    राज्य ब्यूरो, अहमदाबाद। Ahmedabad Swaminarayan Temple गुजरात के बोटाद जिले के सालंगपुर स्वामीनारायण मंदिर परिसर में हनुमानजी के अपमान को लेकर सनातनी संतों की नाराजगी बरकरार है। संतों का आरोप है कि स्वामीनारायण संप्रदाय को अल्पसंख्यक दर्जा दिलाने के लिए विवाद खड़े किए जा रहे हैं।

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    भित्ति चित्रों पर कालिख पोती

    इस बीच, एक युवक ने शनिवार को मंदिर परिसर में घुसकर स्वामीनारायण संतों के भित्ति चित्रों पर कालिख पोत दी और कुल्हाड़ी से चित्रों को नुकसान पहुंचाया। बोटाद जिले में स्थित सालंगपुर मंदिर परिसर में लगी विशाल हनुमान प्रतिमा पर स्वामीनारायण छाप तिलक व उसके नीचे लगे भित्ति चित्रों में हनुमानजी को स्वामीनारायण संतों के समक्ष हाथ जोड़कर खड़े होता दिखाया गया है।

    संतों ने जताई नाराजगी

    इससे नाराज सनातनी संतों ने स्वामीनारायण समुदाय के संतों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी देते हुए अहमदाबाद व जूनागढ़ में साधु संतों का सम्मेलन करने की तैयारी शुरू कर दी है। राजकोट में कांग्रेस ने इस घटना को लेकर विरोध प्रदर्शन किया, वहीं शनिवार को भाजपा सांसद रामभाई मोकरिया ने इसे हिंदू देवी-देवताओं का अपमान बताते हुए इसे भगवान को नीचा दिखाने का प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि पुजारी को पुजारी की तरह रहना चाहिए, भगवान बनने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।

    यह अराजकता फैलाने का प्रयासः महंत लहेरगिरी बापू

    दत्तात्रेय आश्रम के महंत लहेरगिरी बापू ने कहा है कि संप्रदाय धर्म बनने की कोशिश न करे। मंदिर में हनुमानजी को दास बनाने का प्रयास किया गया है। यह अराजकता फैलाने का प्रयास है। स्वामी नारायण संत भी इस मामले में झुकने को तैयार नहीं हैं। सनातनी संतों को न्यायालय में कानूनी रूप से जवाब देने की बात कही है।

    भगवान शिव को भी गलत ढंग से दर्शाया गया

    ताजा मामले में स्वामीनारायण संप्रदाय की एक पुस्तक में छपे चित्र में भगवान शिव को स्वामीनारायण संप्रदाय के आराध्य नीलकंठवर्णी के समक्ष हाथ जोड़कर खड़े होते दिखाया गया है। सतातनी संत व स्वामीनारायण संतों के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है, बल्कि नित नये विवाद सामने आते जा रहे हैं।

    बोटाद के ही भीमनाथ महादेव मंदिर के संत आशुतोष गिरी बापू ने इस मामले में स्वामीनारायण संतों को चेतावनी देते हुए कहा कि वे अपने धर्म के देवी देवताओं के अपमान के खिलाफ शास्त्र व शस्त्र दोनों तरह से लड़ने को तैयार हैं।

    उधर, स्वामीनारायण संत नौतम स्वामी ने कहा कि हर किसी को जवाब देने की कोई जरूरत नहीं है। वे न्यायालय या किसी उपयुक्त मंच पर साधु-संतों को जवाब देने को तैयार हैं।

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