Exclusive: डेंटिस्ट लड़की ने अपनी मेहनत से 5 साल में खड़ी की EV टू व्हीलर कंपनी, शौक को हकीकत में बदलने की है ये कहानी
अहमदाबाद की रहने वाली कांची पटेल ने डेंटिस्ट की पढ़ाई की लेकिन उन्हें जीवन में कुछ अलग करना था। उन्होंने डेंटिस्ट्री की पढ़ाई करने के साथ-साथ 5 साल की कड़ी मेहनत के बाद अपनी खुद की इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर कंपनी अब्जो मोटर्स शुरू की। कांची पटेल की बनाई स्टाइलिश और दमदार क्रूजर इलेक्ट्रिक बाइक आज बाजार में हर किसी को आकर्षित कर रही है।

किशन प्रजापति, अहमदाबाद। किसी भी विषय में एजुकेशन लेने के बाद उसे जीवन भर करियर या पेशे के रूप में अपनाना जरूरी नहीं है। आज की युवा पीढ़ी इस बारे में काफी जागरूक और जिज्ञासु है। इसका सटीक उदाहरण हैं मूल रूप से अहमदाबाद की रहने वाली कांची पटेल।
वह डेंटिस्ट डॉक्टर तो बन गई, लेकिन उन्हें जीवन में कुछ अलग करना था। फिर उन्होंने अपने शौक को करियर में बदल लिया और डेंटिस्ट्री की पढ़ाई करने के साथ-साथ 5 साल की कड़ी मेहनत के बाद अपनी खुद की इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर कंपनी अब्जो मोटर्स (ABZO MOTORS) शुरू की।
बाजार में हर किसी को आकर्षित कर रही क्रूजर इलेक्ट्रिक बाइक
कांची पटेल की बनाई स्टाइलिश और दमदार क्रूजर इलेक्ट्रिक बाइक आज बाजार में हर किसी को आकर्षित कर रही है। तो आइए हम आपको डेंटिस्ट डॉक्टर कांची पटेल के ऑटोमोबाइल में किये गए परिवर्तन की सफलता की कहानी बताते हैं।
"मुझे अपना खुद का स्टार्टअप शुरू करना था"
ABZO MOTORS की डायरेक्टर कांची पटेल ने दैनिक जागरण से बात करते हुए कहा, ''में अहमदाबाद में ही पली बढ़ी हूं, इसलिए मैं एक पक्की अहमदाबादी हूं। मैंने डेंटिस्ट की पढ़ाई पूरी की है. डेंटिस्ट डॉक्टर की स्टडी करने के बाद मैं इसमें करियर नहीं बनाना चाहती थी। जब मैं पढ़ाई कर रही थी तो मैंने अपने पापा से कहा कि मैं एक बिजनेस शुरू करना चाहती हूं।"
कांची पटेल ने आगे कहा,"वर्ष 2017-18 में मैं लगातार सोच रही थी कि तभी ऐसा विचार आया कि पूरा भविष्य सस्टेनेबिलिटी की ओर आगे बढ़ रहा है। जैसे-जैसे हमारी दुनिया में ग्लोबल वार्मिंग बढ़ रही है, हम सभी को धीरे-धीरे पर्यावरण-अनुकूल भविष्य की आवश्यकता है। तो में सोच रही थी कि हम इसमें कैसे योगदान दे सकते हैं।
उन्होंने आगे कहा,"हमारे पास पहले से ही लिफ्ट का व्यवसाय है जो एक इलेक्ट्रिक वाहन के समान वर्टिकल ट्रान्सपोर्टेशन है। वहीं से विचार आया कि चलो ऐसा ही करते हैं लेकिन यह हॉरिजॉन्टल ट्रांसपोर्टेशन जैसा होना चाहिए। इसके बाद हमने इसके लिए रिसर्च करना शुरू किया, डिजाइनिंग शुरू की। इस तरह लगातार प्रयासों के बाद हमने यह क्रूजर बाइक बनाई और एबजो मोर्टस कंपनी शुरू की।"
"बाइक को डिजाइन करने और बनाने में 5 साल लगे"
कांची पटेल ने आगे कहा,"हमने 2018 से रिसर्च शुरू की. धीरे-धीरे एक R&D टीम बनाई। इसके बाद साल 2019 में मैं और मेरे पिता टेस्ला की कंपनी देखने गए। जिसमें हमने समझा कि इलेक्ट्रिक व्हीकल कैसे बनाए जाते हैं। जिसमे हमने फाउंडेशन और फन्डामेन्टल्स के बारे में सीखा। यहां आकर हमने अपने तरीके से 3D मॉडल बनाए। इससे एक बड़ा फ्रेम बनाया गया। इसके बाद फाइनल प्रोटोटाइप आया, जिसमें इसे ज्यादा आरामदायक और अच्छा दिखने वाला डिजाइन किया गया।
उन्होंने आगे कहा,"हमारी बाइक की सीट विशेष रूप से हमारे द्वारा डिजाइन और निर्मित की गई है। बाइक के हैंडलबार्स को इस तरह से रखा गया है कि किसी को भी बहुत लंबा लगे नहीं और किसी को भी छोटा लगे नहीं। इसके अलावा फुट रेस्ट को इस तरह रखा गया है कि आराम मिले। इन सभी छोटी-छोटी चीजों को करने में 5 साल लग गए।”
"बाइक में लंबी बैटरी रेंज देना बड़ी चुनौती थी"
कांची पटेल ने कहा कि, ''एबजो को मेरे भाई ने डिजाइन किया था। जहां तक मुझे याद है, बैटरी में लंबी रेंज देना हमारे लिए एक चुनौती थी। अगर बाइक का वजन बढ़ेगा तो स्पीड नहीं मिलेगी। इसलिए स्पीड और रेंज लाने में बहुत समय लगा। जब मेरा डेंटिस्ट का आखिरी साल चल रहा था तो 8 से 9 विषयों की पढ़ाई करनी थी। लेकिन मेरा परिवार मेरा सपोर्ट सिस्टम था। जब मेरी एक्जाम चल रही होती थीं और बाइक का काम चल रहा होता था, तो वह मुझे समय देते थे और मुझ पर दबाव नहीं डालते थे। इस प्रकार हमारे बीच लगातार कम्युनिकेशन होता था और मेरे पास एक सपोर्ट सिस्टम थी।
कांची पटेल ने बताया,"बाइक का फ्रेम बनाते समय हमें इसका ध्यान रखना चाहिए। इसमें हमने कुछ अलग-अलग ट्रायल किए कि जो मोटर हम लगाएंगे वह परफेक्ट पावर देगी या नहीं। इसमें लगातार कंटीन्यूअस एरर एंड रिपीट करना पड़ा। बाइक ढाल सही तरह से चढ़नी चाहिए, रिवर्स मोड चालू होना चाहिए। हमने उन सभी को थोड़ा रिसर्च करके यह बाइक बनाई है।"
"मेरे माता-पिता और परिवार के सहयोग से यह बाइक अब बाज़ार में है"
कांची पटेल ने कहा, “यह यात्रा एक रोलरकोस्टर राइड की तरह थी। कई उतार-चढ़ाव आए और कभी-कभी ऐसा भी हुआ कि हमें लगा कि यह हमारी उम्मीद के मुताबिक काम करेगा या नहीं। मेरे माता-पिता ने मुझे हमेशा एक बात सिखाई है कि ज्यादा तनाव मत लो और आगे बढ़ो और काम करो
उन्होंने आगे कहा,"यदि आप मेहनत करेंगे तो आपको परिणाम मिलेगा, बैठोगे तो तनाव मिलेगा। इसलिए मैं अक्सर रिसर्च से लेकर फाइनल प्रोडक्ट तक आने वाली समस्याओं से तनावग्रस्त हो जाती थी, लेकिन मेरे पापा मुस्कुराते हुए कहते थे कि कोई समस्या नहीं है, अगली बार हो जाएगा।"
"ABZO का नाम मेरे दो डॉग के नाम पर रखा गया है"
अपनी कंपनी एब्जो के नाम के बारे में बात करते हुए कांची पटेल ने कहा, “मेरे दो डॉग एब्रिल और एंजो हैं। दोनों के नाम को मिलाकर हमने अपनी कंपनी का नाम एब्जो रखा है।' हालांकि, मैं एक एनिमल लवर हूँ और मेरा भविष्य का लक्ष्य एक बड़ा पशु आश्रय खोलना है।
इसके अलावा में यह भी बताना चाहती हूं की जो लोग किसी भी क्षेत्र में सफल होना चाहते हैं उनके लिए जो भी विचार आपके पास आते हैं उन्हें लिख लें। यदि आपने इसे लिख लिया है, तो आप इस पर आसानी से काम कर सकते हैं। अगर आप परिवार में दादा-दादी, पिता से हमेशा बात करेंगे तो उनके अनुभव से भी आपको बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।”
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